Bihar Politics: JP University से JP के विचारों को हटाने पर गुस्से में लालू यादव, कहा- बिहार सरकार इस पर तुरंत संज्ञान ले

बिहार के छपरा में मौजूद जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सिलेबस में कुछ बदलाव किया गया है जिसपर बवाल खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस पर दुःख जताया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-01 13:22 GMT

जेपी विश्वविद्यालय के सिलेबस से जेपी और लोहिया के विचारों को हटाने से नाराज लालू प्रसाद यादव: फोटो- सोशल मीडिया

Bihar Politics: बिहार के छपरा में मौजूद जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सिलेबस में कुछ बदलाव किया गया है जिसपर बवाल खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ( Lalu Prasad Yadav) ने इस पर दुःख जताया है। उन्होंने इस मसले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। ट्वीटर (Twitter) पर लालू यादव ने लिखा है कि यह फैसला बर्दाश्त से बाहर है। बिहार सरकार को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।

बिहार के छपरा विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से जय प्रकाश नारायण (Jai Prakasah Narayan) के विचारों को हटाये जाने से लालू यादव इस कदर दु:खी हैं कि उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि "30 साल पहले छपरा में मैंने जेपी यूनिवर्सीटी ( JP University) की स्थापना की थी। लेकिन अब संघी बिहार सरकार जेपी विश्वविद्यालय के सिलेबस से समाजवादी जेपी के विचारों को हटा रही है।" लालू यादव ने आगे लिखा है कि "संघी मानसिकता के पदाधिकारियों का यह फैसला बर्दाश्त से बाहर है। इस पर बिहार सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।"

पंडित दीनदयाल उपाध्यायय के विचार पाठ्यक्रम में होंगे शामिल

पदाधिकारियों ने यह फैसला किया है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी के स्थापना से ही समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, लोहिया के राजनीतिक विचारों के बारे में पढ़ाया जाता रहा है।

जयप्रकाश विश्वविद्यालय: फोटो- सोशल मीडिया

यूनिवर्सिटी के छात्रों में भी गुस्सा

गौरतलब है कि छपरा की जेपी यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान के पीजी कोर्स से जय प्रकाश नारायण के विचारों को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। जय प्रकाश विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के पीजी कोर्स जय प्रकाश नारायण के विचारों को हटाए जाने पर यूनिवर्सिटी के छात्रों में गुस्सा है। छात्रों का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ छात्र संघ मोर्चा भी खोल सकता है। छात्रों का कहना है कि नए सिलेबस से कोई समस्या नहीं हैं लेकिन जेपी के विचारों को भी रखना चाहिए था।

SFI ने भी जताया विरोध

SFI ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे नीतीश सरकार की विचारधारा का पता चलता है। एसएफआई ने यह भी कहा कि जयप्रकाश नारायण न केवल 1974-77 के सम्पूर्ण क्रांति के नायक थे, बल्कि उनकी विचारधारा मनुवाद से मेल भी नहीं खाती थी। जे पी की विचारधारात्मक पृष्ठभूमि समाजवादी रही है, यह जग जाहिर है। शायद यही उनके गले की हड्डी बन गई है।

Tags:    

Similar News