Bihar News: SDM की काली कमाई देख विजिलेंस के उड़े होश, करोड़ों की प्रॉपर्टी, असलहे का भी शौकीन अफसर
Bihar News: बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने कैमूर जिला के मोहनिया एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान मिले पैसों को देखकर स्पेशल विजिलेंस यूनिट के होश उड़ गए।
Bihar News: बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने कैमूर जिला के मोहनिया एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान मिले पैसों को देखकर स्पेशल विजिलेंस यूनिट के होश उड़ गए। छापेमारी के दौरान एसडीएम के पटना, मोहनिया और बेतिया स्थित तीनों ठिकानों से स्पेशल विजिलेंस यूनिट को डेढ़ करोड के मकान, 25 लाख रूपए बैंक में और एलआईसी में निवेश होने का पता चला है। सत्येंद्र प्रसाद के तीनों ठिकानों से 15 लाख के जेवरात भी बरामद किए गए। उनके सरकारी आवास पर तीन लाख रुपए का पिस्टल भी बरामद हुआ। एसडीएम के घर पर गुरुवार देर रात तक छापेमारी चलती रही।
Also Read
पटना में करीब 1.5 करोड़ की संपत्ति
बता दें कि स्पेशल विजिलेंस यूनिट को एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद के पास आय से अधिक 84.25 लाख रूपए की अवैध संपत्ति की जानकारी मिली थी। इसी जानकारी के आधार पर गुरुवार को मोहनिया स्थित सत्येंद्र प्रसाद के सरकारी आवास पटना में शास्त्रीनगर थाना के जयप्रकाश नगर स्थित प्रभु पैलेस अपार्टमेंट में इनके फ्लैट और बेतिया में इनके द्वारा निर्मित आवास और पैतृक स्थान सिरसिया में एक साथ छापेमारी शुरू की गई थी। पटना में इनकी मिली संपत्ति करीब 1.5 करोड़ रुपए की बताई गई है।
पत्नी के नाम संपत्ति और बेटी के नाम पर पॉलिसी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छापेमारी के दौरान एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद और उनकी पत्नी के नाम विभिन्न बैंको में खाते, एलआईसी, एचडीएफसी बैंक में 25 लाख रुपए के निवेश के बारे में जानकारी मिली है। पत्नी के सिकंदराबाद में बैंक खाता और संपत्ति होने के प्रमाण मिले हैं। स्पेशल विजिलेंस यूनिट इसकी भी जांच करवाएगी। सत्येंद्र प्रसाद ने अपनी बेटी के नाम पर 15 लाख रुपए एक साथ देकर 2019-20 में दो पालिसी खरीदी थी। इनके सरकारी आवास से एक तीन लाख रूपए की अत्याधुनिक पिस्टल बरामद की गई है।
बता दें कि मोहनिया के एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद 2010 बैच के अधिकारी हैं। मेहनिया में आने से पहले वह सीतामढ़ी और गया में एसडीओ जबकि ग्रामीण कार्य विभाग में विशेष कार्य अधिकारी रहे हैं। सत्येंद्र प्रसाद पर आरोप है कि इन्होने अपनी कम समय की सरकारी सेवा में गलत तरीके से अवैध संपत्ति बनाई हैं जो उनके वेतन और अन्य स्रोतों की तुलना में करीब 150 फीसदी ज्यादा है।