लालू यादव के लाल 'तेजस्वी' और 'तेज प्रताप यादव' दोनों जाएंगे जेल! जानें पूरा मामला
पटना में कृषि बिल के खिलाफ विरोध करने पर जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन दोनों के अलावा पप्पू यादव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
पटना: इस वक्त की सबसे बड़ी खबर बिहार से आ रही है। यहां आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।
पटना में कृषि बिल के खिलाफ विरोध करने पर जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन दोनों के अलावा पप्पू यादव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मालूम हो कि 25 सितंबर को कृषि बिल के खिलाफ सभी विपक्षी दलों ने भारत बंद की घोषणा की थी। वहीं बिहार में भी विपक्षी दल इस बंद का समर्थन करने सड़कों पर उतरे थे। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव राजद के कार्यकर्ताओं के साथ 10 सर्कुलर रोड से ट्रैक्टर चलाकर राजद पार्टी के ऑफिस पहुंचे थे।
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प्रतिबंधित जोन में प्रदर्शन करने का मामला
तेजस्वी और तेज प्रताप यादव 10 सर्कुलर से बेली रोड होते राजद कार्यालय पहुंचे जो प्रतिबंधित जोन है।
उधर दूसरी ओर जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने भी अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओ के साथ इनकम टैक्स से ट्रैक्टर चलाते हुए डाकबंगला चौराहा तक किसान बिल के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था।
ये पूरा क्षेत्र भी प्रदर्शकारियों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है। जिसके कारण पटना के कोतवाली थाना में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और पप्पू यादव समेत 100 लोगों पर एफआईआर कराई गई है।
पटना के कोतवाली थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 353 के तहत केस दर्ज हुआ है। जिसमें प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करना और कोरोना काल में बिना किसी अनुमति के 100 से ज्यादा लोगों के साथ सड़कों पर भीड़ जुटाना शामिल है।
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विधानसभा चुनाव के पोस्टर्स से लालू गायब
बिहार में तीन दशक की राजनीति में पहली बार ऐसा हो रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले पोस्टरों से लालू प्रसाद यादव गायब हैं और उनकी जगह पुत्र तेजस्वी यादव छाए हुए हैं।
इन पोस्टर्स को देखकर लालू के चाहने वालों में जहां निराशा है वहीं पार्टी की इस हरकत से लोग नाराज भी है। 1989 में जनता दल के गठन के बाद हुए चुनाव के बाद से लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में शीर्ष नेता के तौर पर पहचाने जाते रहे है। बिहार के हर चुनाव में चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो अथवा विधानसभा का। लालू यादव के पोस्टर हर जगह छाए रहते थे।
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