Bihar: नीतीश के मंत्री ने MLC चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को जिताने की कर दी अपील, ताकते रहे महागठबंधन के नेता-कार्यकर्ता

Bihar MLC Election: बिहार में ऐसे माहौल विधान परिषद के चुनाव हो रहे हैं। महागठबंधन और एनडीए दोनों पक्षों ने अपनी पूरी ताकत प्रचार अभियान झोंक रखी है।

Update:2023-03-29 17:19 IST
Surendra Ram (photo: social media )

Bihar MLC Election: लालू परिवार के खिलाफ ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रिय एजेंसियों की सक्रियता के कारण इन दिनों बिहार की राजनीति गरमाई हुई है। महागठबंधन की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भी तमाम तरह की अटकलें सियासी फिजा में तैर रही हैं। बिहार में ऐसे माहौल विधान परिषद के चुनाव हो रहे हैं। महागठबंधन और एनडीए दोनों पक्षों ने अपनी पूरी ताकत प्रचार अभियान झोंक रखी है। इस बीच सरकार के एक मंत्री ने चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को जिताने की अपील कर सनसनी मचा दी है।

मालूम हो कि गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संजीव श्याम और गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से पुनीत कुमार महागठबंधन की ओर से चुनाव मैदान में हैं। इन दोनों उम्मीदवारों को जीतने के लिए महागठबंधन के नेता इन दिनों जमकर प्रचार कर रहे हैं। इसी सिलसिले में नीतीश कैबिनेट में मंत्री सुरेंद्र राम और मंत्री जीतेंद्र राय आरा पहुंचे थे। जहां श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम की जुबान फिसल गई और उन्होंने विरोधी खेमे के उम्मीदवार को जिताने की अपील कर दी।

सुरेंद्र राम का चेहरा देखने लगे अन्य नेता

आरा के एक निजी रिसोर्ट में विधान परिषद चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए दोनों मंत्री सुरेंद्र राम और जीतेंद्र राय के अलावा जगदीशपुर विधायक राम विष्णु लोहिया, शाहपुर विधायक राहुल तिवारी और राजद के जिला अध्यक्ष बीरबल यादव जुटे। बैठक के बाद सभी नेता मीडिया से बात करने पहुंचे। इस दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए श्रम संसाधन सुरेंद्र राम बोल पड़े कि इस बार के एनडीए प्रत्याशियों को जिताएं।

उनकी जुबान जैसे ही फिसली मंत्री जितेंद्र राय और अन्य विधायक उनका चेहरा देखऩे लगे। राजद कोटे से महागठबंधन सरकार में मंत्री सुरेंद्र राम को जल्द अपनी गलती का आभास हो गया और उन्होंने फौरन इसमें सुधार करते हुए कहा महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की।

पहली बार के विधायक हैं सुरेंद्र राम

सुरेंद्र राम सारण जिले के दिघवारा प्रखंड के एक छोटे से गांव सैदपुर के रहने वाले हैं। पेशे से राजमिस्त्री रहे राम ने अपनी सियासी पारी की शुरूआत साल 2001 में की थी। वह पहली बार नगर पंचायत दिघवारा से वार्ड पार्षद बने थे, फिर उपाध्यक्ष बने। साल 2020 में उन्होंने पहली बार राजद के टिकट पर गड़खा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की।

2022 में महागठबंधन सरकार बनने के बाद राजद कोटे से मंत्रियों में उनका भी नाम शामिल था। इस तरह पहली बार के विधायक होने के बावजूद उन्होंने अन्य दिग्गजों को पछाड़ते हुए मंत्री पद हासिल कर लिया। उन्हें लालू परिवार के करीबियों में गिना जाता है।

Tags:    

Similar News