Poster war in Bihar: लालू के दोनों बेटों के बीच सियासी खींचतान, तेज प्रताप के पोस्टरों से गायब हुए तेजस्वी
Poster war in Bihar: लालू के दो बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच भीतर ही भीतर शीत युद्ध की आहट दिखाई दे रही है।
Poster war in Bihar: राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को लामबंद करने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर उनके ही परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। लालू के दो बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच भीतर ही भीतर शीत युद्ध की आहट दिखाई दे रही है। इसका संकेत तेज प्रताप यादव के छात्र संगठन की बैठक से मिला है।
इन पोस्टरों में लालू यादव (lalu yadav), राबड़ी देवी (Rabri Devi) और तेज प्रताप (tej pratap yadav) को तो प्रमुखता से स्थान दिया गया है मगर तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) का चेहरा पूरी तरह नदारद है। माना जा रहा है कि दोनों भाइयों के बीच अंदरखाने चल रही खींचतान के कारण ही पोस्टरों से तेजस्वी यादव को स्थान नहीं दिया गया है।
लालू की मुहिम पर बेटों की खींचतान भारी
चारा घोटाले के मामले में जेल से बाहर आने के बाद लालू यादव ने हाल के दिनों में अपनी सियासी सक्रियता बढ़ा दी है और वे भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को लामबंद करने की मुहिम में जुटे हुए हैं। हाल के दिनों में लालू की सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, एनसीपी के मुखिया शरद पवार और वरिष्ठ नेता शरद यादव से मुलाकात को इसी सिलसिले में देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि एक और तो लालू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने की मुहिम छेड़ रखी है मगर दूसरी ओर उनकी परिवार में ही जबर्दस्त खींचतान चल रही है।
सूत्रों का कहना है कि लालू के दोनों बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच पटरी बैठती नहीं दिख रही है। हालांकि लालू यादव तेजस्वी यादव को ही अपना सियासी उत्तराधिकारी बनाने का समय-समय पर संकेत देते रहे हैं मगर तेज प्रताप यादव भी खुद को स्थापित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उनके समर्थन में लगाए जाने वाले पोस्टरों से अक्सर तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब रहती है।
पार्टी कार्यालय पर भी तेजस्वी को जगह नहीं
दोनों भाइयों के बीच चल रही इस खींचतान का संकेत तेज प्रताप के छात्र संगठन की बैठक से भी मिला है। छात्र राजद की बैठक को लेकर पटना में कई स्थानों और राजद के कार्यालय पर भी बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेज प्रताप के अलावा छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव तक की तस्वीर लगाई गई है मगर तेजस्वी यादव को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।
मजे की बात यह है कि सिर्फ पटना की सड़कों पर ही नहीं बल्कि पार्टी दफ्तर तक पर लगाए गए पोस्टर से तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब होने के बाद सियासी हलकों में इस बात की काफी चर्चा हो रही है। जानकारों का कहना है कि शायद यह पहला मौका होगा जब पार्टी दफ्तर पर लगाए गए पोस्टर में भी तेजस्वी यादव को जगह नहीं दी गई है।
तेजप्रताप ने लिया तेजस्वी से बदला
वैसे तेजप्रताप समय-समय पर अपने भाषणों के जरिए भी इशारों में बहुत कुछ कहते रहे हैं। पिछले दिनों पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने खुद को लालू यादव के सिद्धांतों पर चलने वाला सिपाही बताया था। उस दिन अपने भाषण के दौरान उन्होंने बिना नाम लिए हुए पार्टी के कई नेताओं को निशाना भी बनाया था।
स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में हर जगह तेजस्वी यादव छाए हुए थे जबकि तेज प्रताप को पोस्टरों और होर्डिंगों में जगह नहीं दी गई थी। इस बात को लेकर तेजप्रताप नाराज भी बताए जा रहे थे। माना जा रहा है कि इसीलिए उन्होंने अपने कार्यक्रम से तेजस्वी यादव की तस्वीर को पूरी तरह हटा दिया है।
सियासी जानकारों का कहना है कि लालू यादव के दोनों बेटे अभी खुलकर एक-दूसरे पर हमला तो नहीं कर रहे हैं मगर दोनों की ओर से उठाए गए कदमों से यह साफ हो गया है कि दोनों के बीच भीतर ही भीतर खींचतान चल रही है। राजद का कोई भी नेता इस मुद्दे पर खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है।