साढ़े 3 साल बाद सिर्फ 3 मिनट बोल पाए लालू, वर्चुअल मीटिंग में ही गिरा ऑक्सीजन लेवल

लालू प्रसाद यादव साढ़े तीन साल बाद पार्टी नेताओं से वर्चुअल ढंग से मुखातिब हुए मगर वे करीब तीन मिनट ही बोल सके।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-05-09 16:25 GMT

लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव साढ़े तीन साल बाद पार्टी नेताओं से वर्चुअल ढंग से मुखातिब हुए मगर वे करीब तीन मिनट ही बोल सके। पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग के दौरान ही उनका ऑक्सीजन लेवल गिर गया और उन्होंने सभी से विदा ले ली। हालांकि उन्होंने वादा किया कि तबीयत ठीक होने पर आप लोगों के बीच जरूर आएंगे।

लालू के बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने मीटिंग से पहले ही सभी को लालू का स्वास्थ्य ठीक न होने की जानकारी दी थी। उनका कहना था कि स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण लालू यादव मीटिंग में ज्यादा नहीं बोल सकेंगे।
अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान लालू यादव ने पार्टी विधायकों से इस मुश्किल समय में लगातार सक्रिय रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह काफी मुश्किल समय है और बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है। ऐसे में सक्रिय रहकर अपने क्षेत्र के लोगों की मदद करने की जरूरत है।

मीटिंग की शुरुआत में ही तेजस्वी ने दी जानकारी

राजद नेताओं के वर्चुअल संवाद की शुरुआत में ही बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और लालू के बेटे तेजस्वी ने पार्टी नेताओं को लालू का स्वास्थ्य ठीक न होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद बीमार हैं और उनका ऑक्सीजन लेवल पचासी के आसपास है।
ऐसी स्थिति में वे ज्यादा देर तक नहीं बोल पाएंगे। हुआ भी ऐसा ही और लगभग तीन मिनट के संबोधन के बाद लालू यादव ने तबीयत ठीक होने पर लोगों के बीच आने का वादा करके अपना संबोधन समाप्त कर दिया।

गायब था लालू का लुभावना अंदाज

टीशर्ट पहनकर वर्चुअल संवाद में हिस्सा लेने वाले लालू प्रसाद की आवाज काफी भारी लग रही थी और संबोधन के दौरान भी उनकी सांस फूलती हुई दिखी। वे रुक-रुक कर बोल रहे थे। लालू प्रसाद अपनी रैलियों में बेबाक अंदाज में संबोधन के लिए जाने जाते रहे हैं मगर आज संवाद के दौरान उनका वह लुभावना अंदाज पूरी तरह गायब था।
हालांकि लालू प्रसाद के वर्चुअल संवाद से पार्टी नेताओं में खुशी की लहर दिख रही थी मगर जिस तरह लालू संबोधन के दौरान ही बेहद थके हुए नजर आए, उससे पार्टी के लोगों को निराशा भी हुई।

स्वस्थ होते ही लोगों के बीच आने का वादा

संबोधन के दौरान लालू प्रसाद ने कोरोना संकट से परेशान बिहार के लोगों के प्रति चिंता जताई और कहा कि स्वस्थ होते ही मैं आप लोगों के बीच जरूर आऊंगा। इस दौरान आप लोग पूरी सक्रियता से क्षेत्र के गरीब लोगों की सेवा में जुटे रहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लाखों लोगों की मौत हुई है और चारों तरफ तबाही का मंजर दिख रहा है। ऐसे में हर किसी का फर्ज है कि वह जनता की भरपूर सेवा करे। उन्होंने कहा कि बीमार होने के कारण वे कहीं भी आने-जाने में सक्षम नहीं है मगर ठीक होने पर बिहार के लोगों के बीच जरूर आएंगे।

लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

तेजस्वी ने बोला नीतीश सरकार पर हमला

राजद नेताओं की मीटिंग की शुरुआत करते हुए प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में सरकारी अस्पतालों की खराब स्थिति की ओर सबका ध्यान खींचा और कहा कि सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि लोग वहां जाना ही नहीं चाहते।
उन्होंने नीतीश सरकार पर कोरोना संकट से निपटने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पटना से बाहर पूरे बिहार में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा नहीं है और इस कारण बिहार के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लालू रसोई से मिलेगा गरीबों को भोजन

बैठक में शेखपुरा के विधायक विजय सम्राट ने कहा कि कोरोना संक्रमण में बिहार सरकार पूरी तरह सोई हुई है और लोगों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि मुसीबत की इस घड़ी में अब लालू रसोई के माध्यम से गरीब लोगों को भोजन मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इस संकट काल में लोगों की हर संभव मदद करनी चाहिए।

जदयू ने मीटिंग पर जताई तीखी प्रतिक्रिया

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की इस वर्चुअल मीटिंग पर जनता दल यू ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लालू यादव को जो करना हो, वह करें। इससे बिहार में अब कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
उन्होंने कहा कि लालू यादव को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि उन्हें हाईकोर्ट ने राजनीति करने के लिए जमानत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि राजद के नेता सिर्फ ट्वीट और सोशल मीडिया के जरिए राजनीति करने में जुटे हुए हैं और ऐसे लोगों को बिहार के लोग कोई महत्व नहीं देते।


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