फिर RBI ने की बड़ी कार्रवाई, 3 NBFC का रद्द किया लाइसेंस, इसलिए लिया एक्शन
एनबीएफसी का व्यवसाय बीते काफी दिनों से एकदम सुस्त पड़ा हुआ था। जिस वजह से RBI ने तीन NBFC का लाइसेंस रद्द कर दिया है। जबकि छह अन्य एनबीएफसी ने अपना लाइसेंस रद्द कर दिया है।
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा तीन नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (Non Banking Finance Companies- NBFC) का लाइसेंस रद्द कर दिया गाय है। इसके अलावा अन्य छह एनबीएफसी ने केंद्रीय बैंक के सामने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। बताया जा रहा है कि एनबीएफसी का व्यवसाय बीते काफी दिनों से एकदम सुस्त पड़ा हुआ था। जिस वजह से RBI ने तीन NBFC का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
किस वजह से रद्द किया गया लाइसेंस
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक इससे पहले भी बिजनेस नहीं करने की वजह से कई एनबीएफसी का लाइसेंस रद्द कर चुकी है। जबकि कुछ NBFC बिजनेस ना होने के चलते अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया था। जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी और इसके चलते लागू हुए लॉकडाउन की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ गई थीं, जिस वजह से NBFC को काम करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
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वहीं, मार्केट में लोन की मांग ना होने की वजह से बीते काफी दिनों से नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) का बिजनेस काफी सुस्त पड़ा हुआ था। इसी वजह से भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन एनबीएफसी का लाइसेंस रद्द कर दिया, जबकि छह ने खुद ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया।
NBFC का क्या होता है काम?
आपको बता दें कि NBFC देश के Bank और Market से पैसे उधार लेकर ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र में छोटा बिजनेस करने वाले व्यापारियों को लोन उपलब्ध कराती है। NBFC का इंटरेस्ट रेट यानी ब्याज दर बैंक की तुलना में थोड़ा ज्यादा होता है। हालांकि इसमें कर्ज लेने के लिए ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ती है, जिस वजह से लोगों को आसानी से लोन मिल जाता है।
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इन कंपनियों का रद्द हुआ लाइसेंस
RBI ने जिन एनबीएफसी का लाइसेंस रद्द किया है, उनमें- यूपी की अभिनव हायर परचेस, गुरुग्राम की जुपिटर मैनेजमेंट सर्विसेस और असम की NE Leasing and Finance शामिल है। वहीं जिन कंपनियों ने सरेंडर किया है, उनमें नोएडा की रघुकुल ट्रेडिंग, वाराणसी की दिव्या टाय-अप, नई दिल्ली की गिरनार इनवेस्टमेंट, अंधेरी (मुंबई) च्वाइस इंटरनेशनल, जयपुर की देव्यानी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड क्रेडिट्स और गुवाहाटी की जेके बिल्डर्स एंड प्रॉपर्टी डेवलपर्स शामिल हैं।
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