SBI में फर्जी दस्तावेज जमा देकर की 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, CBI ने बायोफ्यूल फर्म के खिलाफ की FIR दर्ज

भारतीय स्टेट बैंक के साथ 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में CBI ने बैंगलोर स्थित एक बायोफ्यूल फर्म के खिलाफ FIR दर्ज की है। CBI ने FIR में यह आरोप लगाया गया है कि लोन लेने के लिए जमीन के फर्जी दस्तावेज जमा किए थे।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-11-11 03:25 GMT

SBI में फर्जी दस्तावेज जमा देकर की 14 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी। (Social Media) 

भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के साथ 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में CBI ने बैंगलोर स्थित एक बायोफ्यूल फर्म के खिलाफ FIR दर्ज की है। CBI ने FIR में यह आरोप लगाया गया है कि अंकित बायोफ्यूल्स एलएलपी ने 14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के लिए 2015 के अगस्त महीने में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) की राजाजी नगर स्थित शाखा से संपर्क किया था। फर्म की ओर से बायोमास से ब्रिकेट और छर्रों के निर्माण और कर्नाटक के तुमकुरु में एक प्लांट और मशीनरी स्थापित करने के लिए सहायता मांगी गई थी।

ये था पूरा मामला

तेलंगाना (Telangana) के रंगारेड्डी जिले (Rangareddy district) में जी पुलम राजू और के. सुब्बा राजू, जी के स्वामित्व वाली 56 एकड़ और 36 गुंटा भूमि के गिरवी रखे जाने पर कोलेटरल सेक्योरिटी के विरूद्ध बैंक की ओर से सीमा स्वीकृत की गई थी। बैंक ने 19 नवंबर, 2015 को भू लोन दे दिया, हालांकि भुगतान न करने के कारण, खाते को 28 जून, 2017 को नॉन पर्फार्मिंग एसेट (NPA) के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया था।

इसमें यह आरोप लगाया गया है कि बैंक द्वारा की गई आंतरिक जांच से पता चला है कि गिरवी रखी गई संपत्ति जी पुल्लम राजू और के सुब्बा राजू के नाम पर पूरी तरह नहीं थी और उनके पास कुछ ही हद तक जमीन का मालिकाना हक था। आगे यह भी पता चला कि गारंटरों ने भारतीय स्टेट बैंक से लोन (State Bank Of India Loan) सुरक्षित करने के लिए बिना किसी सीमांकित भूमि रिकॉर्ड का फर्जी पट्टा-पासबुक (टाइटल बुक) प्रस्तुत किया था। आंतरिक जांच से यह भी पता चला कि वही संपत्तियां आईएफसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड (IFC Venture Capital Fund Limited) के पास भी गिरवी रखी गई थीं।

ये हैं आरोपी

सीबीआई (SBI) ने अंकित बायोफ्यूल्स एलएलपी (Ankit Biofuels LLP), इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी.बी. आराध्या (Chief Executive Officer G.B. aaradhya), पूर्व प्रमोटर के. वेंकटेश, मौजूदा पार्टनर- जे हालेश, अरुण डी. कुलकर्णी, जी. पुलम राजू, के.सुब्बा राजू, थिरुमलैया थिम्मप्पा और अज्ञात सरकारी अधिकारी को मामले में आरोपी बताया है।

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