Assembly Election Results 2022: तृणमूल का कांग्रेस पर निशाना, कहा ममता के साथ आ जाओ

Assembly Election Results 2022: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया है, जिस पर टीएमसी ने पार्टी पर निशाना साधा है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update:2022-03-11 11:00 IST

राहुल गांधी-फिरहाद हकीम (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Assembly Election Results 2022: उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) की हार पर तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress- TMC) ने निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी "राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को टक्कर देने में विफल रही है"। टीएमसी नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस को टीएमसी के साथ विलय (Congress Merge With TMC) करना चाहिए और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व में हाथ मिला लेना चाहिए क्योंकि सिर्फ वहीं भाजपा को हरा सकती हैं। 

टीएमसी नेता और राज्य के परिवहन और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम (Firhad Hakim) ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी क्यों गायब हो रही है। हम भी इस पार्टी का हिस्सा थे। कांग्रेस का टीएमसी में विलय होना चाहिए। यह सही समय है। तब राष्ट्रीय स्तर पर महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के सिद्धांतों पर हम (नाथूराम) गोडसे के सिद्धांतों के खिलाफ लड़ सकते हैं।

टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने भी हाकिम की बात को दोहराया। उन्होंने कहा, 'हमने लंबे समय से कहा है कि कांग्रेस भाजपा जैसी ताकत के खिलाफ नहीं लड़ सकती। बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए हमें ममता बनर्जी जैसे नेता की जरूरत है। कांग्रेस को यह समझना चाहिए।" 

राहुल गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

कांग्रेस खुद को ट्विटर तक सीमित करके खुश है

इससे पहले, टीएमसी के मुखपत्र, 'जागो बांग्ला' ने कई मौकों पर कांग्रेस पर "भाजपा के खिलाफ विपक्षी ताकतों का एक शक्तिशाली गठबंधन बनाने के बजाय खुद को ट्विटर तक सीमित रखने" का आरोप लगाया था। अखबार ने एक संपादकीय में कहा, "हम भाजपा का विकल्प चाहते हैं, भाजपा के खिलाफ गठबंधन। हम कई बार कह चुके हैं, यहां तक कि कांग्रेस को भी। हालांकि, ऐसा लगता है कि यह कम से कम परेशान है। हमारी नेता (ममता बनर्जी) ने गठबंधन के लिए एक रूपरेखा, एक संचालन समिति, एक नीति और इस दिशा में कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि, कुछ नहीं किया गया है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस खुद को ट्विटर तक सीमित करके खुश है।"

टीएमसी ने गोवा के तटीय राज्य में वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरो (Luizinho Faleiro) को अपने पाले में खींचकर कांग्रेस (Congress) को झटका दिया।

हालांकि, टीएमसी गोवा में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रही और उसे एक भी सीट नहीं मिली। उनकी चुनावी सहयोगी, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (MGP) ने दो सीटें जीतीं और कहा है कि वे भाजपा का समर्थन करेंगे। इससे टीएमसी भी लाल हो गई है। कुणाल घोष ने कहा, "हमने गोवा में पहली बार चुनाव लड़ा और हमें मिले वोट शेयर से संतुष्ट हैं। लेकिन, एमजीपी ने क्या फैसला किया, इस पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते। हमें उस फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है।  

अधीर रंजन चौधरी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

कांग्रेस ने टीएमसी को बताया भाजपा का एजेंट

इस बीच बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी के प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि टीएमसी भाजपा की सबसे बड़ी एजेंट है। अगर वे भाजपा के खिलाफ लड़ने को लेकर गंभीर हैं तो उन्हें कांग्रेस में विलय कर लेना चाहिए।

दूसरी तरफ भाजपा नेतृत्व ने गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election) में टीएमसी के प्रदर्शन पर तंज कसा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार (Sukanta Majumdar) ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी हमारे प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे। विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि पश्चिम बंगाल के बाहर टीएमसी कहीं नहीं है। अब उन्हें तय करना चाहिए कि विपक्ष का चेहरा कौन होगा, ममता या केजरीवाल। 

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