Assembly Elections 2022: चुनाव प्रचार को लेकर जारी प्रतिबंधों को कम करने या बढ़ाने पर आज सोमवार को लेगा चुनाव आयोग फैसला

Assembly Elections 2022: कोरोना महामारी (corona pandemic) के बढ़ते खतरे के बीच देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावी राज्यों में कोरोना के खतरे से निपटते हुए चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराना केंद्रीय चुनाव आय़ोग (election commission) के सामने एक बड़ी चुनौती है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-01-30 17:36 GMT

New Delhi: कोरोना महामारी (corona pandemic) के बढ़ते खतरे के बीच देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों ने जहां तीसरे लहर के आशंका को हकीकत में तब्दिल कर दिया है। ऐसे में चुनावी राज्यों में कोरोना के खतरे से निपटते हुए चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराना केंद्रीय चुनाव आय़ोग के सामने एक बड़ी चुनौती है। कोरोना के प्रकोप देखते हुए आयोग ने 31 जनवरी तक बड़ी रैलियों, सभाओं और रोड शो को प्रतिबंधित कर दिया था। शूरूआत में ये 22 जनवरी तक था, लेकिन बाद में इसे 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया। हालांकि इस दौरान घर घर प्रचार करने की छूट दी गई।

सोमवार को होगी EC की अहम बैठक

चुनाव आयोग की ये मियाद कल यानि सोमवार 31 जनवरी को खत्म हो रही है। ऐसे में आयोग के अगले कदम पर राजनीतिक दलों की पैनी नजर है। चुनाव आयोग इस संबंध में कल ही एक बैठक करने जा रहा है, जिसमे इन प्रतिबंधों पर चर्चा की जाएगी। आयोग पांच राज्यों में कोरोना के खतरे को आंकते हुए चुनाव प्रचार में लगे प्रतिबंधों में ढील अथवा सख्ती बढ़ाने का फैसला करेगा।

सूत्रों के अनुसार आयोग चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा करेगा। इस दौरान बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, मुख्य सचिवों और पांच राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शिरकत करेंगे। सूत्रों की माने तो चुनाव आयोग प्रतिबंधों में ज्यादा ढील देने के मूड में नहीं है। हालांकि पहले से थोड़ी ढील बरती जाएगी।

राज्यों में चुनावी कार्य़क्रम

देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावी कार्य़क्रम 10 फरवरी से लेकर मतगणना की तारीख 10 मार्च तक है। पांच राज्यों में चुनाव कुल सात चरणों में होंगे। चुनाव आयोग ने 14 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए 1 फरवरी से सार्वजनिक सभा करने की अनुमति दी है। गौरतलब है कि प्रतिबंधों के कारण अब तक चुनाव प्रचार का ज्यादा काम डिजिटली हो रहा है। ऐसे में राजनीतिक दल बड़ी बेसब्री से बड़ी सभाएं करने का इंतजार कर रहे हैं ताकि विरोधियों को अपनी ताकत का ऐहसास कराया जा सके।

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