Farmers Protest: कनाडा के स्कूलों में भारत के किसान आंदोलन की पढ़ाई

Farmers Protest : कनाडा स्थित भारतीय कॉन्सुलेट ने कनाडा की सरकार को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि स्कूली पाठ्यक्रम से किसान आंदोलन की जानकारियों को हटा दिया जाए क्योंकि इससे दोनों देशों के संबंध खराब हो सकते हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shivani
Update:2021-06-21 12:46 IST

Farmers Protest : कनाडा के स्कूलों में भारत के किसान आंदोलन के बारे में शिक्षा दी जा रही है। स्कूली बच्चों के भूगोल और सामाजिक न्याय के कोर्स में किसान आंदोलन का जिक्र जोड़ दिया गया है। इस मसले पर भारत की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई है।

दरअसल कनाडा के ओंटारियो प्रान्त में स्कूली बच्चों को किसान आंदोलन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देना शुरू किया गया है। इसकी वजह इस प्रान्त में सिख समुदाय की बड़ी संख्या है। इसके अलावा भारत से आये अन्य समुदायों के लोग भी बड़ी संख्या में यहां बसे हुए हैं। सिख समुदाय के बच्चों को ध्यान में रखकर किसान आंदोलन के बारे में जानकारियां जोड़ी गईं हैं। कुछ टीचरों का कहना है कि कनाडाई सिखों की जड़ें भारत से जुड़ी हैं, उनके परिवार, रिश्तेदार आंदोलन में भाग ले रहे हैं सो उस आंदोलन की जानकारी देना आवश्यक है। दूसरी ओर, किसान आंदोलन की शिक्षा से भारतीय समुदाय में आपत्तियां भी हैं।
कनाडा स्थित भारतीय कॉन्सुलेट ने कनाडा की सरकार को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि स्कूली पाठ्यक्रम से किसान आंदोलन की जानकारियों को हटा दिया जाए क्योंकि इससे दोनों देशों के संबंध खराब हो सकते हैं।

कॉन्सुलेट ने लिखा पत्र

टोरंटो स्थित भारतीय कॉन्सुलेट किसान आंदोलन की पढ़ाई देने पर आपत्ति जताई है। एक पत्र में कॉन्सुलेट ने कहा है कि किसान आंदोलन संबंधी शिक्षण सामग्री सुरक्षा के लिए खतरा है और ये भारत व कनाडा के संबंधों में जहर घोल सकता है। कॉन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया ने लिखा है कि टोरंटो, पील और यॉर्क क्षेत्रों में प्राथमिक व हाईस्कूल के छात्रों को दी जा रही शिक्षा से ओंटारियो में भारतीय समुदायों के बीच शांति व सौहार्दपूर्ण संबंध खराब हो सकते हैं। कॉन्सुलेट जनरल ने ओंटारियो के इंटरनेशनल रिलेशन्स एंड प्रोटोकॉल कार्यालय से आग्रह किया है कि वे कनाडा के अधिकारियों को सतर्क करें, इस बात की जांच शुरू की जाए कि क्या पढ़ाया जा रहा है। स्कूली बोर्ड्स को स्थिति के बारे में समझाया जाए ताकि वे इस प्रकार के नफरत भरे और झूठी सामग्री को तत्काल हटा दें।


विश्व सिख संगठन की आपत्ति

कॉन्सुलेट जनरल के पत्र को कनाडा के विश्व सिख संगठन ने सूचना के अधिकार के तहत हासिल किया और उसे मीडिया में जारी किया है। सिख संगठन के कानूनी सलाहकार बलप्रीत सिंह ने इस पत्र के बारे में कहा कि इसके जरिये गंभीर आरोप लगाए गए हैं जो पूरी तरह आधारहीन हैं।
कनाडा की सीबीसी न्यूज़ के अनुसार उसने भारतीय कॉन्सुलेट से संपर्क किया तो उन्होंने स्वीकार किया कि पत्र भेजा गया है।
दूसरी ओर ओंटारियो के शिक्षा मंत्री स्टीफेन लेस ने स्कूली बच्चों के पेरेंट्स से मुलाकात की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि सरकार मानवाधिकारों के प्रति कृतसंकल्प है और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी छात्रों को सम्मान मिले।
इस बीच ओंटारियो प्रान्त के पील स्कूल बोर्ड ने बताया कि उनको कॉन्सुलेट जनरल का पत्र मिला है। स्कूल ने कहा कि उनको किसान आंदोलन की जानकारी है। स्कूल ने टीचरों पर आंदोलन के बारे में चर्चा करने पर कोई रोक नहीं लगाई है।
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