शिवराज के बार-बार दिल्ली दौरों से सियासी अटकलें तेज, आखिर क्या है शीर्ष नेताओं से मंथन का मकसद

हाल के दिनों में भाजपा ने कई राज्यों के नेतृत्व में बदलाव किया है । मुख्यमंत्री के रूप में नए चेहरों को मौका दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update: 2021-09-24 09:12 GMT

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोटो : सोशल मीडिया ) 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के बार-बार दिल्ली दौरे (dilli daura) के कारण राज्य में सियासी अटकलों का बाजार गरम होता जा रहा है। पिछले दो महीने के दौरान मुख्यमंत्री चौहान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने के लिए कई बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। दो दिन पहले वे फिर दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda)  से मुलाकात करके राज्य के सियासी हालात पर चर्चा की थी। चौहान के करीबी सूत्रों का कहना है कि अगले सप्ताह उनका फिर दिल्ली जाने का कार्यक्रम है।

हाल के दिनों में भाजपा ने कई राज्यों के नेतृत्व में बदलाव किया है । मुख्यमंत्री के रूप में नए चेहरों को मौका दिया है। ऐसे में चौहान की बार-बार दिल्ली यात्राओं को लेकर राजधानी भोपाल (Bhopal) में सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि अभी तक किसी नेता ने नेतृत्व परिवर्तन के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है । मगर चौहान के दिल्ली यात्राओं को लेकर सवाल जरूर उठाए जा रहे हैं।

भाजपा कर रही कामकाज की समीक्षा

हाल के दिनों में भाजपा ने कर्नाटक (Karnataka) , गुजरात (Gujarat) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में नेतृत्व परिवर्तन किया है। गुजरात में तो भाजपा ने पहली बार विधानसभा का चुनाव (Vidhansabha Election ) जीतने वाले भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) की मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी की है। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता माने जाने वाले बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) की जगह बसवराज बोम्मई को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। उत्तराखंड में भी तमाम वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी को दरकिनार करते हुए युवा नेता पुष्कर सिंह (Pushkar Singh) धामी में पार्टी हाईकमान ने विश्वास जताया है।

जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से अपनी सरकार वाले सभी राज्यों में व्यापक समीक्षा का कार्य किया जा रहा है। पार्टी की ओर से चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए राज्यों में बदलाव भी किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा में भी पार्टी की ओर से समीक्षा का काम किया जा रहा है। इन सभी राज्यों में इसी कारण सियासी हलचल काफी तेज दिख रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाल में किए गए कई दिल्ली दौरों के कारण भी सियासी अटकलें शुरू हो गई हैं।

अगले हफ्ते फिर दिल्ली जाएंगे शिवराज

पार्टी से जुड़े जानकार सूत्रों का कहना है कि पिछले दो महीने के दौरान शिवराज सिंह चौहान पांच बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। अपनी दिल्ली यात्राओं के दौरान उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के साथ ही अन्य केंद्रीय नेताओं से भी मुलाकात की है। वह बुधवार को भी दिल्ली दौरे पर पहुंचे थे। अब अगले हफ्ते उनका फिर दिल्ली आने का कार्यक्रम है।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि चौहान का बार-बार दिल्ली दौरा किस सिलसिले में हो रहा है। बुधवार को चौहान ने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लंबी चर्चा की थी। अब अगले हफ्ते उनका केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का कार्यक्रम तय बताया जा रहा है। चौहान के दिल्ली दौरों के कारण राज्य में सियासी अटकलों को और बल मिला है।

मध्य प्रदेश के सियासी हालात अलग

मध्य प्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव में समय है। इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व भी किसी जल्दबाजी में नहीं है। मध्य प्रदेश के सियासी हालात अन्य राज्यों से अलग हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनी थी । मगर बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस के कई विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था।

इसके बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर राज्य की कमान संभाल ली। विधानसभा चुनाव के दौरान चौहान की अगुवाई में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था । मगर फिर भी भाजपा ने चौहान के नेतृत्व में ही भरोसा जताया। अब पार्टी को राज्य में आगे की रणनीति तय करनी है और इसी को लेकर लगातार मंथन का दौर चल रहा है।

लोकसभा उपचुनाव पर भी चर्चा

इसके साथ ही भाजपा को जल्द ही खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी लड़ना है। अभी तक आयोग की ओर से उपचुनाव की तारीख का एलान नहीं किया गया है । मगर माना जा रहा है कि जल्द ही खंडवा में उपचुनाव हो सकता है। माना जा रहा है कि त्योहारों के बाद यह उपचुनाव कराया जा सकता है। इसे लेकर भी पार्टी नेतृत्व की मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि वैसे तो ऊपरी तौर पर राज्य में सब कुछ दुरुस्त दिख रहा है मगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मध्य प्रदेश को लेकर भी लगातार मंथन में जुटा हुआ है, जिसके नतीजे आने वाले दिनों में दिख सकते हैं।

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