Booster Dose in India: बूस्टर डोज़ पर बदल सकती है सरकार की नीतियां, जल्द हो सकता है बड़ा ऐलान

Booster Dose in India: कोरोना से लड़ने में अभीतक सबसे कारगर वैक्सीन यानी टिका रहा है, लेकिन टीके के परिणाम भी शत-प्रतिशत नहीं है।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Monika
Update:2022-01-27 10:21 IST

भारत में बूस्टर डोज़ (फोटो : सोशल मीडिया )

Corona In India: भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (coronavirus third wave) के तेज़ी से फैलने के बाद प्रशासन की चिंता में व्यापक बढ़ोत्तरी हुई है। बीते दो दिनों पूर्व ही भारत में कुल संक्रमित मामलों का आंकड़ा 4 करोड़ की संख्या पर कर गया है तथा इसी के साथ कुल सक्रिय मामले भी 20 लाख से अधिक पर पहुंच गए है।

ऐसे में कोरोना से लड़ने में अभीतक सबसे कारगर वैक्सीन (Corona vaccine) यानी टिका रहा है, लेकिन टीके के परिणाम भी शत-प्रतिशत नहीं है। तीसरी लहर में कई ऐसे लोग भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिन्होंने टीके की दोनों खुराकें ले रखी हैं। ऐसे में भारत में कोरोना टीके की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज़ की मांग तेज़ हो गयी है।

आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों में बूस्टर डोज़ (booster dose)  पूर्ण क्षमता से लग चुकी है लेकिन भारत में अभीतक आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों जैसे पुलिसकर्मियों (policemen) , स्वास्थ्यकर्मियों (health workers), आदि को बूस्टर डोज़ लगाई जा रही है।

हालांकि इसी बीच एक खबर सामने आ रही है कि सभी को बूस्टर डोज़ दिए जाने पर अभी शंसय बना हुआ है, जिसके चलते सरकार बूस्टर डोज़ को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव कर सकता है। संबंधित वैज्ञानिकों ने मामले के बारे में जानकरी देते हुए कहा कि-"कोविड वैक्सीन की तीसरी खुराक के लाभ अन्य आयु समूहों के विस्तार के योग्य नहीं हो सकते हैं।"

संबंधित अधिकारियों की मानें तो बूस्टर डोज में बदलाव का अतिरिक्त हालाँकि अभी 'एहतियाती खुराक' स्वास्थ्य कर्मियों और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को सरकारी योजना के तहत दी जा सकती है।

आँख बंद करके दूसरे देशों ने जो किया उसका पालन नहीं करेंगे

बूस्टर डोज़ को लेकर सरकार द्वारा नीतियां बदलने का सबसे अहम कारण यह है कि बूस्टर खुराक ने अभीतक किसी भी देश में संक्रमण के मामलों को कम करने में मदद नहीं की है। इसी के मद्देनज़र भारत के संबंधित अधिकारियों का कहना है कि हम आँख बंद करके दूसरे देशों ने जो किया है उसका पालन नहीं करेंगे, हमें अपने देश में चल रही वर्तमान स्थिति और भारत में संक्रमण के प्रसार के मद्देनजर हालात का आंकलन करने के पश्चात ही कोई निर्णय लेना होगा।

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