Corona Vaccination: पटरी से उतर रहा वैक्सीनेशन, केंद्र और राज्य तकरार में उलझे
Corona Vaccination: मात्र 11 फीसदी लोग ही वैक्सीन की एक खुराक पा सके हैं। दोनों खुराक पाने वालों की संख्या 3.8 फीसदी है।
Corona vaccination: कोरोना वैक्सीनेशन का काम बेपटरी है। अभी तक मात्र 11 फीसदी लोग ही वैक्सीन की एक खुराक पा सके हैं। दोनों खुराक पाने वालों की संख्या मात्र 3.8 फीसदी है। वैसे केंद्र सरकार का दावा है कि इस साल दिसंबर तक सभी को टीका लग जायेगा। ये दावा किस बुनियाद पर है, ये साफ नहीं है।
फिलहाल तो स्थिति ये है कि राज्य वैक्सीन की कमी झेल रहे हैं। कई राज्यों ने ग्लोबल टेंडर निकाले लेकिन उसका कोई रिजल्ट नहीं निकला। किल्लत के चलते 18 से 44 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन कई राज्यों में बाधित है। दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल केंद्र की वैक्सीन नीति पर खरी खरी सुना चुके हैं।
केंद्र ने राज्यों को दे दी जिम्मेदारी
केंद्र सरकार ने 19 अप्रैल से 18 वर्ष से ऊपर की जनता के लिए वैक्सीनेशन तो खोल दिया लेकिन वैक्सीन पाने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी। केंद्र सरकार का कहना है कि कोरोना वैक्सीन सप्लाई की पॉलिसी अब उदार कर दी गई है और राज्यों को स्वयं सप्लाई पाने का अधिकार दिया गया है। ये काम अब सिर्फ केंद्र के नियंत्रण में नहीं है।
1 मई से वैक्सीन सप्लाई की नई नीति प्रभावी हुई है जिसके तहत भारत के वैक्सीन निर्माताओं को इजाजत दी गई है कि वे अपनी सप्लाई का 50 फीसदी हिस्सा केंद्र को दें और 50 फीसदी हिस्सा राज्यों और निजी सेक्टर को खुले बाजार में दें। नई नीति के तहत राज्यों को दो स्रोतों से वैक्सीन मिलेगी। एक तो केंद्र से जिसे 45 वर्ष से ऊपर वालों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जाएगा। ये वैक्सीन केंद्र के हिस्से से मिलेगी और इसका आधार संक्रमण की दर, वैक्सीनेशन की दर और वेस्टेज की दर होगा।
बाकी 50 फीसदी राज्य खुद निर्माताओं से खरीदेंगे जिसे 18 से 44 वर्ष की उम्र वालों को लगाया जाएगा, लेकिन एक पेंच भी है। वह ये कि केंद्र ने जनसंख्या के आधार पर राज्यों की सीधी खरीद पर लिमिट बांध दी है। इसके अलावा राज्य अपने हिस्से की जो खरीद करेंगे उसका 50 फीसदी अपने राज्य के निजी सेक्टर के साथ शेयर करना होगा।
फाइजर से उम्मीद
बहरहाल, वैक्सीन की कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार काम में लगी हुई है। विदेशी कम्पनियों को नियमों में ढील दी गई है। अब बिना ट्रायल के यहां वैक्सीनों को लांच किया जा सकेगा। सरकार कंपनियों को कानूनी सुरक्षा भी देने की ढील दी सकती है। लेकिन इतना होने के बावजूद सप्लाई शुरू होने में समय लगेगा। सबसे करीबी उम्मीद फाइजर से है जिसने कहा है कि वो 5 करोड़ खुराकें जुलाई में देने को तैयार है। लेकिन वो अपनी शर्तों पर ही सप्लाई करेगा। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक 5 की सप्लाई तब शुरू हो पाएगी जब डॉ रेड्डीज लैब प्रोडक्शन शुरू करेगी। अभी तो स्पूतनिक की मात्र 3 लाख खुराकें रूस से आईं हैं।