Delhi Jahangirpuri Violence: आयोजक दिल्ली पुलिस से बोले- हनुमान जयंती के लिए ली थी अनुमति
पुलिस का आरोप है, कि बगैर इजाजत हनुमान जन्मोत्सव शोभायात्रा निकाली गई थी। गौरतलब है कि, शोभायात्रा जब जहांगीरपुरी इलाके से गुजर रही थी तब एक समुदाय के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की।
Delhi Jahangirpuri Violence: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर भड़की हिंसा को लेकर मंगलवार को बड़ी जानकारी सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने अब बजरंग दल (Bajrang Dal) और विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) से संबद्ध शोभायात्रा (Shobha Yatra) के दो आयोजकों (Organizers) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है।
पुलिस का आरोप है, कि बगैर इजाजत के हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर शोभायात्रा निकाली गई थी। गौरतलब है कि, शोभायात्रा जब जहांगीरपुरी इलाके से गुजर रही थी तब एक समुदाय के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की। जिसके बाद हिंसा भड़क गई। उसके बाद अब तक पुलिस कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
'बगैर इजाजत निकाली यात्रा'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 अप्रैल को यानी हनुमान जयंती से एक दिन पहले प्रेम शर्मा और ब्रह्म प्रकाश नामक शख्स ने शोभायात्रा निकालने की इजाजत मांगी थी। जिस पर दिल्ली पुलिस का कहना है कि, इस तरह की शोभायात्रा के लिए इलाके के डीसीपी से अनुमति (Permission) लेना आवश्यक है। इसके बाद अगले दिन बिना इजाजत के लिए लोगों को जमा किया गया और बिना मंजूरी लिए जुलूस, शोभायात्रा निकाली गई।
आयोजक ने दी सफाई, कहा- जांच हो
अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए शोभायात्रा के आयोजक प्रेम शर्मा ने कहा, कि 'हमने हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा के लिए दोनों थानों से इजाजत ले रखी थी। बावजूद इसके, अगर FIR दर्ज हुआ है तो इसकी तह तक जाना जरूरी है। प्रेम शर्मा कहते हैं, 'किसके कहने पर ये केस किया गया है, इसका पता चलना चाहिए।'
...तो आपने यात्रा निकालने ही क्यों दी?
शोभायात्रा के आयोजक प्रेम शर्मा कहते हैं, 'पुलिस मुझे गिरफ्तार कर ले गई थी। अब जमानत पर बाहर आया हूं। पुलिस ने जब उनसे अनुमति नहीं लेने की बात कही, तो प्रेम शर्मा कहते हैं, अगर हमने इजाजत नहीं ली थी, तो आपने यात्रा निकालने ही क्यों दी? आगे कहते हैं, अगर इजाजत नहीं ली थी, तो यात्रा के साथ पुलिस क्यों चल रही थी। पुलिस ने ही हिंसा के दौरान बड़ी वारदात को होने से रोका।'