Jharkhand: सोरेन के रुख से भड़की कांग्रेस, झामुमो से बढ़ा टकराव, पार्टी नेता दिल्ली तलब

Jharkhand News : कांग्रेस पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं की नाराजगी के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत कई नेताओं को आज दिल्ली तलब किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  aman
Update:2022-04-05 08:59 IST

हेमंत सोरेन और राहुल गांधी (फाइल फोटो) 

Jharkhand News : महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के बाद झारखंड (Jharkhand) की गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस नेताओं (Congress leaders) की नाराजगी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पार्टी नेताओं को कोई भाव नहीं दे रहे हैं। इन नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री पार्टी नेताओं की बातों को अनसुनी कर देते हैं। कांग्रेसी नेताओं ने मुख्यमंत्री के इस रवैये पर नाराजगी जताई है।

पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं की नाराजगी के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत कई नेताओं को आज दिल्ली तलब किया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व की ओर से इन नेताओं की शिकायतें सुनी जाएंगी ताकि मुख्यमंत्री से बात करके इन शिकायतों का निस्तारण कराया जा सके। कांग्रेस नेतृत्व को चिंता है कि यदि इन समस्याओं का समय रहते निस्तारण नहीं किया गया तो और राज्य में पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

सोरेन नहीं दे रहे कांग्रेस नेताओं को भाव

झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ कांग्रेस नेताओं की तनातनी काफी दिनों से चल रही है मगर अब पानी नाक से ऊपर जाता दिख रहा है। इसी कारण कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया है। हाल के दिनों में कांग्रेस नेताओं की मुख्यमंत्री सोरेन से नाराजगी काफी ज्यादा बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की ओर से कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति के गठन के संबंध में मुख्यमंत्री सोरेन को प्रस्ताव सौंपा गया था मगर काफी दिन बीत जाने के बावजूद सोरेन ने इस प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं दिया। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री को 7 मार्च को ही प्रस्ताव सौंप दिया गया था मगर करीब एक महीने का समय बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने इस पर जवाब देना जरूरी नहीं समझा। मुख्यमंत्री के इस उपेक्षापूर्ण रवैए के कारण राज्य में कांग्रेस नेताओं की नाराजगी अब काफी बढ़ गई है।

दिल्ली में आज होगी शीर्ष नेतृत्व से चर्चा

राज्य के कांग्रेस नेताओं की नाराजगी की बात पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच चुकी है और इसी कारण राज्य कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली तलब किया गया है। जिन नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है, उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के चार मंत्री भी शामिल है। इन नेताओं के अलावा कांग्रेस के सभी पूर्व अध्यक्षों और विभिन्न मोर्चों के अध्यक्षों को भी दिल्ली तलब किया गया है ताकि उनसे झारखंड की समस्या पर विस्तृत चर्चा की जा सके। झारखंड कांग्रेस के मुखिया राजेश ठाकुर का कहना है कि राज्य के कांग्रेस नेताओं के साथ कांग्रेस मुख्यालय में चर्चा की जा सकती है।

झामुमो ने दिखाए कांग्रेस को तेवर

कांग्रेस सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ कांग्रेस का तनाव इस हद तक बढ़ चुका है कि झामुमो की ओर से कांग्रेस को समर्थन वापस लेने तक की चुनौती दी जा चुकी है। कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे भी विधायकों की झामुमो से नाराजगी की बात भांप चुके हैं। इसी कारण उन्होंने पार्टी विधायकों को मुख्यमंत्री से मुलाकात न करने का निर्देश जारी किया है। जानकारों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व आज दिल्ली में झारखंड के पार्टी नेताओं के साथ चर्चा के बाद इस बाबत झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ चर्चा कर सकता है।

गठबंधन सरकार में कांग्रेस कोटे के चार मंत्री

पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य के 81 सदस्यीय विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 विधायक चुने गए थे। कांग्रेस ने 18 सीटों पर बाजी मारी थी जबकि राजद को 1 सीट पर जीत हासिल हुई थी। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार कांग्रेस और राजद के समर्थन से ही चल रही है। राज्य में हेमंत सोरेन की अगुवाई में गठित गठबंधन की सरकार में कांग्रेस के चार नेताओं को शामिल किया गया है। फरवरी महीने से ही कांग्रेस की ओर से सोरेन पर पार्टी नेताओं की बातों की अनदेखी का आरोप लगाया जा रहा है।

महाराष्ट्र के विधायक भी लिख चुके हैं चिट्ठी

अब यह विवाद ज्यादा गरम हो जाने के कारण कांग्रेस नेतृत्व ने राज्य के नेताओं को बुलाकर विवाद सुलझाने की पहल की है। झारखंड से पहले महाराष्ट्र के 25 कांग्रेस विधायक भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख चुके हैं और इस पत्र में राज्य सरकार पर कांग्रेस विधायकों की बातों को अनसुना करने का आरोप लगाया गया है। महाराष्ट्र के विधायकों ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए समय मांगा है।

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