ममता के दिल्ली दौरे पर सबकी नजर, 2024 की सियासी जंग के लिए विपक्ष का मोर्चा बनाने की तैयारी
Mamata Banerjee Delhi Visit : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 26 जुलाई से प्रस्तावित इस प्रवास के दौरान ममता का काफी व्यस्त कार्यक्रम है।
Mamata Banerjee Delhi Visit : पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (West Bengal Vidhan Sabha Election) में भाजपा को करारी हार का स्वाद चखाने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) आज दिल्ली पहुंच रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा (Mamata Banerjee Ka Delhi Daura) काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 26 जुलाई से प्रस्तावित इस प्रवास के दौरान ममता का काफी व्यस्त कार्यक्रम है मगर उनके दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर हर किसी की नजर लगी हुई है। अपनी इस दिल्ली यात्रा के दौरान ममता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के अलावा विपक्ष के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी भी करेंगी।
ममता की 28 जुलाई को होने वाली विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस बैठक को लेकर सियासी अटकलों का बाजार गरम हो गया है। जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के लिए सक्रिय हो गई हैं। तृणमूल कांग्रेस ममता को इस चुनाव में विपक्ष का चेहरा बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
मोदी सरकार पर ममता हमलावर
पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव कई नजरिए से काफी महत्वपूर्ण था। भाजपा की ओर से पूरी ताकत लगाए जाने के बावजूद ममता बनर्जी ने 200 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करके एक बार फिर साबित कर दिया कि पश्चिम बंगाल पर उनकी पकड़ कमजोर नहीं हुई है। इसके साथ ही ममता यह बड़ा सियासी संदेश देने में भी कामयाब रहीं कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी से टक्कर लेने में वही सक्षम हैं।
इस जीत के बाद ममता बनर्जी ने अपनी सियासी सक्रियता काफी बढ़ा दी है और उन्होंने विभिन्न मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रुख अपना रखा है। बंगाल चुनाव जीतने के बाद वे पहली बार दिल्ली के दौरे पर सोमवार को पहुंचेंगी। इस कारण ममता का दिल्ली दौरा सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ममता ने बुलाई विपक्ष के नेताओं की बैठक
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली प्रवास का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम 28 जुलाई को प्रस्तावित है। इसी दिन वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के अलावा बंग भवन में विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं की बैठक की मेजबानी करेंगी। बैठक का समय दोपहर बाद तीन बजे तय किया गया है और इस बैठक के लिए विपक्ष के नेताओं को टीएमसी की ओर से आमंत्रण भेजा जा चुका है।
तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ममता के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी इस बैठक के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके साथ ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी सक्रिय हैं ताकि अधिक से अधिक विपक्षी नेताओं को बैठक में शामिल कराया जा सके। अभी विपक्ष के नेताओं की ओर से इस बैठक को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है मगर माना जा रहा है कि विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता इस बैठक में हिस्सा ले सकते हैं।
विपक्ष के नेताओं को पहले ही किया था इशारा
ममता ने 21 जुलाई को टीएमसी की ओर से आयोजित शहीद दिवस के कार्यक्रम में विपक्ष के नेताओं की बैठक बुलाने का जिक्र किया था। अपने संबोधन के दौरान ममता ने यह भी कहा था कि यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा और कोरोना ने कोई दिक्कत नहीं पैदा की तो वे जाड़े के समय कोलकाता के परेड ब्रिगेड ग्राउंड में एक बड़ी रैली का आयोजन करेंगी और इस रैली में शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सहित विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा।
ममता के इस कार्यक्रम के लिए दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में बड़ा आयोजन किया गया था और इस आयोजन में एनसीपी के मुखिया शरद पवार, पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, सुप्रिया सुले, जया बच्चन, प्रियंका चतुर्वेदी और मनोज झा समेत समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया था। ममता के इस कार्यक्रम के बाद ही उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी दिल्ली पहुंच गए थे और उन्होंने ममता की बैठक को कामयाब बनाने के लिए विपक्ष के कई नेताओं से संपर्क साधा है। अब हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि ममता के आमंत्रण पर विपक्ष के कितने और कौन-कौन से नेता इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं।
कांग्रेस और टीएमसी में खींचतान शुरू
वैसे 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे को लेकर टीएमसी और कांग्रेस में खींचतान भी शुरू हो गई है। टीएमसी की रणनीति को भांपते हुए कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि भाजपा से लड़ाई लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों को सोनिया गांधी के नेतृत्व में एकजुटता जतानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी विपक्ष को गोलबंद करने की कोशिश में लगी हुई हैं। इसके पहले उन्होंने ब्रिगेड ग्राउंड में भी एक रैली की थी जिसमें कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिस्सा लिया था। अब एक बार फिर वे विपक्ष को एकजुट करना चाहती हैं मगर उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विपक्ष की और से यदि कोई भी मोर्चा बनाया जाता है तो उसकी अगुवाई यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ही करेंगी।
कांग्रेस को रजामंद करना मुश्किल
कांग्रेस नेता ने कहा कि सोनिया गांधी की ओर से भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश पूर्व में की जा चुकी है मगर तब ममता बनर्जी ने किनारा कर लिया था। सोनिया गांधी की ओर से आयोजित की गई कई बैठकों में टीएमसी का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब देश के लोग विपक्ष की एकजुटता चाहते हैं। ऐसे में भाजपा के खिलाफ मोर्चेबंदी में विपक्ष को सोनिया के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए।
जानकारों के मुताबिक मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए ममता के चेहरे पर कांग्रेस को रजामंद करना मुश्किल काम है। टीएमसी ने ममता को 2024 की सियासी जंग में विपक्ष का चेहरा बनाने की मुहिम तो छेड़ रखी है मगर इस मुद्दे पर कांग्रेस का तैयार होना काफी मुश्किल है।