KVS Admission: अब एमपी-डीएम कोटे से केंद्रीय विद्यालयों में नहीं होगा दाखिला, हुआ बड़ा फैसला
KVS Admission: केंद्रीय विद्यालय संगठन ने गुरूवार को इस संबंध में एक बड़ा निर्णय लेते हुए सांसद और जिलाधिकारी के कोटे से होने वाले दाखिले पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।
New Delhi: केंद्रीय विद्यालयों (Kendriya Vidyalayas) में हरसाल दाखिले के लिए जबरदस्त मारामारी होती है। कई लोगों का ध्यान सांसद और जिलाधिकारी के कोटे पर होता है। वो अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने का सपना साकार कर लेते हैं। लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएंगे। दरअसल, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने गुरूवार को इस संबंध में एक बड़ा निर्णय लेते हुए सांसद और जिलाधिकारी के कोटे से होने वाले दाखिले पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।
बता दें कि रोक से पहले सांसदों और जिलाधिकारियों के पास केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के लिए 10 सीटों का कोटा होता था। सांसद या जिलाधिकारी अपने क्षेत्र में सिफारिश पर कोटे के आधार 10 छात्रों को एडमिशन दिलवा सकते थे, मगर अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस कोटे के तहत दिए जाने वाले दाखिलों पर रोक लगा दी है। बता दें कि जिस तरह सांसदों और जिलाधिकारियों का केंद्रीय विद्यालय में कोटा निर्धारित था, ठीक उसी प्रकार शिक्षा मंत्रालय के लिए भी 450 सीटों का कोटा हुआ करता था, जिसे पिछले साल ही समाप्त कर दिया गया था।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कही ये बात
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें अपने अधिकार का प्रयोग क्या कुछ चंद लोगों के हित के लिए करना चाहिए या एक सांसद होने के नाते सभी लोगों के लिए सामान धारणा के साथ काम करना चाहिए?
दरअसल इससे पहले बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी ऐसी ही मांग कर चुके थे। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय में सांसदों का कोटा बेहद कम होने के कारण इसे बंद कर देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इसके कारण सांसदों के सामने कई बार असहज स्थिति पैदा हो जाती है।
बता दें कि केवीएस ने इस बार एक और बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय विद्यालय में उन छात्रों को दाखिले में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है जिनके माता – पिता कोरोना महामारी की भेंट चढ़ चुके हैं। ये नियम इसी शैक्षणिक वर्ष से अमल में लाया जाएगा।