PM Modi Speech: पीएम मोदी वैश्विक मंच से पेश किया बदलते भारत का खाका, जानिये क्या हैं वो बिंदु
PM Modi Speech on India Achievement: विश्व इकनामिक फोरम के डावोस एजेंडा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज जहां भारत की उपलब्धियां गिनाईं।
PM Modi Speech on India Achievement: विश्व इकनामिक फोरम के डावोस एजेंडा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज जहां भारत की उपलब्धियां गिनाईं वहीं नया भारत कैसा होगा उसके पीछे क्या शक्ति जो युवाओं को ऊर्जा से लबरेज रखती है इसको भी स्पष्ट किया आइये जानते हैं प्रधानमंत्री के भाषण की दस खास बातें क्या रहीं।
सबसे पहले क्या है देश की ताकत
प्रधानमंत्री ने विश्व मंच से कहा कि भारत जैसी मजबूत डेमोक्रेसी ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, एक bouquet of hope दिया है। इस bouquet में है, हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट Trust, इस bouquet में है, 21वीं सदी को Empower करने वाली Technology, इस bouquet में है, हम भारतीयों का Temperament, हम भारतीयों का Talent
क्या हैं देश की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने कहा आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा pharma producer है, pharmacy to the world है। पीएम मोदी ने कहा कोरोना के इस समय में हमने देखा है कि कैसे भारत 'One Earth, One Health' के विजन पर चलते हुए, अनेकों देशों को जरूरी दवाइयां देकर, वैक्सीन देकर, करोड़ों जीवन बचा रहा है।
-आज भारत, दुनिया में रिकॉर्ड software engineers भेज रहा है। 50 लाख से ज्यादा software developers भारत में काम कर रहे हैं।
-आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा Unicorns हैं। 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं।
-आज भारत के पास विश्व का बड़ा, सुरक्षित और सफल digital payments platform है।
-सिर्फ पिछले महीने की ही बात करूं तो भारत में Unified Payments Interface के माध्यम से 4.4 बिलियन transaction हुए हैं।
भारत में निवेश का बेस्ट टाइम
पीएम मोदी ने कहा भारत में इन्वेस्टमेंट का ये सबसे best time है। क्योंकि आज भारत Ease of Doing Business को बढ़ावा दे रहा है, सरकार के दखल को कम से कम कर रहा है। भारत ने अपने corporate tax rates को simplify करके, कम करके, उसे दुनिया में most competitive बनाया है। बीते साल ही हमने 25 हज़ार से ज्यादा compliances कम किए हैं।
-भारतीय युवाओं में आज entrepreneurship, एक नई ऊंचाई पर है।
-नरेंद्र मोदी ने कहा 2014 में जहां भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्ट अप थे। वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज्यादा तो 2021 में ही बने हैं।
भारतीयों में Innovation की, नई Technology को Adopt करने की जो क्षमता है, entrepreneurship की जो स्पिरिट है, वो हमारे हर ग्लोबल पार्टनर को नई ऊर्जा दे सकती है। आज भारत वर्तमान के साथ ही अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है, निर्णय ले रहा है। इस कालखंड में भारत ने high growth के, welfare और wellness की saturation के लक्ष्य रखे हैं।
-प्रधानमंत्री ने कहा ग्रोथ का ये कालखंड green भी होगा, clean भी होगा, sustainable भी होगा, reliable भी होगा।
-आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुए भारत का फोकस सिर्फ Processes को आसान करने पर ही नहीं है, बल्कि Investment और Production को इन्सेन्टीवाइज करने पर भी है।
-इसी अप्रोच के साथ आज 14 सेक्टर्स में 26 बिलियन डॉलर की Production Linked Incentive schemes लागू की गई हैं।
क्या हैं वैश्विक चुनौतियां और क्या है उनका समाधान
आज वैश्विक परिदृष्य को देखते हुए, सवाल ये है कि multilateral organizations, नए वर्ल्ड ऑर्डर और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं? जब ये संस्थाएं बनी थीं, तो स्थितियां कुछ और थीं। आज परिस्थितियां कुछ और हैं। इसलिए हर लोकतांत्रित देश का ये दायित्व है कि इन संस्थाओं में Reforms पर बल दे ताकि इन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके।
आज global order में बदलाव के साथ ही एक वैश्विक परिवार के तौर पर हम जिन चुनौतियों का सामना करते रहे हैं, वो भी बढ़ रही हैं। इनसे मुकाबला करने के लिए हर देश, हर वैश्विक एजेंसी द्वारा collective और synchronized action की जरूरत है।
क्रिप्टोकरेंसी की चुनौती का हल
-ये supply chain के disruptions, inflation और Climate Change इन्हीं के उदाहरण हैं।
एक और उदाहरण है- cryptocurrency का। जिस तरह की टेक्नोलॉजी इससे जुड़ी है, उसमें किसी एक देश द्वारा लिए गए फैसले, इसकी चुनौतियों से निपटने में अपर्याप्त होंगे। हमें एक समान सोच रखनी होगी। मिशन LIFE का global mass movement बनना ज़रूरी है। LIFE जैसे जनभागीदारी के अभियान को हम P-3, 'Pro Planet People' का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं।
हमें ये मानना होगा कि हमारी Lifestyle भी Climate के लिए बड़ी चुनौती है। 'Throw away' Culture और Consumerism ने Climate Challenge को और गंभीर बना दिया है। आज की जो 'take-make-use-dispose' economy है, उसको तेज़ी से circular economy की तरफ बढ़ाना बहुत ज़रूरी है।