दिल्ली में विपक्षियों की एकजुटता, मुलायम-लालू की हुई मुलाकात, तो राहुल ने दिया चाय का न्योता
दिल्ली में सोमवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सपा सरंक्षक मुलायम यादव और अखिलेश यादव से मुलाकात की।
दिल्ली में आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने सपा सरंक्षक मुलायम यादव (Mulayam Singh Yadav) और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की। इस मुलाकात के काफी सियासी मयाने हो सकते हैं। क्योंकि उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरूआती महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
जिसको लेकर ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। उधर कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कल सुबह विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर बुलाया है। जानकारी के मुताबित राहुल गांधी भाजपा को लोकसभा चुनाव 2024 में हराने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करके चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले यादव परिवार की मुलाकात
उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरूआती महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल चुनावों की तैयारियों में जुट गए हैं। तो वहीं आरजेडी के प्रमुख लालू यादव का सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से विधानसभा चुनाव 2022 और आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर मुलाकात की तस्वीर साझा की
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सोमवार को ट्विटर पर लालू यादव और मुलायम सिंह यादव की मुलाकात की तस्वीर साझा की। अखिलेश यादव ने जो तस्वीर साझा की उसमें दोनों दिग्गज नेता चाय पीते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस समय मानसून सत्र चल रहा है। और मुलायम सिंह यादव ने संसद सत्र में भाग भी लिया है।
लालू यादव ने ट्वीट कर बीजेपी पर बोला हमला
लालू यादव ने इस मुलाकात के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी पर हमला बोल दिया है। उन्होंने सीधा बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा पूंजीवाद और सम्प्रदायवाद की नहीं बल्कि लोकसमता एंव समाजवाद की अत्यंत आवश्यकता है। इसके साथ ही कहा जा सकता है लालू यादव 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं।
लालू यादव ने कहा खेत खालिहान गैर -बराबरी की हमारी लड़ाई है
इस मुलाकात के बाद आरजेडी के प्रमुख ने ट्वीट कर लिखा कि देश के वरिष्ठतम समाजवादी साथी मुलायम सिंह से मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना। उन्होनें आगे कहा कि खेत खालिहान गैर -बराबरी अशिक्षा किसानों गरीबों और बेरोजगारों के लिए हमारी चिताएं और लड़ाई है। लालू यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि पूंजीवाद और सम्प्रदायवाद नहीं बल्कि लोकसमता एंव समाजवाद की अत्यंत आवश्यकता है।
राहुल गांधी ने विपक्षी दलों को नाश्ते पर बुलाया
वहीं उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी विपक्षी नेताओं को कल सुबह 9:30 बजे दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन कल्ब में नाश्ते पर अमंत्रित किया है। राहुल गांधी ने दोनों सदनों के विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स को बुलाया है।
मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने सभी विपक्षों दलों के नेताओं को नाश्ते पर अमत्रिंत किया है। राहुल गांधी ने टीएमसी को भी न्योता भेजा है।
आपको बता दें पिछले कुछ दिनों से राहुल गांधी दो बार विपक्षी दलों के साथ बैठक कर चुके हैं। जिसमें एक बैठक राहुल गांधी ने पेगासस जासूसी कांड को लेकर की थी। और एक बैठक कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर हुई थी।
विपक्षी दलों की बैठक लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर काफी अहम
दरअसल विपक्षी दलों की दिल्ली में हो रही ये बैठक 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए काफी अहम हो जाती है। पिछले दिनों ही पश्चिम बंगला की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी को 2024 में सत्ता से बाहर करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक होना होगा। जिसको लेकर ममता बनर्जी ने एक विपक्षों दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी।
क्या है इस मुलाकात के सियासी मायने
बहरहाल दिल्ली में हो रही इन हलचलों का मतलब यूपी विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 तक है। राहुल गांधी का विपक्षी दलों को नाश्ते पर अमत्रिंत करना और लालू यादव का मुलायम सिंह यादव से मिलने के काफी सियासी मायने हो सकते हैं।
राहुल गांधी विपक्षी दलों को एकजुट करके लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति बनाकर बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर करने की कोशिश रहेगी। तो वहीं लालू यादव का मुलायम सिंह यादव से मिलना उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की दृष्ट्रि से काफी अहम हो जाता है। सपा 2022 में विधानसभा चुनाव जीतकर विपक्षी दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने की कोशिश करेगी। क्योंकि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है। बीजेपी ने दोनों बार यूपी में सबसे अधिक लोकसभा सीटें जीतकर देश की सत्ता हासिल की है।