सरकारी कर्मियों को डीए के एरियर मिलने की उम्मीद खत्म, 18 महीने में 17 फीसदी ही रहेगा महंगाई भत्ता

केंद्र सरकार ने एक जुलाई से महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) देने की घोषणा करने के बाद मंगलवार को एक बड़ा आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक डीए फ्रीज था।

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Published By :  Satyabha
Update: 2021-07-20 12:43 GMT

केंद्र सरकार का फैसला फोटो- सोशल मीडिया

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक जुलाई से महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) देने की घोषणा करने के बाद मंगलवार को एक बड़ा आदेश जारी कर दिया है. इसमें कहा गया कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक डीए फ्रीज था। उस अवधि के दौरान डीए की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इन 18 महीनों में डीए की दर 17 प्रतिशत ही मानी जाए। इसका मतलब ये हुआ कि सरकार ने एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी डीए देने की जो घोषणा की है, वह बढ़ोतरी 24 घंटे में हो गई है। इसपर जेसीएम सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने गंभीर आपत्ति जताई है।

सरकारी कर्मियों का कहना है कि केंद्र ने ये आदेश जारी कर 18 महीने का एरियर मिलने की संभावना खत्म कर दी है। अगर सरकार डीए को एक जनवरी 2020 से ही बढ़ाना शुरू करती तो अब तक अच्छा खासा एरियर जमा होता। राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि केंद्र सरकार को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 18 माह का एरियर देना चाहिए। डीए/डीआर कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों की पेंशन का एक हिस्सा होता है। सरकार इससे मुंह नहीं मोड़ सकती।

डीए डीआर की दर 17 प्रतिशत 

केंद्र सरकार के 20 जुलाई को जारी पत्र में कहा गया है कि अभी तक डीए फ्रीज था। उसकी दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक डीए डीआर की दर 17 प्रतिशत ही मानी जाए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कैबिनेट विस्तार के बाद घोषणा करते हुए कहा था कि अब 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि ये भत्ते एक जुलाई 2021 से मिलेंगे।

जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 17 जुलाई को कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में यह आग्रह किया था कि कर्मियों को एक जनवरी 2020 से लेकर अभी तक का एरियर भी दिया जाए। इस मांग के तीन दिन बाद ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अलग से एक पत्र जारी कर दिया। पत्र में लिखा था कि बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी मान ली जाए। इसका मतलब तो यही हुआ कि जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई।

 'वित्त मंत्रालय के इस पत्र का पड़ेगा बहुत ज्यादा असर' 

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वित्त मंत्रालय के इस पत्र का बहुत ज्यादा असर पड़ेगा। सरकार को मालूम था कि कर्मचारी संगठन एरियर की मांग करेंगे, इसके लिए वे विरोध प्रदर्शन भी कर सकते हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने अब ये आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, कर्मियों को एक जनवरी, 2020 को 17 फीसदी दर से डीए मिलना था। सरकार ने खुद इसकी घोषणा की थी। बाद में कोरोना के चलते उस फैसले को लागू नहीं किया जा सका। डीए हर छह माह यानी जनवरी और जुलाई में बढ़ता है। अब सरकार ने एकाएक कह दिया है कि पूरे डेढ़ साल का 17 फीसदी डीए ही मिलेगा। कर्मियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपनी मंशा जता दी है। सरकार, एरियर नहीं देना चाह रही।

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