Power Crisis in Delhi: लंबे समय तक बत्ती हो सकती है गुल, बिजली संकट से राजधानी अलर्ट
Power Crisis in Delhi: दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने बिजली संकट से अवगत कराया हैं।
Power Crisis In Delhi: भारत में कोयला की कमी के चलते बिजली संकट तेजी से गहराता जा रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, और आंध्र प्रदेश राज्य के कई जिलों में बिजली आपूर्ति में कमी देखी जा रही है। इस बीच दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येद्र जैन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर दिल्ली के पावर स्टेशनों पर कोयले की किल्लत से अवगत कराया है।
दिल्ली के लिए बिजली आपूर्ति का प्रमुख केंद्र दादरी पावर प्लांट है, जहां से करीब 728 MW बिजली का उत्पादन कर दिल्ली को दिया जाता है। ऐसे में तेजी से गहरा रहे कोयला संकट के चलते आवश्यक बिजली आपूर्ति करने में भी दिक्कत आ रही है।
अस्पतालों समेत अन्य संस्थानों में बिजली आपूर्ति की समस्या
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार को दिल्ली में बिजली आपूर्ति समस्या से अवगत कराया हैं। इसी के साथ बतौर ऊर्जा मंत्री दिल्ली मेट्रो और अस्पतालों तक को उचित बिजली नहीं मिल पा रही है।
आपको बता दें कि दिल्ली अधिकतम बिजली आपूर्ति दादरी, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर पावर प्लांट से की जाती है और ऐसे में कोयला संकट गहराने से अस्पतालों और अन्य आवश्यक संस्थानों में पूरे दिन बिजली आपूर्ति को लेकर समस्या खड़ी हो गई है।
समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने केंद्र सरकार से कोयले की मांग की है।
इन 13 राज्यों में पहले भी बिजली आपूर्ति को लेकर किया है आगाह
भारत में कोयले की कमी के चलते आने वाले समय में अत्यधिक बिजली संकट को लेकर पहले भी हाई अलर्ट जारी किया जा चुका है। ऐसे में बताय गया था कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, और आंध्र प्रदेश सहित कुल 13 राज्यों में आगामी समय में बिजली संकट के हालात उत्पन्न हो सकते हैं। इसके तहत केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने भी आगाह करते हुए कोयले की किल्लत के चलते आने वाले समय में बिजली कीमतों में अनुमानित तौर पर होने वाले इजाफे को लेकर भी अवगत कराया था।
इस दौरान भारत में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने बिजली किल्लत के मद्देनज़र रेलवे द्वारा निर्धारित समय पर विगत स्थानों पर कोयला पहुंचाने की देरी को भी समस्या का एक कारण बताया गया था।