President of India: कब कब राष्ट्रपति की ट्रेन पटरी पर दौड़ी है, आइए देखते हैं एक नजर में

President of India: देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की यात्रा की मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति के सैलून में सवार होकर यात्रा की है।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-06-26 19:28 IST

ट्रेन से सफर के दौरान राष्ट्रपति राम नाथ कोबिंद (फोटो-सोशल मीडिया)

President of India: रायल प्रेसीडेंट सैलून एक बार फिर चर्चा में है। देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की ट्रेन यात्रा के लिए दो-कोच का रायल प्रेसीडेंट सैलून, 15 साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर पटरियों पर दौड़ा। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 25 जून को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से कानपुर के लिए प्रेसीडेंशियल ट्रेन में सवार हुए।

ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रूरा में दो स्टॉप के बाद शुक्रवार शाम को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। विशेष ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रूरा में दो जगह रुकी जहां कोविंद ने अपने पुराने परिचितों से बातचीत की।

रेल यात्रा करने की एक पुरानी परंपरा

कोविंद की यात्रा की मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति के सैलून में सवार होकर यात्रा की है। देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों से जुड़ने के लिए राष्ट्रपतियों द्वारा रेल यात्रा करने की एक पुरानी परंपरा रही है। राष्ट्रपति के सैलून का इस्तेमाल आखिरी बार 2004 में स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था।

आइए एक नजर उन पूर्व राष्ट्रपतियों पर डालते हैं जिन्होंने पहले भी कई मौकों पर विशेष ट्रेन में सवारी की है।

ट्रेन से यात्रा के दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद (फोटो-सोशल मीडिया)

रॉयल प्रेसीडेंसियल सैलून के सेवा में आने के बाद, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इससे यात्रा की थी। जब वह 29 सितंबर, 1952 को जालंधर छावनी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे तब पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल चंदूलाल त्रिवेदी ने उनका स्वागत किया था।

इसके बाद 9 अक्टूबर 1953 को राष्ट्रपति प्रसाद का बॉम्बे सेंट्रल में बॉम्बे के तत्कालीन गवर्नर जी.एस. बाजपेयी ने स्वागत किया था। इसके बाद डॉ. प्रसाद जब 12 अक्टूबर, 1954 को प्रेसीडेंसियल सैलून से हरिद्वार स्टेशन पर पहुंचे तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल के.एम. मुंशी ने उनका स्वागत किया था। फिर 22 दिसंबर, 1954 को डॉ राजेंद्र प्रसाद बिहार के बरसोई स्टेशन इसी शाही सैलून से पहुंचे थे। वह इसी स्पेशल ट्रेन से जलपाईगुड़ी स्टेशन भी गए थे।

इसके बाद देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण ने भी 1967 में ट्रेन से यात्रा की थी। उन्होंने नई दिल्ली से मद्रास तक की यात्रा की थी, जो अब चेन्नई हो गया है। पूर्व राष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने भी 11 सितंबर, 1969 को विशेष ट्रेन से यात्रा की थी। वह नागपुर जंक्शन गए थे। 1978 में नीलम संजीव रेड्डी ने शाही सैलून से हिंदूपुर में हनुमान मंदिर की यात्रा की थी।

लेकिन कोविंद से पहले,रायल सैलून का उपयोग करने वाले अंतिम राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम थे। 2003 में, उन्होंने तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार के निर्वाचन क्षेत्र हरनौत में एक रेल कोच रखरखाव सुविधा की नींव रखी थी। इसके बाद कलाम ने विशेष ट्रेन से हरनौत से पटना के लिए यात्रा की थी।

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