सतह पर आई गहलोत-पायलट की लड़ाई, मंत्री को कॉलेज का उद्घाटन करने से रोक
कांग्रेस पार्टी लगभग हर राज्य में अंतरकलह से जूझ रही है, बस चर्चा केवल वहां की हो रही है, जहां वह सत्ता में है।
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी लगभग हर राज्य में अंतरकलह से जूझ रही है, बस चर्चा केवल वहां की हो रही है, जहां वह सत्ता में है। पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी तकरार के बीच जहां शीर्ष नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है, वहीं राजस्थान में कांग्रेस की अगुवाई वाली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। सरकार में रह-रह कर विरोध के स्वर उठते रहते हैं। बीते वर्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी गतिरोध को पार्टी आलाकमान भले ही सुलझा लिया हो, लेकिन दोनों नेताओं के गुटों की टीस रह-रह कर उभर रही है।
हाल में सचिन पायलट गुट की सक्रियता ने सीएम गहलोत की मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं। राजस्थान में कई ऐसे मौके आए हैं जब पायलट और गहलोत गुट आमने-सामने आ चुके हैं। करीब डेढ़ वर्षों से दोनों गुट के बीच जारी टकराव एकबार फिर जमीन पर आती नजर आ रही है।
मंत्री को कॉलेज का उद्घाटन करने से रोक
सीएम गहलोत और सचिन गुट के बीच टकराव का आलम यह है कि गत दिनों सरकार में मंत्री भजनलाल जाटव भरतपुर के जसपुरा ममोरोली में एक कॉलेज का उद्घाटन करने जा रहे थे। लेकिन रास्ते में सचिन पायलट के समर्थकों के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ गया। जानकारी के मुताबिक रास्ते में रास्ते में पायलट गुट और मंत्री समर्थक के बीच झड़प हो गई। यहां पायलट समर्थक भारी पड़ गए, जिसके चलते मंत्री भजनलाल जाटव को बचने के लिए गांव की तरफ जाना पड़ गया। लेकिन गांव में भी उनकों पायलट समर्थकों का सामना करना पड़ गया, जिसके चलते स्कूल का उद्घाटन करने की जगह उन्हें मायूस वापस जाना पड़ गया।
बता दें कि मंत्री भजनलाल जाटव पहले सचिन गुट के समर्थकों में से थे। लेकिन गत वर्ष जब गहलोट सरकार के विरोध में पायलट समर्थक दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे, भजनलाल पाला बदलते हुए गहलोत खेमे का साथ दिया था। ज्ञात हो कि यह पहला मौका नहीं है जब गहलोत और पायलट खेमा आमने-सामने आया है। ऐसे कई मौकों पर दोनों खेमों में टकराव देखा गया है।
पायलट समर्थक बढ़ा रहे गहलोत सरकार की मुसीबत
वहीं सरकार के अंदर पायलट समर्थक सीएम गहलोत की मुसीबतें बढ़ाने में लगे हुए हैं। पिछले दिनों छह बार से लगातार विधायक रह चुके हेमाराम चौधरी ने इस्तीफ दे दिया है। उनके इस्तीफे से राजस्थान की राजनीति में हलचल बढ़ गई थी। हालांकि इस्तीफे की वजह के सवाल पर उन्होंने कहा था कि कुछ पीड़ा थी, जिसे प्रदेश अध्यक्ष ही सुलझा सकते हैं। बता दें कि हेमाराज चौधरी भी पायलट समर्थक माने जाते हैं। बीते वर्ष जब जब गहलोत और पायलट के बीच टकराव की स्थिति बनी थी तो हेमाराज को मंत्री बनाए जाने का आफर दिया गया था। लेकिन हेमाराज चौधरी का मंत्री बनने की हसरत अभी तक पूरी नहीं हो सकी। वहीं बीते दिनों एक और पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक रमेश मीणा ने गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं। फिलहाल पायलट समर्थक एकबार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाु सक्रिय होते दिख रहे हैं।