Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2021 : क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन, पढ़िए ये कथा, जानिए मुहूर्त और कैसे करें पूजन

Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2021 : रक्षा बंधन 22 अगस्त को पूजा का शुभ मुहूर्त 06 बजकर 15 मिनट सुबह से शाम 05 बजकर 31 मिनट कर रहेगा।

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Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-08-20 16:35 IST

ज्योतिषाचार्य- पंडित देवेंद्र भट्ट (गुरु जी)

Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2021 : भाई-बहन के पावन पर्व रक्षा बंधन(Raksha Bandhan) की शुरुआत सतयुग में हुई थी। इस त्योहार से संबंधित कई कथाएं पुराणों में मौजूद हैं। जिसमें से एक कथा आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं। 

सुनिए ये कथा

सतयुग में भक्त प्रह्लाद की तीसरी पीढ़ी में असुर राजा बली बहुत दानी राजा थे और भगवान विष्णु के अनन्य भक्त भी थे। एक बार उन्होंने यज्ञ का आयोजन किया। इसी दौरान उनकी परीक्षा लेने के लिए भगवान विष्णु वामनावतार लेकर आए और दान में राजा बलि से तीन पग भूमि देने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने दो पग में ही पूरी पृथ्वी और आकाश नाप लिया।

इस पर राजा बलि समझ गए कि भगवान उनकी परीक्षा ले रहे हैं। तीसरे पग के लिए उन्होंने भगवान का पग अपने सिर पर रखवा लिया। फिर उन्होंने भगवान से याचना की कि अब तो मेरा सबकुछ चला ही गया है, प्रभु आप मेरी विनती स्वीकारें और मेरे साथ पाताल में चलकर रहें।

भगवान ने भक्त की बात मान ली और बैकुंठ छोड़कर पाताल चले गए। उधर देवी लक्ष्मी परेशान हो गईं। फिर उन्होंने लीला रची और गरीब महिला बनकर राजा बलि के सामने पहुंचीं और राजा बलि को राखी बांधी।

बलि ने कहा कि मेरे पास तो आपको देने के लिए कुछ भी नहीं हैं, इस पर देवी लक्ष्मी अपने रूप में आ गईं और बोलीं कि आपके पास तो साक्षात भगवान हैं, मुझे वही चाहिए मैं उन्हें ही लेने आई हूं।

इस पर बलि ने भगवान विष्णु को माता लक्ष्मी के साथ जाने दिया। जाते समय भगवान विष्णु ने राजा बलि को वरदान दिया कि वह हर साल चार महीने पाताल में ही निवास करेंगे। यह चार महीना चर्तुमास के रूप में जाना जाता है जो देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठानी एकादशी तक होता है।

फोटो- सोशल मीडिया

"येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:

तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।"

पूर्णिमा की तिथि

इस वर्ष पूर्णिमा की तिथि पंचांग के अनुसार 21 अगस्त 2021 को शाम 06 बजकर 09 मिनिट से आरंभ होगी, जो 22 अगस्त 2021 की शाम 05 बजे तक रहेगी।

रक्षा बंधन शुभ मुर्हुत

22 अगस्त को पूजा का शुभ मुहूर्त 06 बजकर 15 मिनट सुबह से शाम 05 बजकर 31 मिनट कर रहेगा। इस वर्ष रक्षा बंधन, भद्रा के दोष से मुक्त है। राहु काल भी संध्या 05:16 से 06:54 तक है।

चौघड़ी के अनुसार,  लाभ काल सुबह 09:08 से सुबह 10:46 है। अमृतकाल सुबह 10:46 से दोपहर 12:23 है। शुभकाल दोपहर 02:01 से 03:38 तक है।

स्थिरलग्न, सिंह लग्न सुबह 07:31 से 09:44 तक है। पुनः वृश्चिक लग्न दोपहर 02:17 से 04:13 शाम तक है।

इस वर्ष शोभन योग की श्रावण शुक्ल पूर्णिमा में मुहूर्त संपूर्ण दिन का है अतः उपरोक्त समय के अनुसार निर्णय ले।

फोटो-सोशल मीडिया

राखी के दिन करें ऐसे पूजा

1. पूर्णिमा की देवी माता लक्ष्मी है। इस दिन लक्ष्मी नारायण की आराधना विधि विधान से करे। वर्ष भर धन की कमी न होगी।

2. कुल देवी देवता को रक्षासूत्र बांधे। सभी आकस्मिक आपदा से सुरक्षित रहेंगे।

3. स्त्रियां जिनमे चंद्र दोष हो वो श्रावण पूर्णिमा को भगवान शिव की आराधना करे और खीर का भोग लगावे। चूंकि स्त्री की कुंडली में चंद्र दोष , वैधव्य दोष माना जाता है इसलिए भी ये आवश्यक है।

4. बहने इस रोज अपने भाइयों से अवश्य कुछ मांग रखे। ऐसा करने से भाईयो द्वारा दान देने की क्षमता बनी रहती है। अर्थात साधन सुविधा संपन्न रहते है।

5. भाईयो को चाहिए की बहनों को वस्त्र और कुछ धन अवश्य दे। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

मां पीतांबरा अप सबका कल्याण करे।


ज्योतिषाचार्य- पंडित देवेंद्र भट्ट (गुरु जी)

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