Delhi News: दिल्ली में अब AAP के सामने नई चुनौती, नगर निगम की सत्ता छिन जाने का खतरा, जानिए क्या है MCD का समीकरण

Delhi News: मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के 119 पार्षद हैं जबकि भाजपा के पास 113 पार्षदों की ताकत है। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा काफी उत्साहित दिख रही है और यदि पार्टी ने पार्षदों के उपचुनाव में भी बाजी मारी तो नगर निगम की तस्वीर भी बदल जाएगी।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2025-02-10 12:42 IST

दिल्ली में अब AAP के सामने नई चुनौती   (photo: social media )

Delhi News: दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद अब दिल्ली नगर निगम (MCD) की सत्ता बचाना भी आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद नगर निगम की 10 सीटें खाली हो गई हैं क्योंकि यहां के पार्षद विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन गए हैं। एक सीट पहले से ही खाली पड़ी हुई है। ऐसे में इन सीटों पर अब उपचुनाव कराया जाएगा। इसके बाद नगर निगम का समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है।

मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के 119 पार्षद हैं जबकि भाजपा के पास 113 पार्षदों की ताकत है। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा काफी उत्साहित दिख रही है और यदि पार्टी ने पार्षदों के उपचुनाव में भी बाजी मारी तो नगर निगम की तस्वीर भी बदल जाएगी। भाजपा दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाना चाहती है और ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से नगर निगम चुनाव में भी पूरी ताकत लगाई जाएगी।

भाजपा और आप के कई पार्षदों ने जीते चुनाव

दिल्ली में नगर निगम के 250 वार्ड हैं। द्वारका वार्ड की पार्षद कमलजीत सहरावत ने पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम दिल्ली संसदीय सीट पर जीत हासिल की थी। ऐसे में उनका वार्ड पहले ही खाली हो चुका है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कुल 17 पार्षद अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी अखाड़े में उतरे थे। भाजपा ने 11 पार्षदों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था जिन में से सात पार्षदों ने चुनावी कामयाबी हासिल की है।

भाजपा के टिकट पर जिन पार्षदों ने चुनाव जीता है,उनमें मुंडका से गजेंद्र दराल,शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, वजीरपुर से पूनम शर्मा, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, राजेंद्र नगर से उमंग बजाज, संगम विहार से चंदन चौधरी,विनोद नगर से रविंदर सिंह नेगी और ग्रेटर कैलाश से शिखा राय शामिल हैं। ये सभी पार्षद अब विधायक बन चुके हैं। इसके अलावा मनोनीत पार्षद राजकुमार भाटिया बीजेपी के टिकट पर आदर्श नगर से विधानसभा चुनाव जीते हैं।

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने अपने छह पार्षदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था और इनमें से तीन विधायक बन चुके हैं। आम आदमी पार्टी से जो तीन पार्षद विधायक चुने गए हैं, उनमें देवली से प्रेम चौहान, मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल और चांदनी चौक से पुनरदीप साहनी शामिल हैं।


11 सीटों पर होगा उपचुनाव

दिल्ली नगर निगम में अब 239 पार्षद बचे हैं। इनमें आम आदमी पार्टी के 119, भाजपा के 113 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सिर्फ छह पार्षदों का फासला है जबकि नगर निगम की 11 सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। विधायक बने पार्षदों को अगले 15 दिनों के भीतर इस्तीफा देना है जिसके बाद चुनाव का ऐलान किया जा सकता है।

मौजूदा समीकरण के मुताबिक नगर निगम में आप के पास बहुमत है मगर 11 सीटों पर उपचुनाव के बाद नगर निगम का समीकरण बदल सकता है। सियासी जानकारों का मानना है कि नगर निगम की सत्ता बचाने के लिए आम आदमी पार्टी को तीन सीटों पर उपचुनाव जीतना होगा नहीं तो नगर निगम की सत्ता भी उसके हाथ से निकल जाएगी। मौजूदा माहौल को देखते हुए कांग्रेस की ओर से भी आप को समर्थन मिलना मुश्किल माना जा रहा है। ऐसे में आप के सामने नगर निगम में भी बड़ी चुनौती पैदा हो गई है।


आप के लिए पैदा हुआ बड़ा खतरा

केंद्र की सत्ता पर पहले से ही काबिज भाजपा ने अब विधानसभा चुनाव जीतकर दिल्ली की सत्ता पर भी कब्जा कर लिया है। अब पार्टी की निगाहें नगर निगम पर लगी हुई है। दिल्ली की सत्ता भले ही भाजपा से 27 साल दूर रही हो मगर इस दौरान 15 वर्षों तक नगर निगम पर भाजपा का कब्जा रहा है। 2022 में आम आदमी पार्टी ने नगर निगम की सत्ता भी भाजपा के हाथों से छीन ली थी मगर अब भाजपा के भीतर नगर निगम की सत्ता पर भी कब्जा करने की आस जाग गई है।

जानकारों का मानना है कि भाजपा अप्रैल में होने वाले महापौर और उप महापौर के चुनाव में बाजी मार सकती है। यदि ऐसा हुआ तो दिल्ली में पहली बार भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार बन जाएगी। दिल्ली चुनाव में आप की करारी हार के बाद आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के हौसले पस्त नजर आ रहे हैं जबकि दूसरी ओर भाजपा नेता और कार्यकर्ता काफी उत्साहित दिख रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में नगर निगम का समीकरण बदल जाने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।



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