बैंक अब पर्सनल गारंटर की परिसंपत्तियां बेचकर कर सकेंगे कर्ज की वसूली : सुप्रीम कोर्ट

Personal Guarantor : बैंक अब कॉरपोरेट गारंटी देने वाले लोगों की परिसम्पत्तियों को बेचकर कर्ज की वसूली कर सकेंगे।

Newstrack :  Network
Published By :  Shraddha
Update: 2021-05-22 07:46 GMT

सुप्रीम कोर्ट की फाइल तस्वीर (फोटो साभार— सोशल मीडिया)

Personal Guarantor : कॉरपोरेट सेक्टर (Corporate sector) के बड़े उद्योगपतियों के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बड़ा झटका दिया है। बैंक अब कॉरपोरेट गारंटी (Corporate guarantee) देने वाले लोगों की परिसम्पत्तियों को बेचकर कर्ज की वसूली कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की छूट बैंकों को दे दी है। इससे पहले केंद्र सरकार ने नवंबर 2019 में अधिसूचना जारी कर दी थी। बताया जाता है कि इसके खिलाफ कई बड़े उद्योगपतियों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।

आपको बता दें कि दिवालिया प्रक्रिया में शामिल कंपनियों को कर्ज दिलाने में पर्सनल गारंटी देने वाले प्रवर्तकों से भी वसूली करने में बैंकों को छूट दे दी गई है। देश के कई बड़े उद्योगपतियों ने केंद्र सरकार की जारी अधिसूचना के खिलाफ याचिका दायर की थी। इनमें से अनिल अंबानी, कपिल वधावन, संजय सिंघल जैसे कई लोग शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया कंपनियों को लेकर सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया प्रक्रिया में नया फैसला लिया है। अब बैंक दिवालिया होने वाली कंपनियों के प्रवर्तकों से वसूली की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। वसूली न होने की स्थिति में उन्हें व्यक्तिगत रूप से दिवालिया घोषित किया जाएगा। कोर्ट के गारंटर पर भी कंपनी की ही तरह नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NC LT) में दिवालिया प्रक्रिया चलाने की अनुमति दी है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की पीठ ने अपने आदेश में कहा है " रिजोल्यूशन प्लान स्वीकृति का यह मतलब नहीं है कि कंपनियों को कर्ज दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पर्सनल गारंटर का कोई उत्तरदायित्व नहीं है। इसके साथ जस्टिस ने कहा कि लोन की गारंटी देने वाले को कांट्रेक्टर ऑफ गारंटी के दायित्व से अलग नहीं किया जा सकता। इसके साथ कोर्ट के केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को वैध बताया है। "

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