कॉलेजों की लैब खोलने में जल्दबाजी कर रहा प्रशासन : टीचर्स संगठन
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 16 अगस्त से स्नातक और परास्नातक में पंजीकृत विज्ञान पाठ्यक्रम वाले सभी कॉलेजों को कक्षा…
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 16 अगस्त से स्नातक और परास्नातक में पंजीकृत विज्ञान पाठ्यक्रम वाले सभी कॉलेजों को कक्षा और लैब को फिजिकल मोड में खोलने का सर्कुलर जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि इस सर्कुलर को कोरोना संक्रमण के चलते अभी उचित नहीं माना जा रहा है। सर्कुलर के खिलाफ आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने पुरजोर विरोध जताते हुए डीयू प्रशासन से इसको तुरंत वापस लेने की मांग की है।
कोरोना की तीसरी लहर बेहद खतरनाक
उन्होंने आगे बताया कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने वाली है, जो बहुत ही खतरनाक बताई जा रही है। डीयू प्रशासन को अपने सभी कॉलेजों को खोलने से पहले इस पर विचार करना चाहिए। क्या डीयू ने अपने कॉलेज और लैब को फिजिकल मोड़ में खोलने की तैयारी की हुई है ? कोरोना महामारी की चपेट में आने से लगभग 60 शिक्षकों की मौत हुई और ना जाने कितने ही परिवार बेसहारा हो गए हैं
दिल्ली में रोज आ रहा है 50 से ज्यादा मामले
डॉ. सुमन ने बताया है कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में दिल्ली में हर रोज अभी भी 50 के आसपास कोरोना मामले आ रहे हैं । इतना ही नहीं रोज कोरोना से मौत भी हो रही हैं। वहीं, संक्रमित मरीजों की संख्या भी अभी 500 के आसपास बनी हुई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता सकता है कि स्थिति सामान्य नहीं हुई है।
शिक्षकों और छात्रों को नहीं लगी हैं वैक्सीन डोज
डॉ. सुमन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि क्या अभी भी हमारे कर्मचारियों ने जो लैब को खोलेंगे वह प्रेक्टिकल कराएंगे। इसके लिए उन्होंने वेक्सिनेशन करा लिया है और कॉलेज में पढ़ने वाले या विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के सभी छात्रों ने अपना वेक्सिनेशन करा लिया है ?
दिल्ली में कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है। फरवरी 2020 में भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी। उस समय भी विश्वविद्यालय/कॉलेजों को इस तरह का सर्कुलर भेजा गया था।