गांव वालों पर पुलिस का तांडव देख नाराज बीजेपी विधायक ने की कर्रवाई की मांग और दी धमकी

Update: 2018-09-21 09:26 GMT

शाहजहांपुर: कच्ची शराब के खिलाफ पुलिस की कार्यवाही के बाद गांव मे पुलिस द्वारा की गई तोड़फोड़ के मामले ने अब तूल पकङ लिया है। बीजेपी विधायक रोशनलाल वर्मा खुद अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं| हालात देखकर विधायक ने माना है कि पुलिस ने गांव मे आकर तांडव मचाया है।

तांडव के दौरान पुलिस ने महिलाओ के साथ भी मारपीट की थी। जिसमे कई महिलाए भी जख्मी हुइ थी। विधायक ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। वह पुलिस द्वारा मचाए गए तांडव की शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे। साथ ही धमकी दी है अगर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही नही हुई तो वह धरने पर बैठेंगे।

क्या है पूरा मामला?

घटना थाना आरसी मिशन क्षेत्र के चक परमाली गांव मे दो दिन पहले शराब के खिलाफ छापेमारी करने गई पुलिस ने गांव मे करीब 50 घरो मे तांडव मचाया था। ग्रामिणों और महिलाओ के साथ जमकर मारपीट भी की थी। पुलिस ने ग्रामिणों पर पुलिस टीम पर हमला करने का आरोप लगाते हुए 40 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस घटना ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। बीजेपी विधायक रोशनलाल वर्मा ने गांव जाकर उन महिलाओ और ग्रामिणों से बात की जिनको पुलिस ने दबिश के दौरान जमकर पीटा था।

विधायक ने उन घरो मे जाकर देखा जहां पर पुलिस ने सब तहस-नहस कर दिया था। विधायक गांव का नजारा देखकर बेहद गुस्से मे दिखे। उन्होंने ग्रामिणों का दर्द देखकर अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत शुरू कर दी है। विधायक रोशनलाल वर्मा ने कहा कि वाकई पुलिस की गुंडागर्दी क्या होती है ये इस गांव मे देखकर अंदाजा लगा सकते है।

मजिस्ट्रेट जांच की मांग

विधायक ने पुलिस द्वारा तोड़फोड़ करने का मामले मे मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है। साथ ही उन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है जिन्होंने ने गांव मे तोङफोङ की थी। विधायक का कहना है कि बीजेपी राज मे गरीबो पर जुल्म नही बर्दाश्त किया जाएगा। इस पूरी घटना की शिकायत हम खुद सीएम से करेंगे। अगर इस घटना पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही नही होती है तो हम धरने पल बैठेंगे।

पुलिस का आरोप ग्रामीणों ने पुलिस की टीम को बंधक बनाकर पीटा था

आपको बता दें कि दो दिन पहले कच्ची शराब की सूचना पर छापेमारी करने आबकारी की टीम और थाने की पुलिस गांव मे गई थी। पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पुलिस की टीम को बंधक बनाकर पीटा था। उसके बाद पुलिस ने भागकर जान बचाई थी। गांव मे तोङफोङ का आरोप पुलिस पर गलत लग रहा है। बता दें कि भागकर जान बचाने के बाद भारी पुलिस बल गांव पहुचा जहां करीब 50 घरों मे जमकर तोड़फोड़ की। घरो को तहस नहस कर दिया। महिलाओ को जमकर पीटा था। पुलिस ने 19 गाङियों को तोड़ा। उसके बाद 40 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर 6 लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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