Sonbhadra Crime News: सात माह तक नाबालिग से किया था गैंगरेप, दंपती सहित पांच को अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास

Sonbhadra Gangrape Case: नाबालिग को डरा धमका कर लगातार सात माह तक दुष्कर्म करने के मामले का खुलासा तब हुआ था, जब पेट दर्द की शिकायत पर उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-21 14:05 GMT

सोनभद्र: गैंगरेप के आरोपियों को मिला अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Sonbhadra Crime News: उत्तर प्रदेश के जनपद सोनभद्र (District Sonbhadra) में एक नाबालिग को डरा धमका कर सात माह तक सामूहिक दुष्कर्म (gang rape) करने के चार दोषियों और उनके इस काम में सहयोग करने के लिए एक दोषी की पत्नी को भी आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा सुनाई गई है। मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने उत्सव गिरी, रौकत भट्टाचार्य, राजू गोप, गुड्डू राजभर व किरन को दोषसिद्ध पाते हुए सजा सुनाई।

इस सजा में प्रत्येक दोषी पर एक लाख पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में प्रत्येक को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की पूरी धनराशि नियमानुसार पीड़िता को प्रदान की जाएगी।

पेट दर्द पर पीड़िता को ले जाया गया अस्पताल, तब हुआ खुलासा

नाबालिग को डरा धमका कर लगातार सात माह तक दुष्कर्म(Life imprisonment) करने के मामले का खुलासा तब हुआ था, जब पेट दर्द की शिकायत पर उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभियोजन कथानक के मुताबिक शक्तिनगर थाना क्षेत्र (shaktinagar police station area) के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 28 अप्रैल 2017 को शक्तिनगर थाने में तहरीर दी। आरोप लगाया कि उसकी नाबालिग लड़की के साथ उसके मर्जी के विरुद्ध शक्तिनगर थाना क्षेत्र के कोटा बस्ती निवासी उत्सव गिरी, रौकत भट्टाचार्य, राजू गोप, गुड्डू राजभर सात माह तक जबरन दुष्कर्म करते रहे। इसमें गुड्डू राजभर की पत्नी किरन भी सहयोग करती रही। 27 मार्च 2017 को अचानक उसके बेटी के पेट में दर्द होने लगा तो उसे लेकर मध्यप्रदेश के जयंत स्थित नेहरू अस्पताल में गया।

वहां जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि पेट में सात माह का गर्भ है। बच्चे की पेट में ही मौत हो गई है, जिसका ऑपरेशन करना होगा। 31 मार्च 2017 को ऑपरेशन करके मृत बच्चे को बाहर निकाला गया। उनकी बेटी इसके पहले उन्हें इसलिए इस घटना के बारे में नहीं बताई, क्योंकि सभी लोग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे थे।

प्रत्येक आरोपी के ऊपर एक लाख पांच हजार रुपये का अर्थदंड

सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर मंगलवार को दोषियों उत्सव गिरी, रौकत भट्टाचार्य, राजू गोप, गुड्डू राजभर और किरन को उम्रकैद तथा प्रत्येक को एक लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई अर्थदंड न देने की दशा में प्रत्येक को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी पड़ेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि और सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने मामले की पैरवी की।

उधर, पुलिस प्रवक्ता ने भी सजा की पुष्टि की। बताया कि थाना शक्तिनगर पुलिस में प्रकरण को लेकर धारा 376डी, 506 भादवि व 5(G), 5(J) ii/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की गई और विवेचना में जरूरी साक्ष्य एकत्रित करने के बाद चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी गई थी।

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