10वीं पास ले सकते हैं गैस सिलेंडर की एजेंसी, ये है अप्लाई करने का तरीका
मोदी सरकार का प्लान इस बार सत्ता में आने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहिया कराना है। देश की सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (इंडियन ऑयल कारपोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम) की अगले एक साल में 5000 नए गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स नियुक्त करने की योजना है।
लखनऊ: मोदी सरकार का प्लान इस बार सत्ता में आने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहिया कराना है। देश की सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (इंडियन ऑयल कारपोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम) की अगले एक साल में 5000 नए गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स नियुक्त करने की योजना है। सरकार ने हाल में 2000 नए लाइसेंस जारी किए है।
हाल ही में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम मंगलवार को 1।76 रुपये बढ़ गए हैं। अगर आप भी गैस एजेंसी लेने के लिए इच्छुक है तो आपको पहले से पूरी तैयारी करनी होगी। इसीलिए हम आपको नियम, शर्तों और प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे रहे है।
इन राज्यों में बांटे जाएंगे नए लाइसेंस
गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स का लाइसेंस मिलने के बाद गैस एजेंसी को चालू करने में सामान्य तौर पर एक साल का समय लग जाता है। इसमें तमाम स्थानीय प्रशासनिक मंजूरियां लेने के साथ ही साथ ऑफिस और गोदाम निर्माण भी शामिल है। नए डिस्ट्रीब्यूटर्स विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और महाराष्ट्र में बनाए जाएंगे, क्यों कि इन्हीं राज्यों में उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है।
PG डीलरशिप हासिल करने की बेहद कड़े नियम और शर्तें हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस साल जब गैस कंपनियां डीलरशिप के लिए आवेदन आमंत्रित करें तो आपके पास तैयारी पूरी होनी चाहिए।
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स्टेप-1: देश की तीनों सरकारी कंपनियां इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस समय-समय पर नए डीलर बनाने के लिए आवेदन आमंत्रित करती हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन योजना (आरजीजीएलवी) के तहत भी आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसमें गैस कंपनियां एजेंसी और गोदाम की जमीन के लिए कंपनियां वार्ड, मुहल्लाज या निश्चित स्थांन विज्ञापन या नोटिफिकेशन में बताती हैं।
एप्लीाकेशन भेजने के बाद एक निर्धारित तिथि पर कैंडिडेट का इंटरव्यू किया जाता है। इसमें विभिन्न आधार पर नंबर दिए जाते हैं। इन्हीं नंबरों के विभिन्न पैरामीटर्स आधार पर कैंडिडेट का इवैल्युएशन किया जाता है। इसका रिजल्टि नोटिस बोर्ड पर सभी पैरामीटर्स पर प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है।
स्टेप-2: मैरिट में अंकों के प्रदर्शित होने के बाद गैस कंपनी का एक पैनल सभी कैंडिडेट की दी गई डिटेल के संबंध में फील्ड वैरिफिकेशन करता है। इसमें जमीन से लेकर सभी अन्यक बातों की गहन पड़ताल की जाती है। इसके बाद ही गैस एजेंसी अलॉट की जाती है। इसके लिए कैंडिडेट को एक तय समय सीमा दी जाती है। इसके भीतर ही उसे गैस एजेंसी शुरू करनी होती है।
गैस एजेंसी या डीलरशिप लेने के लिए सबसे जरूरी शर्त पर्मानेंट एड्रेस और जमीन की होती है। कैंडिडेट के पास पर्मानेंट रेजिडेंस एड्रेस होना चाहिए। इसके अलावा उसके पास गैस एजेंसी ऑफिस और गोदाम के लिए पर्याप्त जमीन या स्थाान भी होना चाहिए। जमीन किस मुहल्ले, वार्ड या स्थान पर होनी चाहिए, इसकी जानकारी विज्ञापन में दी जाती है। इसके अलावा कैंडिडेट 10वी पास अवश्य होना चाहिए। साथ उसकी उम्र 21 साल होनी चाहिए। इसके साथ ही आपके पास बैंक बैलेंस और डिपॉजिट राशि भी होनी चाहिए।
इन लोगों को मिलता है रिजर्वेशन
गैस एजेंसी के लिए सरकार द्वारा तय मानकों के आधार पर रिजर्वेशन दिया जाता है। 50 फीसदी रिजर्वेशन सामान्य श्रेणी के लिए होता है। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के साथ ही सामाजिक रूप से अक्षम लोगों, भूतपूर्व सैनिक, स्व तंत्रता सेनानी, खिलाड़ी, सशस्त्रो बल, पुलिस या सरकारी कर्मचारियों को भी आरक्षण दिया जाता है।
जमीन और डिस्ट्रिब्यूशन चैनल जरूरी
गैस एजेंसी हासिल करने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आपके पास पर्याप्त जमीन और सिलेंडर डिलिवरी के लिए पर्याप्तस स्टाक होना चाहिए। गोदाम के लिए गैस कंपनी निर्धारित मानक तय करती है। सभी गोदाम का आकार, उसमें सुरक्षा के इंतजाम आदि इसी पर आधारित होते हैं।
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