कादर खान थे लकी मैन: जिसको छुआ उसे स्‍टार बना दिया, 40 साल तक किया राज

शिक्षा दीक्षा के बाद वह एक इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियर के शिक्षक भी बने लेकिन उनकी किस्‍मत तो बॉलीवुड के साथ लिखी गई थी।

Update:2020-11-12 13:22 IST
छात्रों को पढ़ाते-पढ़ाते फिल्मों मे आ गए कादर खान, जानें कैसे शुरू हुआ बॉलीवुड का सफ़र

अखिलेश तिवारी

मुंबई: बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार ने कॉलेज के एक ड्रामा में कादर खान को काम करते हुए देखा तो उनके काम से इतना प्रभावित हुए कि अपनी दो फिल्मों सगीना और बैराग के लिए साइन कर लिया। इस छोटी व बड़ी शुरुआत के बाद कादरखान ने बॉलीवुड में पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी प्रतिभा के दम पर अगले 40 साल तक राज किया। 300 से ज्‍यादा फिल्मों में काम करने वाले कादर खान ने अभिनय के साथ ही निर्देशन भी किया और फिल्मों के लिए संवाद व पटकथा लेखन कर अपना सिक्‍का जमा दिया। 22 अक्‍टूबर 1937 को काबुल में जन्‍म लेने वाले कादर खान बाद में अपने परिवार के साथ मुंबई भारत आ गए।

ये भी पढ़ें:भारत का प्रोजेक्ट 75: जिसका नाम सुनते ही कांपने लगे चीन और पाकिस्तान, क्या है ये

पहले उन्‍होंने अमिताभ बच्‍चन के साथ काम किया

शिक्षा दीक्षा के बाद वह एक इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियर के शिक्षक भी बने लेकिन उनकी किस्‍मत तो बॉलीवुड के साथ लिखी गई थी। राजेश खन्‍ना की फिल्म दाग से अभिनय की शुरुआत की लेकिन बाद में पटकथा व संवाद लेखक के तौर पर उन्‍होंने जो काम किया उसकी तारीफ बॉलीवुड स्‍टार गोविंदा ने अपने एक साक्षात्‍कार में किया है। गोविंदा ने कहा कि कादरखान ने बतौर लेखक जिस भी एक्‍टर को छू दिया वह बॉलीवुड का सुपर स्‍टार बन गया। उसका कैरियर आसमान छूने लगा। पहले उन्‍होंने अमिताभ बच्‍चन के साथ काम किया।

उनकी सभी फिल्‍में सुपर हिट रहीं। फिर जितेंद्र जी के साथ काम किया तो वह भी सुपर हिट फिल्‍में देते रहे। बाद में उन्‍होंने मिथुन चक्रवर्ती के लिए काम किया तो मिथुन की सभी फिल्‍में सुपर हिट हुईं और मेरे साथ 41 फिल्‍मों में काम किया। उनके साथ की मेरी सभी फिल्‍में सुपर-डुपर हिट रहीं। वह लेखक के तौर पर बड़े महान थे। उनकी कलम में ऐसा जादू था कि उन्‍होंने जिस भी फिल्‍म के लिए डायलॉग या पटकथा लिखी वह सभी हिट हुईं और वह कलाकार भी बॉलीवुड का सबसे बड़ा सितारा बन गया।

kader-khan (Photo by social media)

वह मुझसे एक बार काफी नाराज हो गए थे

कादरखान के आखिरी दिनों की चर्चा करते हुए गोविंदा ने बताया कि वह मुझसे एक बार काफी नाराज हो गए थे। एक फिल्‍म के सेट पर काम करने के दौरान मैंने देखा कि वह बैठकर कुछ लिख रहे हैं। पास जाकर देखा तो एक धार्मिक पुस्‍तक लिख रहे थे। उस पुस्‍तक पर वह अपने हाथ से कुछ लिख रहे थे। यह देखकर मैंने उनसे कहा कि दैवी पुस्‍तकों पर पेन नहीं लगाना चाहिए। यह ऊपरवाले को पसंद नहीं है। इससे रूहानी तौर पर नुकसान हो सकता है। उन्‍हें मेरी यह बात बेहद खराब लगी।

तुमने कादर खान जी से ऐसी बात क्‍यों कह दी

उन्‍होंने मुझे खूब डांटा और वहां से चले जाने को कहा। बाद में डायरेक्‍टर ने भी मुझे समझाया कि तुमने कादर खान जी से ऐसी बात क्‍यों कह दी। उनसे ऐसा कहने की हिम्‍मत कोई नहीं करता तो मैंने कहा कि मुझे जो देखकर अच्‍छा नहीं लगा वहीं मैंने कहा। अब यह बात मेरे मन में क्‍यों आई मुझे खुद नहीं मालूम है। बाद में मैंने पाया कि वह अपने पूरे जीवन में बेहद संवेदनशील हो गए थे। छोटी-छोटी बात पर नाराज हो जाया करते थे। मैंने बाद में भी उनसे मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो पाया।

ये भी पढ़ें:LIVE: एक और राहत पैकेज के लिए रहें तैयार, थोड़ी देर में वित्त मंत्री करेंगी ऐलान

यह अलग बात है कि जब तक उनका साथ मुझे मिला मैंने कामयाबी का शिखर चूमा। वह मेरे गुरु थे। उनकी डांट से मेरे नाराज होने का सवाल ही नहीं उठता। ऐसे में उनके बेटे का यह कहना जायज नहीं है कि उनके बीमारी के दिनों में उनसे मेरा रिश्‍ता कमजोर हो गया था। असल बात यह है कि उन्‍होंने मुझे बाद में मिलने का मौका नहीं दिया और बीमारी के दिनों में मिलकर मैं उनका गुस्‍सा बढाना नहीं चाहता था।

कादर खान से जुड़ी अहम बातें

1973 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने के बाद से, कादर खान 300 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनकी पहचान अभिनेता और लेखक के रूप में है।

-अपनी पहली फिल्म दाग में कादर खान ने, अभियोजन पक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी।

-कादर खान बॉम्बे युनिवर्सिटी के इस्माइल युसुफ कॉलेज से इंजीनियरिंग ग्रेज्यूएट हैं।

-फिल्मों में करियर बनाने के पहले, कादर खान एमएच सैबू सिद्दिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे।

- उनके पिता अब्दुल रेहमान खान कंधार के थे तो माता इकबाल बेगर पिशिन बलूचिस्‍तान से थीं ।

- कादर खान के तीन बेटे हैं। उनके एक बेटा कनाडा में रहता है ।

- कादर खान ने 250 से ज्यादा फिल्मों के संवाद लिखे हैं।

- फिल्म 'रोटी' के लिए मनमोहन देसाई ने कादर खान को संवाद लिखने के लिए 1,20,000 रुपये जैसी बड़ी रकम अदा की थी।

- कादर खान टेलीविजन पर एक कॉमेडी शो 'हंसना मत' प्रसारित कर चुके हैं। जिसे उन्होंने खुद बनाया था।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News