आजीवन कुंवारे रहे संजीव कुमार, कुछ ऐसी रही उनकी शख्सियत
हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर संजीव कुमार को कौन नहीं जानता। उन्होंने अपने अभिनय से लाखों दिलों पर राज किया था। उनका एक्टिंग करियर सभी के लिये एक मिसाल था।
मुंबई: हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर संजीव कुमार को कौन नहीं जानता। उन्होंने अपने अभिनय से लाखों दिलों पर राज किया था। उनका एक्टिंग करियर सभी के लिये एक मिसाल था। लेकिन बहुत ही कम उम्र में वो इस दुनिया को अलविदा कह गए। महज 47 साल की उम्र में 6 नवंबर 1984 को दिल का दौरा पड़ने से संजीव कुमार की मृत्यु हो गयी और हिंदी फिल्म जगत ने अपना कीमती हीरा खो दिया। आज हम आपको संजीव कुमार की पुण्यतिथी के मौके पर आपको उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ अनसुनी बातों से रुबरु कराएंगे।
गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते थे संजीव
संजीव कुमार गुजराती परिवार में 9 जुलाई, 1938 को सूरत में हुआ था और इन्होंने अपने एक्टिंग की शुरुआत रंगमंच से की थी। मशहूर फिल्मकार एस. मुखर्जी ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में पहला मौका दिया था। संजीव कुमार सबसे पहली बार साल 1960 में फिल्मालय स्टूडियो के बैनर तले रिलीज हुई फिल्म हम हिंदुस्तानी में नजर आए थे। इस फिल्म में उन्होंने एक पुलिस अफसर का किरदार निभाया था।
काम के लिए सीरियस थे संजीव कुमार
हालांकि फिल्म में संजीव कुमार का किरदार केवल 2 मिनट का था, लेकिन इस शुरुआत के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। संजीव कुमार अपने काम के प्रति बेहद सीरियस थे, लेकिन जितना वो काम के प्रति गंभीर थे, उतना ही वो निजी जिंदगी में खुशदिल रहे। संजीव कुमार के काम के गवाह बने 80 वर्षीय आबिद ने एक इंटरव्यू के दौरान संजीव कुमार से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताईं।
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हम हिंदुस्तानी से मिला पहला मौका
80 वर्षीय आबिद ने बताया कि, संजीव कुमार का परिवार एक संपन्न परिवार था। उन्होंने अभिनय की दुनिया इसलिए नहीं चुनी क्योंकि उनके पास पैसे की कमी थी, बल्कि इसलिए चुनी क्योंकि उन्हें एक्टिंग में रुचि थी। संजीव कुमार ने पहले इप्टा और इंडियन नेशनल थियेटर में रंगमंच सीखा, उसके बाद वो फिल्मालय एक्टिंग स्कूल का हिस्सा बन गये। यहां उन्होंने लगभग 2 साल तक बिना किसी शुल्क के अभिनय की बारीकियां सीखी। उसके बाद साल 1960 में फिल्मालय के ही बैनर तले बनी फिल्म हम हिंदुस्तानी से उन्हें पहली बार सिनेमा में अभिनय करने का मौका मिला।
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कुछ ऐसा रहा उनका व्यक्तित्व
आबिद ने आगे बताया कि, संजीव कुमार एस. मुखर्जी साहब की काफी इज्जत किया करते थे। वो मुखर्जी परिवार के लिए एक घर के बच्चे की तरह ही थे। फिल्मालय में प्रशिक्षण और पहली फिल्म के बाद उन्होंने जिंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो अपने अभिनय से उस दौर के सुपरस्टार्स को भी टक्कर देते थे। संजीव कुमार के व्यवहार को लेकर आबिद ने बताया कि, वो एक शानदार व्यक्तित्व थे। हर किसी से खुशी के साथ मिलते थे। उन्होंने कभी भी लोगों के साथ भेदभाव नहीं किया। शूटिंग के दौरान जब भी वो स्टूडियो आते तो सेट पर मौजूद सभी स्टार्स हो या फिर स्पॉटबॉय सभी से खुशी से मिलते थे।
खुशमिजाज इंसान थे संजीव कुमार
मुझसे भी उनका खास रिश्ता रहा है। कई बार तो वो बातचीत के दौरान मुझसे भी कई खास बातों को साझा किया करते थे। हर कोई उनके पास अपनी परेशानी लेकर आता था। अगर संजीव कुमार किसी को न पहचानते हों फिर भी वो किसी की परेशानी सुनने से पीछे नहीं हटते थे। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि, वो काम से लेकर निजी जिंदगी तक में एक खुशमिजाज इंसान रहे। उनकी शख्सियत की वजह से लोग उनके पास खींचे चले आते थे।
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इन फिल्मों से बनाई पहचान
साल 1970 में आई फिल्म खिलौना की जबरदस्त कामयाबी के बाद संजीव कुमार ने नायक के रूप में अपनी अलग पहचान बना ली। उन्होंने अपने करियर में शोले, कोशिश, दस्तक, सवाल, खिलौना, आंधी, मौसम, पति पत्नी और वो जैसी फिल्मों में काम किया था। उन्हें दस्तक(1970) और कोशिश (1972) के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर और बेस्ट को-एक्टर का पुस्कार भी मिला था। संजीव कुमार आजीवन कुंवारे ही रहे क्योंकि उन्हें दिल की बीमारी थी और उनके परिवार में अधिकतर लोगों की मौत 50 साल से कम की उम्र में ही हो गया था। और संजीव कुमार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ मात्र 47 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
कुछ ऐसी रही उनकी लव लाइफ
अगर उनकी लव लाइफ की बात करें तो वो हेमा मालिनी से प्यार करते थे, लेकिन हेमा धर्मेंद्र से प्यार करती थीं। लेकिन उन्हें एक्ट्रेस सुलक्षणा बहुत प्यार करती थीं, और उन्होंने एक बार उन्हें प्रपोज भी किया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। हालांकि सुलक्षणा ने शादी के बाद खूब मनाया था, लेकिन संजीव कुमार नहीं माने। साल 1984 को 6 नवंबर के दिन 47 वर्ष की आयु में संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि, सुलक्षणा उनसे इतना प्यार करती थीं कि उन्होंने कभी शादी नहीं की।
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