विद्युत विभाग की सामग्री अवैध कॉलोनियों में मिलने के मामले में हाईकोर्ट सख्त, 17 बड़े अधिकारियों को थमा दी नोटिस
Hardoi News: शहर में बिजली विभाग की सांठगांठ से अवैध नई कालोनियों में चोरी की बिजली लाइन बिछाने की शिकायत हुई थी, जिस पर अगस्त 2022 में शहर और सुरक्षा क्षेत्र के दो स्थानों पर विजलेंस टीम द्वारा छापेमारी कर भारी मात्रा में लाइन बिछाने की सामग्री बरामद की गई थी। कार्यदाई संस्था के संचालक के खिलाफ दिसंबर 2022 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
Hardoi News: बिजली विभाग में चेयरमैन सहित 17 अधिकारियों को हाईकोर्ट की ओर से नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। दरअसल शहर के आसपास बनी अवैध कॉलोनियों में चोरी से बिजली लाइन बिछाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। हालांकि इससे पहले विभाग की ओर से खानापूर्ति करते हुए ठेकेदार सहित सात लोगों पर अभियोग पंजीकृत कराया गया था, लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही ना होने पर हाईकोर्ट अब सख्त हो गया है।
शहर में बिजली विभाग की सांठगांठ से अवैध नई कालोनियों में चोरी की बिजली लाइन बिछाने की शिकायत हुई थी जिस पर अगस्त 2022 में शहर और सुरक्षा क्षेत्र के दो स्थानों पर विजलेंस टीम द्वारा छापेमारी कर भारी मात्रा में लाइन बिछाने की सामग्री बरामद की गई थी। इस मामले में कार्यदाई संस्था के संचालक के खिलाफ दिसंबर 2022 में बिजली थाना बावन में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अवैध रूप से बनी शहर के लखनऊ रोड, शाहजहांपुर मार्ग, बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में बिलग्राम सांडी मार्ग, माधवगंज क्षेत्र में टीमों ने छापा मारकर भारी मात्रा में लाइन बिछाने वाली सामग्री को जप्त किया था। टीम द्वारा छह मामलों की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले की जांच जिला स्तर से लेकर बिजली मुख्यालय तक से की जा रही थी। जांच टीम की ओर से कार्रवाई न करने पर शिकायतकर्ता के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह की ओर से हाईकोर्ट में एक वाद दायर किया गया था। इसमें आरोप लगाए गए की प्लाटिंग एरिया और बरामद सामग्री के विषय में आरोपियों के खिलाफ विद्युत विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। विभाग में टेंडर प्रक्रिया में लगभग 6 करोड़ का गोलमाल किया गया और बिलिंग की बीआर में भी गोलमाल किया गया है। बिजली विभाग के चेयरमैन सहित 17 अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया है। उच्च न्यायालय की ओर से इस संबंध में सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामले में वादी अधिवक्ता देवेंद्र सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरुण नाथ मिश्रा के माध्यम से रिट दायर हुई है। इस पर बिजली विभाग के 17 जिम्मेदारों को नोटिस जारी हुए हैं।
जांच में शामिल यह अधिकारी हटाए जा चुके हैं, इन पर हुई एफआईआर-
तत्कालीन अधिशासी अभियंता द्वितीय, तत्कालीन अधिशासी अभियंता मीटर, तत्कालीन दो उपखंड अधिकारी, दो अवर अभियंता शामिल हैं। इसके साथ ही इस मामले में एक ठेकेदार के प्रतिनिधि, दो कॉलोनी के कर्मचारी, दो अज्ञात लोगों, भूमि स्वामी पर एफआइआर हो चुकी है।
इनको जारी हुआ नोटिस
हाईकोर्ट द्वारा अध्यक्ष पावर कारपोरेशन, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल, प्रबंध निदेशक मध्यांचल विद्युत निगम, मुख्य अभियंता लखनऊ जोन, जिला प्रशासन हरदोई, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, तत्कालीन अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड द्वितीय, तत्कालीन अधिशासी अभियंता मीटर, अधिशासी अभियंता प्रथम, उपखंड अधिकारी सदर, बावन स्टोर प्रभारी, तीन अवर अभियंता, लेखाकार अधीक्षण अभियंता कार्यालय, तत्कालीन विजिलेंस प्रभारी को हाईकोर्ट की ओर से नोटिस जारी हुआ है।
यहां टीम ने पकड़ा था माल-
बिजली विभाग की विजिलेंस टीम ने छापेमारी कर शहर के लखनऊ रोड व सुरसा के गांव से 4 ट्रांसफार्मर सहित भारी मात्रा में सामग्री बरामद की थी। शहर के लखनऊ रोड पर एक कॉलोनी से 20 पोल और 620 मीटर केबल पकड़ी थी, शहर के शाहजहांपुर रोड पर 6 पोल की लाइन की सामग्री बरामद हुई थी, शहर के शाहजहांपुर रोड पर ही दो अन्य स्थानों पर 17 पोल की सामग्री बरामद हुई थी, बिलग्राम क्षेत्र में बिलग्राम सांडी मार्ग पर 16 पोल की बिजली सामग्री बरामद हुई थी, शहर के 1 मीटर ठेकेदार के घर से 2 बोरी गैर प्रांत के मीटर भी बरामद हुए थे।