Aloe vera ke nuksan: एलोवेरा का अधिक सेवन डाल देगा आपको परेशानी में, बीपी के मरीज़ों के लिए खतरा

Aloe vera ke nuksan: एलोवेरा का पौधा लगभग दो फीट लंबा होता है। स्वाद में इसके पत्ते या जेल कड़वा होता है।

Written By :  Preeti Mishra
Published By :  Monika
Update:2022-05-16 11:46 IST

एलोवेरा (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Aloe vera ke nuksan: सदियों से एलोवेरा (Aloe vera ) का इस्तेमाल सुंदरता से लेकर आयुर्वेदिक औषधि तक के लिए किया जाता रहा है। इसे घृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है। भरपूर पोषक तत्वों से परिपूर्ण एलोवेरा में सेहत से जुड़ें अनगिनत गुण छुपे होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन ए, बी, सी और ई के गुण स्वास्थ्य को अनगिनत लाभ पहुंचाते हैं। इसके अलावा एलोवेरा जेल में कार्बोहाइड्रेट भी होता है, जिसे ऐसमैनन के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि यह पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम करता है। इतना ही नहीं पोषण देने के साथ यह शरीर की खराब चीजों को बाहर निकालने का भी महत्वपूर्ण काम करता है।

उल्लेखनीय है कि एलोवेरा का पौधा लगभग दो फीट लंबा होता है। स्वाद में इसके पत्ते या जेल कड़वा होता है। डायबिटीज से लेकर कैंसर जैसी बिमारियों में राहत पहुंचाने में एलोवेरा मददगार होता है। एलोवेरा एक कैक्टस जैसा पौधा है जो गर्म, शुष्क जलवायु में उगता है। इसकी खेती दुनिया भर के उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है, जिसमें टेक्सास, न्यू मैक्सिको, एरिज़ोना और कैलिफोर्निया के दक्षिणी सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं। भारत में भी कुछ राज्यों में इसकी खेती होती है।

एलोवेरा के सामयिक उपयोग

एलोवेरा का उपयोग शीर्ष रूप से (त्वचा पर लगाया जाता है) और मौखिक रूप से किया जाता है। एलोवेरा के सामयिक उपयोग को मुँहासे, लाइकेन प्लेनस (त्वचा पर या मुंह में बहुत खुजलीदार दाने), मौखिक सबम्यूकोस फाइब्रोसिस, मुंह में जलन, जलन और विकिरण-प्रेरित त्वचा विषाक्तता के लिए बढ़ावा दिया जाता है। एलोवेरा के मौखिक उपयोग को वजन घटाने, मधुमेह, हेपेटाइटिस, और सूजन आंत्र रोग (आंतों की सूजन के कारण होने वाली स्थितियों का एक समूह जिसमें क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस शामिल हैं) के लिए बढ़ावा दिया जाता है।

हालांकि 2002 में, यू.एस. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एक निर्णय जारी किया जिसके तहत निर्माताओं को सुरक्षा डेटा की कमी के कारण ओवर-द-काउंटर रेचक उत्पादों से एलोवेरा को हटाने पर बल दिया।

हमें यह पता है कि किसी भी चीज़ की अधिकता हमेशा परेशानियों का सबब बनता है। यह बात एलोवेरा के सेवन में भी लागू होती है। बता दें कि जरूरत से ज्यादा एलोवेरा का सेवन या इस्तेमाल सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।

तो आईये जानते है कि एलोवेरा के अत्यधिक इस्तेमाल या सेवन से आप को किस तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

एलर्जी

लंबे समय तक अत्यधिक एलोवेरा जूस के सेवन से आपको एलर्जी की समस्या हो सकती है। जिसमें खुजली, सीने में जलन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

बॉवेल सिंड्रोम

एलोवेरा जूस के अधिक सेवन करने से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम यानी आइबीएस IBS की समस्या भी हो सकती है। गौरतलब है कि जिन लोगों को पहले से ही इससे जुड़ी समस्या है उनलोगों को एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

डिहाइड्रेशन

आमतौर पर लोग सुबह-सुबह एलोवेरा जूस का सेवन करते हैं। लेकिन अगर जानते है कि अधिक मात्रा में एलोवेरा जूस का सेवन करने से आपको डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है।

ब्लड प्रेशर

ब्लड प्रेशर के मरीजों को एलोवेरा का सेवन बहुत ही सावधानी के साथ करना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों में एलोवेरा का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से उनका ब्लड प्रेशर काफी लो हो सकता है। जो एक खतरनाक स्थिति बना देती है।

इसके अतिरिक्त प्रेग्नेंसी में एलोवेरा का सेवन बेहद हानिकारक होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को एलोवेरा के सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। दिल की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अन्यथा स्वास्थ्यलाभ की जगह कई अन्य समस्याएं बढ़ जायेंगीं।

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