Gathiya Se Bachav: ये उपाय करेंगे गठिया रोग से बचाव, इग्नोर किया तो पड़ेगा पछताना

Gathiya Se Bachav Ke Upay: गठिया रोग एक आम बीमारी है। 50 से अधिक उम्र के लोगों को इसका अधिक खतरा होता है। कुछ तरीकों से आप इससे बचाव कर सकते हैं।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-16 02:15 GMT

Gathiya (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Tips To Control Arthritis: गठिया यानी आर्थराइटिस रोग (Arthritis) बेहद आम है। वैसे तो 50 से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक रहता है, लेकिन आजकल युवाओं को भी ये प्रॉब्लम हो रही है। 35 से 40 साल के लोगों में गठिया के अर्ली सिंप्टम्स (Arthritis Symptoms) नजर आने लगते हैं। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द (Joint Pain) होता है, जो कभी कभी असहनीय हो जाता है। इसके अलावा जोड़ों में अकड़न और सूजन जैसी समस्या भी गठिया रोग (Gathiya Rog) में देखी जाती है। बेकार खानपान, लाइफस्टाइल, फिजिकली एक्टिव न होना और एक्सरसाइज न करना इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है।

गठिया क्या है (Arthritis In Hindi)?

गठिया एक ऐसी बीमारी है जो आपके जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है। आर्थराइटिस में यूरिक एसिड के क्रिस्ट्ल्स ज्वाइंट्स में जमा हो जाते हैं। यह समस्या तब होती है जब शरीर में सामान्य से अधिक यूरिक एसिड (Uric Acid) बनने लगता है। गठिया की शुरुआत सबसे पहले पैर से होती है। गठिया रोग हो जाने पर जोड़ों में काफी ज्यादा दर्द रहने लगता है। कई लोगों को उठने-बैठने में भी परेशानी होने लगती है। कुछ प्रकार के गठिया चोट लगने के बाद होते हैं जो जोड़ को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा कुछ हेल्थ कंडीशन भी गठिया का कारण बनती हैं। 

गठिया के लक्षण (Gathiya Ke Lakshan)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1- जोड़ों का दर्द

2- जोड़ों में सूजन

3- किसी जोड़ के आसपास छूने पर कोमलता या संवेदनशीलता

4- उठते-बैठते या चलते समय घुटनों में दर्द

5- त्वचा का रंग खराब होना

6- जोड़ों में तीखी चुभन होना

7- जोड़ों के पास गर्मी या गर्माहट का एहसास।

गठिया से बचाव के तरीके (Arthritis Prevention Tips In Hindi)

अर्थराइटिस से बचने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव लाने की जरूरत है। आइए जानते हैं किन तरीकों से आप गठिया रोग से बच (Gathiya Se Bachne Ke Tarike) सकते हैं।

1- नियमित एक्सरसाइज करें और फिजिकली एक्टिव रहें।

2- ओमेगा-3, कैल्शियम और विटामिन-डी से भरपूर चीजों को डाइट में शामिल करें।

3- इसके अलावा नट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स और मौसमी फलों को भी डाइट में शामिल करें।

4- अपना वजन प्रबंधित करें।

5- चोट से बचें और अपने जोड़ों की सुरक्षा करें।

6- धूम्रपान न करें।

7- साथ ही साथ अपने पोस्चर का भी ध्यान रखें। सही से बैठने, उठने, खड़ा होने और चलने का तरीका आपको इस बीमारी से बचाने का काम करेगा।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन सुझावों पर अमल करने से पहले या इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

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