Asperger syndrome: इस फिल्म में थी शाहरुख खान को Asperger syndrome की बीमारी, जानें क्या है ये बीमारी और इलाज
Asperger syndrome: बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान आज अपना 57वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। शाहरुख ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्मों का तोहफा दिया है।
Asperger syndrome: बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान आज अपना 57वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। शाहरुख ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्मों का तोहफा दिया है, जिनमें से एक है शाहरुख काजोल स्टारर फिल्म My name is Khan। इस फिल्म में किंग खान को Asperger syndrome बीमारी रहती है। इस फिल्म के बाद इस बीमारी के बारे में जानने को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता देखी गई थी।तो आइए जानते हैं क्या है Asperger syndrome और इसका इलाज:
क्या है Asperger syndrome
ज्यादातर लोग एस्पर्जर सिंड्रोम और ऑटिज्म के बीच फर्क नहीं कर पाते हैं क्योंकि दोनों ही बीमारी एक दूसरे से काफी मिलती जुलती है। ऐसे में फर्क कर पाना थोड़ी मुश्किल हो जाता है। हालांकि एस्पर्जर सिंड्रोम देखने में ऑटिज्म जैसा होता है लेकिन ये उससे थोड़ा अलग होता है। दरअसल यह सिंड्रोम बच्चों में देखा जाता है। जिन बच्चों को एस्पर्जर सिंड्रोम (Asperger syndrome in Child) होता है, वे समाज में घुलना-मिलना ज्यादा पसंद नहीं करते हैं। साथ ही उन्हें दूसरों से बात करने में परेशानी होती है। बता दें इस समस्या में ऐसे बच्चे किसी एक ही चीज को करते रहते हैं। वे एक ही बात को बार-बार दोहराते रहते हैं। हालांकि दिखने में ये बिल्कुल आम बच्चों जैसे ही होते हैं। दरअसल यह एक मेंटल डिसऑर्डर है, जिसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। अगर आपने शाहरुख खान कि फिल्म My Name is Khan देखी होगी तो आपको याद होगा कि इस फिल्म में किंग खान ने जो किरदार निभाया था उसमें उनका बिहेव बाकी व्यक्तियों से काफी अलग था। दरअसल एस्पर्जर सिंड्रोम का नाम ऑस्ट्रियाई बाल रोग विशेषज्ञ डॉ हंस एस्पर्जर के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने पहली बार 1944 में इस बीमारी के बारे में जानकारी दी थी।
एस्पर्जर सिंड्रोम के कारण (Asperger syndrome Causes)
दरअसल इस बीमारी की मुख्य वजह फिलहाल अज्ञात है। लेकिन एक्सपट्र्स का मानना है कि ये एक जेनेटिक बीमारी है। इसका मतलब यह हुआ कि परिवार में किसी को यह समस्या होगी तो उसके आगे की पीढ़ी में भी ये हो सकती है।
एस्पर्जर सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Asperger syndrome)
किसी से नजरें मिलाकर बात करने से घबराना
सामाजिक गतिविधियों में भाग नहीं लेना
किसी से बात करने से बचना
बॉडी लैंग्वेज या सामने वाले व्यक्ति के चेहरे के हाव-भाव को नहीं समझ पाना
कोई गुस्सा कर रहा है या खुशी जता रहा है तो दोनों में फर्क ना कर पाना
कुछ ही भावनाओं यानी अपनी फीलिंग को दिखा पाना
बोलने का तरीका भी रोबोटिक होना
बार बार एक ही बात को दोहराना
बदलाव पसंद ना होना और बदलाव होने पर चिढचिढा होना
चलते समय अपने हाथों को बिल्कुल ना हिलाना
म्यूजिक, मैथ और कंप्यूटर साइंस जैसे सब्जेक्ट में ज्यादा रुचि होना
एस्पर्जर सिंड्रोम का इलाज (Asperger syndrome Treatment)
इस बीमारी का इलाज दवाओं से नहीं किया जा सकता है। हालांकि इस बीमारी से ग्रस्त बच्चे को ठीक करने में डॉक्टर आपकी मदद जरूर कर सकते हैं। इसे कम करने के लिए मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
बता दें अगर बच्चा चिंता या अवसाद में है तो सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (SSRI) दवाओं का उपयोग किया जाता है। लेकिन बच्चों के लक्षण के हिसाब से डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं।
माता-पिता को ऐसे बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए।
दरअसल डॉक्टर, पैरेंट्स की मदद से बच्चे को कुछ कौशल भी सिखा सकते हैं। जैसे कि लोगों से बात करने का तरीका, भाषा का ज्ञान, लोगों की बॉडी लैंग्वेज को समझना आदि सिखाया जा सकता है।
दरअसल कुछ थेरेपी में बच्चे को सोचना भी सिखाया जाता है। इससे वह एक ही बात को बार-बार दोहराए जाने वाली अपनी आदत को बदल पाते हैं।