Sana Makbul Health Problem: जानिए आखिर किस बीमारी से ग्रसित थीं बिग बॉस ओटीटी 3 की विनर सना मकबूल, चलना फिरना भी था मुश्किल

Sana Makbul Health Problem: बिग बॉस ओटीटी 3 की विनर सना मकबूल आखिर कौन सी बीमारी से थीं ग्रसित जानिए क्या होती है ये बीमारी और इसके लक्षण।

Update: 2024-08-04 02:27 GMT

Sana Makbul Health Problem (Image Credit-Social Media)

Sana Makbul Health Problem: बिग बॉस ओटीटी 3 को आखिर अपना विनर सना मकबूल (Sana Makbul) के रूप में मिल चुका है। सना एक खूबसूरत टीवी एक्ट्रेस और मॉडल रहीं हैं। सना ने शो के दौरान कई बार कहा कि उन्हें यकीन है कि उनमे एक विनर क्वालिटी है और उन्हें खुद पर काफी भरोसा भी था। वहीँ शो में सना का कंट्रीब्यूशन भी कमाल का रहा। उन्होंने अपनी निजी ज़िन्दगी के कुछ बेहद दर्दनाक पलों को भी बिग बॉस कंटेस्टेंट्स और दर्शकों के साथ बांटा। आइये जानते हैं आखिर कौन सी थी वो बीमारी जिसने सना का चलना फिरना भी मुहाल कर दिया था।

लिवर की इस समस्या से परेशान थीं सना मकबूल (Sana Makbul Health Problem)

सना मकबूल कई टीवी सीरियल में काम कर चुकीं हैं और उन्हें खतरों के खिलाड़ी में भी देखा गया। सना अपनी फिटनेस के लिए भी जानी जातीं हैं। लेकिन आपको बता दें कि हमेशा से सना इतनी फिट नहीं थीं उन्हें लिवर की एक गंभीर बीमारी थी। जिसके बारे में सना ने बिग बॉस के घर में बताया था। इसके अलावा उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में भी अपने फैंस के साथ इस बात को शेयर किया था।

सना को नॉन-एल्कोहलिक हेपेटाइटिस (Non Alcoholic Hepatitis) की बीमारी थी। इस बीमारी की वजह से उन्हें काफी तकलीफों से गुज़ारना पड़ा था। वो बेड से भी उठने में असमर्थ हो गईं थीं आइये जानते हैं क्या होता है नॉन-एल्कोहलिक हेपेटाइटिस। साथ ही क्या है इसके लक्षण, उपचार और बचाव।

क्या होता है नॉन-एल्कोहलिक हेपेटाइटिस (Non Alcoholic Hepatitis)

नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर जिसे अक्सर एनएएफएलडी भी कहा जाता है, ये एक लीवर की समस्या है जो उन लोगों को प्रभावित करती है जो बहुत कम या बिल्कुल शराब नहीं पीते हैं। दरअसल इस बीमारी में लीवर में बहुत अधिक वसा जमा हो जाती है। यह अधिकतर उन लोगों में देखा जाता है जिनका वजन अधिक है या जो मोटापे से ग्रसित होते हैं।

दरअसल नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर या एनएएफएलडी आज के समय में काफी आम समस्या होती जा रही है, खासकर मध्य पूर्वी और पश्चिमी देशों में, क्योंकि मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ रही है। इसकी गंभीरता हेपेटिक स्टीटोसिस, जिसे फैटी लीवर कहा जाता है।

लीवर में वसा जमा होने के कारण लीवर सूज जाता है और क्षतिग्रस्त तक हो जाता है। इस समस्या से लिवर खराब तक हो सकता है और गंभीर लिवर घाव, जिसे सिरोसिस कहा जाता है, और यहां तक ​​कि लिवर कैंसर भी हो सकता है। यह क्षति भारी शराब के सेवन से होने वाली क्षति के समान है।

वर्तमान में नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर रोग का नाम बदलकर मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लीवर डिजीज (एमएएसएलडी) करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है।

नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर के लक्षण

एनएएफएलडी में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन कभी कभी कुछ लक्षण भी देखने को मिलते हैं। जिनमे कुछ चीज़ें शामिल हो सकतीं हैं आइये जानते हैं वो क्या हैं।

  • थकान महसूस होता है
  • अच्छा महसूस नहीं होता है या अस्वस्थता महसूस होते रहना।
  • पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द या बेचैनी।

सिरोसिस या गंभीर परिस्थिति के लक्षणों में शामिल हैं

  • त्वचा में खुजली।
  • पेट की सूजन, जिसे जलोदर (उह-एसवाई-टीज़) भी कहा जाता है।
  • सांस लेने में कठिनाई।
  • पैरों में सूजन.

त्वचा की सतह के ठीक नीचे मकड़ी जैसी रक्त वाहिकाएँ बनना।

  • बढ़ी हुई प्लीहा.
  • लाल हथेलियाँ.
  • त्वचा और आंखों का पीला पड़ना या पीलिया होना।

इन लक्षणों के अलावा या आप डॉक्टर को कब दिखाएं आइये ये भी जान लेते हैं। दरअसल अगर आपकों किसी भी तरह के लक्षण कई दिनों तक लगातार दिखते हैं जो आपको चिंतित करते हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।

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