Side Effects Of Paneer: जरूरत से ज्यादा पनीर कर सकता है नुकसान, हो सकती है ये परेशानी

Side Effects Of Paneer: यह एक फेवरेट खाना है, खासकर उनके लिए जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं।

Update:2024-01-09 10:15 IST

Side Effects Of Paneer (Photos - Social Media)

Side Effects Of Paneer : पनीर एक अच्छा प्रोटीन स्रोत होता है और इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, सेलेनियम, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये हड्डियों, दांतों, और शरीर के अन्य हिस्सों के लिए फायदेमंद होते हैं। प्रोटीन शरीर के मासपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह एक फेवरेट खाना है, खासकर उनके लिए जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं। बता दें कि इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम और फास्फोरस भी हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक होते हैं, जबकि सेलेनियम और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को मुक्त करते हैं रवानियों से और फाइबर पाचन को सुधारता है।

प्रोटीन की अधिक मात्रा लेने से कई लोगों को दस्त की समस्या हो सकती है। यह तब होता है जब शरीर प्रोटीन को अधिक मात्रा में प्रोसेस करने में सक्षम नहीं होता है, जिससे अतिरिक्त प्रोटीन पेट में गलाने के लिए बौने बाकी अनुपातित तत्वों के साथ मिलकर दस्त के रूप में दिख सकता है। फैट की मात्रा पनीर में फैट की मात्रा होती है, जो अधिकतम खाने से वजन बढ़ सकता है और कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।

Side Effects Of Paneer


पनीर कर सकता है नुकसान

लैक्टोज इंटॉलरेंस :कुछ लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे कि पनीर, दूध, या चीज़, की लैक्टोज टॉलरेंस होती है, जिससे पेट की समस्याएँ हो सकती हैं।

अधिक सोडियम : कुछ प्रकार के पनीर में सोडियम की अधिक मात्रा होती है, जो अधिक सेवन से ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है।

शिखन या माइकोटोक्सिंस : कई बार शिखन या माइकोटोक्सिंस की समस्या होती है, जो खराब रखने के कारण पनीर में पाया जा सकता है। इससे संक्रमण हो सकता है जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रोसेसिंग मेथड्स : कई बार पनीर को बनाने के लिए अधिक वसा और अन्य संशोधनों का उपयोग किया जाता है, जो उसकी सेहतमंदता को कम कर सकता है।

Side Effects Of Paneer


 


ऐसे बनता है पनीर

पनीर बनाने के लिए दूध को प्राथमिक रूप से गर्म किया जाता है। जब दूध गर्म होता है तो उसमें सिट्रिक एसिड, वाइनगर या नींबू का रस मिलाया जाता है, जो दूध को क्रमशः फूटने और फटने की स्थिति में लाने के लिए मदद करता है। जब दूध फूटने लगता है, तो उसे धीमी आंच पर पकाया जाता है ताकि पनीर की छैटनी अलग हो सके। फिर इसे छानकर पानी से धोकर ठंडा कर दिया जाता है। फिर छालना या अन्य तरीके से पनीर को ढक्कन पर रखा जाता है, ताकि उसमें बचा हुआ पानी बाहर निकल सके। इसके बाद, पनीर को ब्लॉक्स या छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जा सकता है।

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