Colitis: तेजी से बढ़ रही कोलाइटिस की समस्या, जानें क्या है इस बीमारी के लक्षण और बचने के उपाय
Colitis: कोलाइटिस की समस्या आज कल काफी तेजी से बढ़ रहा है।दरअसल कोलाइटिस के बारे में आपने बहुत कम ही सुना होगा कोलाइटिस पेट से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें बड़ी आंत में सूजन आ जाती है।
Colitis: कोलाइटिस की समस्या आज कल काफी तेजी से बढ़ रहा है। दरअसल कोलाइटिस के बारे में आपने बहुत कम ही सुना होगा ही? कोलाइटिस पेट से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें बड़ी आंत में सूजन आ जाती है। दरअसल इसे अल्सरेटिव कोलाइटिस भी कहा जाता है। बता दे इसमें मोशन (मल त्याग) का प्रेशर बनता है लेकिन होता नहीं है।
साथ ही इसमें पेट दर्द, ऐंठन की समस्या होना, जोड़ों में दर्द रहना,भूख भी ना लगना और म्यूकस या ब्लीडिंग होना आदि समस्या नजर आती हैं। कोलाइटिस के कई प्रकार भी होते हैं, जैसे अल्सरेटिव प्रोक्टाइटिस (Ulcerative colitis),इस्केमिक कोलाइटिस (Ischemic colitis), माइक्रोस्कोपिक कोलाइटिस (Microscopic colitis), शिशुओं में एलर्जिक कोलाइटिस (Allergic colitis): यह कोलाइटिस छोटे बच्चों में होती है। तो ऐसे में आइए जानते हैं कोलाइटिस से जुड़े लक्षण और इससे बचने के उपाय के बारे में:
कोलाइटिस के लक्षण
कोलाइटिस की समस्या होने पर बुखार होता है। दरअसल इसमें आपको अचानक तेज गर्मी का एहसास हो सकता है और फिर बुखार हो जाना भी कोलाटिस का सामान्य लक्षण है। दस्त की समस्या भी इस बीमारी में हो जाती है। दरअसल इस समय में रोगी को दस्त यानि बार-बार शौच के लिए जाना पड़ सकता है। बता दे आम दस्त के अलावा शौच में खून आना भी कोलाइटिस के लक्षणों में शामिल हैं।
कोलाइटिस होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके बाद ऐसे में रोगी को ज्यादा से ज्यादा पान पीने और ग्लूकोज पिलाने की सलाह दी जाती है। बता दे कोलाइटिस से ग्रसित व्यक्ति के वजन में कमी आ जाती है और कमजोरी के अलावा शरीर में पोषण की कमी होना भी इसमें आम लक्षण है। बता दे पेट के बाएं हिस्से में दर्द का बना रहना और ऐंठन होना कोलाइटिस का एक प्रमुख लक्षण है।
कोलाइटिस का इलाज
दरअसल कोलाइटिस अगर एक बार हो जाए तो इसका पूरी तरह ठीक होना मुश्किल होता है लेकिन इसे इतना कंट्रोल किया जा सकता है कि व्यक्ति एक सामान्य जीवन जी पाता है। इसका इलाज सर्जरी या थेरेपी द्वारा किया जाता है। हालांकि कुछ घरेलू नुस्खों को ध्यान में अपनाकर इसे रोका जा सकता है। इसके लिए कार्बोनेटेड पेय के सेवन से बचना चाहिए, तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए, छोटी मात्रा में और बार-बार भोजन करना चाहिए, केला,तरबूज आदि फल खाना चाहिए। साथ ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।