Asthma in children: कोरोना ने बढ़ाई मुश्किलें, संक्रमण के बाद बच्चों में तेज़ी से बढ़ रहा है अस्थमा

Asthma in children: बच्चों में अस्थमा की समस्या पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।

Report :  Preeti Mishra
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-05-07 12:18 IST

बच्चों में अस्थमा की प्रोब्लम (Social media)

Asthma in children: कोरोना के साथ जिंदगी का ये तीसरा वर्ष चल रहा है। फिर भी चिंताएं हैं कि ख़त्म ही नहीं हो रही है। अबकी बार कोरोना की गाज ज्यादातर बच्चों पर गिर रही है। कोरोना का नया वेरिएंट XE बहुत तेजी से बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। हालाँकि 12 साल से ऊपर के बच्चे वक्सीनेटेड हो चुके हैं। लेकिन बिलकुल छोटे मासूम बच्चे अभी भी इसके डर के साये में जीने को मज़बूर हैं। इतना ही नहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक नई रिसर्च ने भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में भी चिंता बढ़ा दी है। 

बच्चों में अस्थमा की समस्या पहले से ज्यादा

एक स्टडी के अनुसार, कोरोना संक्रमण होने के 6 महीने बाद अस्थमा से पीड़ित बच्चों की स्थिति और भी खराब होने की सम्भावना होती है। शोध में यह बात सामने आयी है कि जो बच्चे पहले से अस्थमा के मरीज़ थे। कोरोना होने के 6 महीने बाद इन बच्चों में अस्थमा की समस्या पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई। और इन्हें बार-बार अस्पताल जाना पड़ा। इतना ही नहीं कुछ बच्चों को तो इमरजेंसी में इनहेलर और स्टेरोइड्स का इस्तेमाल भी करना पड़ा।

दूसरी तरफ, अस्थमा से पीड़ित जिन बच्चों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी , उनकी स्थिति में अगले 6 महीनों में सुधार भी देखा गया। मतलब अस्थमा के कारण न तो उन्हें बार-बार अस्पताल जाना पड़ा और न ही उन्हें स्टेरोइड ट्रीटमेंट की ही जरूरत पड़ी।

CoV-2 वायरस बच्चों में अस्थमा को ट्रिगर करने में काफी सक्षम 

रिसर्च में शामिल वैज्ञानिकों के अनुसार ये नतीजे पिछली स्टडीज के नतीजों से बिलकुल उलट हैं। बता दें कि कोरोना और अस्थमा के कनेक्शन पर किए गए पुराने शोधों के मुताबिक, बच्चों में कोरोना इन्फेक्शन अस्थमा के लक्षणों को नहीं बढ़ाता है। हालांकि नई रिसर्च कहती है कि SARS-CoV-2 वायरस बच्चों में अस्थमा को ट्रिगर करने में काफी सक्षम है।

गौरतलब है कि पुराने शोधों के अनुसार महामारी के पहले साल में लॉकडाउन और मास्क लगाने के कारण बच्चे प्रदूषण की चपेट में आने से बच गए जिससे उनका अस्थमा भी कंट्रोल में रहा। जिसके कारण हेल्थ एक्सपर्ट्स को ऐसा लगा कि कोरोना का अस्थमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। और वे अस्थमा मरीजों और कोरोना के बीच कोई संबंध नहीं निकाल पाए। लेकिन इस नए शोध ने लोगों की चिंताओं को एक बार फिर बढ़ा दिया है। कोरोना के इस दुष्प्रभाव का शिकार होते बच्चों को इस तरह बेबस और लाचार देखना शायद ही कोई बर्दाश्त कर पाये। 

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