Corona Virus Symptoms : लक्षण बता देते हैं कोरोना क्या रंग दिखाएगा

Corona Virus Symptoms : कोरोना वायरस कितनी गंभीर बीमारी पैदा करेगा, इसके लक्षण और संकेत पहले ही मिल जाते हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shraddha
Update: 2021-06-27 06:51 GMT

 कोरोना वायरस संकेत (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Corona Virus Symptoms : कोरोना वायरस (Corona Virus) कितनी गंभीर बीमारी (Serious illness) पैदा करेगा, इसके लक्षण और संकेत पहले ही मिल जाते हैं। एक स्टडी से पता चला है कि जिन लोगों में मतिभ्रम और बदहवासी के लक्षण अचानक प्रगट होते हैं उससे संकेत मिलता है कि उनमें कोरोना वायरस बेहद गंभीर बीमारी पैदा करने वाला है। जिन लोगों में किसी तरह के न्यूरोलॉजिकल लक्षण (Neurological Symptoms) नहीं दिखते हैं उनकी तुलना में दिमागी लक्षण वाले लोगों में गंभीर समस्या होने की आशंका तीन गुना ज्यादा होती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा की एक स्टडी ने ये निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है कि कोरोना से जुड़े अन्य लक्षण न होने पर भी न्यूरोलॉजिकल लक्षण आने वाली समस्या के बारे में पहले ही बता देते हैं। कोरोना के इलाज के क्रम में ऐसे संकेत से बीमारी की गंभीरता का एडवांस में पता चल सकता है।

इस स्टडी के मुख्य लेखक डेविड मर्रा ने बताया कि स्टडी में पता चला है कि ब्रेन से जुड़े कुछ लक्षण, खासतौर पर इंसेफलोपैथी नामक अवस्था कोरोना की गंभीर समस्या का बहुत बड़ा शुरुआती संकेत है। उम्मीद की जाती है कि इस जानकारी से फ्रंटलाइन कर्मचारियों और अन्य हेल्थ केयर कर्मियों को काफी सहूलियत मिलेगी। इससे मरीजों के इलाज को सटीक दिशा भी मिल सकेगी। इस स्टडी के निष्कर्ष क्रिटिकल केयर एक्सप्लोरशन्स पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। ये निष्कर्ष फ्लोरिडा के पांच अस्पतालों में 36600 मरीजों के इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड पर आधारित है। इन मरीजों में से 12 फीसदी में कोरोना की गंभीर बीमारी हुई थी।

 कोरोना वायरस(कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

स्वाद और गंध की शक्ति का जाना

वन फ्लोरिडा क्लीनिकल रिसर्च कंसोर्टियम द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा के विश्लेषण से शोधकर्ताओं को पता चला कि फ्लोरिडा और पूरे अमेरिका से मिला पैटर्न दिखाता है कि जिन मरीजों में स्वाद और गंध की शक्ति चली जाती है उनमें कोरोना की गंभीर बीमारी होने की संभावना काफी कम होती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इंसेफलोपैथी के लक्षण कोरोना बीमारी की गंभीर स्टेज शुरू होने से चंद दिन पहले दिखाई देने लगते हैं। ऐसे मरीजों को आगे चल कर इंटेंसिव केअर ट्रीटमेंट, वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के मरीजों में इंसेफलोपैथी के लक्षण पहचान कर चिकित्सक शुरुआती स्टेज में ही इलाज शुरू कर सकते हैं।

मरीज के परिवार के लोग भी लक्षण पहचान कर अलर्ट हो सकते हैं। महामारी की शुरुआत में एक्सपर्ट्स ये मानते थे कि कोरोना के मरीजों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं मस्तिष्क में वायरस घुस जाने के कारण होती हैं। लेकिन अब पता चला है कि कोरोना वायरस संक्रमण होने पर शरीर में बड़े पैमाने पर जो प्रतिक्रिया होती है उससे मस्तिष्क प्रभावित हो जाता है। यही स्थिति कोरोना से ठीक हो गए मरीजों में बाद में देखी जा रही है। इंसेफलोपैथी के लक्षण में बदहवासी और मतिभ्रम शामिल है। ये वही स्थिति है जो एनेस्थीसिया के बाद होश में आने पर लोगों में होती है। आऐसे में इंसान को दिन, तारीख, हाल की कोई घटना, अपने आसपास के लोगों आदि के बारे में पता नहीं होता।

यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के ब्रेन इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों का कहना है कि मैं मरीज के परिवारवालों से सबसे पहले यही पूछता हूँ कि क्या मरीज नार्मल तरीके से सोच रहा है? आपको मरीज के परिवारवालों से बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां मिल जाती हैं। क्योंकि वे मरीज के साथ हमेशा रहते हैं। ये अत्यंत जरूरी है कि परिवार के लोग इस विषय में बहुत ज्यादा अलर्ट रहें और कोई भी असामान्य बर्ताव देखने पर तत्काल स्वास्थ्य कर्मियों को सूचना दें।

कोरोना महामारी की शुरुआत में ही न्यूरोलॉजिकल समस्याओं वाले ढेरों मामले अमेरिका में आए थे। जैसे जैसे इस वायरस और उससे उत्पन्न होने वाली बीमारी पर रिसर्च आगे बढ़ती जा रही है, हमारे सामने नई नई जानकारियां आ रही हैं। कोरोना का नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क पर असर क्यों होता है और इसका क्या इलाज है, ये अभी पता नहीं चल सका है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि कोरोना वायरस संक्रमण में कई लोगों में मस्तिष्क के टिश्यू ही खत्म होने का अजीबोगरीब पैटर्न देखने को मिल रहा है। ये बहुत खतरनाक चीज है क्योंकि मस्तिष्क के टिश्यू एक बार खत्म हो गए तो फिर हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं।

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