कोरोना वायरस : केरल में ही मिला तीसरा मामला, चीन यात्रा रोकने को उठाए कड़े कदम
वूहान से 330 यात्रियों का दूसरा जत्था भी भारत पहुंच चुका है, जिसमें मालदीव के सात यात्री शामिल हैं। इनमें से सात मालदीवी नागरिकों सहित 300 यात्रियों को आईटीबीपी चावला कैम्प में तथा 30 यात्रियों को मानेसर में रखा गया है। इन सभी लोगों की स्वास्थ्य निगरानी की जा रही है।
नई दिल्लीः केरल में नोवेल कोरोना वायरस के तीसरे मरीज का पता लगा है। इसके अलावा अब तक 445 उड़ानों के 58,658 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है। रोग के लक्षण वाले कुल 142 यात्रियों को अस्पतालों में अलग-थलग रखा गया है। 130 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 128 नमूनों में रोग के लक्षण नहीं पाए गए हैं।
वूहान से 330 यात्रियों का दूसरा जत्था भी भारत पहुंच चुका है, जिसमें मालदीव के सात यात्री शामिल हैं। इनमें से सात मालदीवी नागरिकों सहित 300 यात्रियों को आईटीबीपी चावला कैम्प में तथा 30 यात्रियों को मानेसर में रखा गया है। इन सभी लोगों की स्वास्थ्य निगरानी की जा रही है।
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कोरोना वायरस के इस मरीज ने चीन के वुहान की यात्रा की थी। मरीज में नोवेल कोरोनावायरस के लक्षण पाए गए हैं और अस्पताल में उसे अलग वार्ड में रखा गया है। मरीज की हालत स्थिर है और उसकी कड़ी निगरानी की जा रही है।
उठाये ये कड़े कदम
इस बीच सरकार ने कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए कड़े कदम उठाते हुए चीन के पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीज़ा सुविधा को अस्थाई तौर पर स्थगित कर दिया है। चीन के नागरिकों के लिए पहले से जारी किया गया ई-वीज़ा अस्थाई तौर पर मान्य नहीं है।
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चीन से फिजि़कल वीज़ा के लिए ऑन-लाइन आवेदन दाखिल करने की सुविधा स्थगित है। ऐसे व्यक्ति जिनके पास भारत की यात्रा पर आने के लिए ठोस कारण हैं, उन्हें बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास अथवा शंघाई अथवा गवांगझाव स्थित वाणिज्य दूतावास से संपर्क कायम करने के लिए कहा गया है।
चीन जाने से बचें
सरकार नें इस बीच कोरोना वायरस पर संशोधित चेतावनी जारी की है जिसमें बताया गया है कि चीन की यात्रा से बचें। साथ ही, जो भी 15 जनवरी, 2020 के बाद चीन यात्रा से लौटे हैं वे अपनी जांच करा लें। ऐसी चेतावनी कल भी जारी की गई थी।
कैबिनेट सचिव ने नोवेल कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी का जायजा लेने के लिए आज नई दिल्ली में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिवों तथा आईटीबीपी, एएफएमएस और एनडीएमए के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।