Dengue Prevention Day: डेंगू से बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

Dengue Prevention Day: डेंगू बुखार की भव्यता को देखते हुए प्रति वर्ष 10 अगस्त को विश्व डेंगू निरोधक दिवस के रूप में डेंगू जैसे संक्रमण के प्रकोप से बचाने के लिए मनाया जाता है।

Written By :  rajeev gupta janasnehi
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-08-10 13:20 IST

डेंगू से रहें सावधान pic(social media)

Dengue Prevention Day: "एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है" फ़िल्म की यह लाइन ने सही साबित किया था। एक दशक पहले मच्छर की एक प्रजाति ने ऐसा आतंक मचाया था कि क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी इस डेंगू वायरस से परेशान हो गए थे। हर घर में डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज मिलने लगे थे। यह वही डेंगू बुखार था जिसने बकरी के दूध, पपीते के पत्ते, गिलोय जैसी चीज को आम जनता को रूबरू करा दिया था। बुखार ठीक होने के बाद भी यह अपना एक असर शरीर पर छोड़ देता था। इस डेंगू बुखार की भव्यता को देखते हुए प्रति वर्ष 10 अगस्त को विश्व डेंगू निरोधक दिवस के रूप में डेंगू जैसे संक्रमण के प्रकोप से बचाने के लिए मनाया जाता है।

डेंगू मच्छरों से बच्चों को बचाएं pic(social media)

कौन से मच्छर से होता है डेंगू फीवर

डेंगू बुखार या डेंगू फीवर एक खतरनाक संक्रमण रोग है। डेंगी, डेंगू बुख़ार, डेंगू फीवर, डेंगू ज्वर तथा हड्डी तोड़ बुख़ार के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग का वाहक एड़ीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं- एडीज एजिपटाई (।मकमे ंमहलचजप) तथा एडीज एल्बोपेक्टस के नाम से जाने जाते हैं।

डेंगू के प्रकार

डेंगू वायरस के चार मुख्य प्रकार हैं। एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही किसी खास प्रकार के डेंगू से संक्रमित होता है। क्लासिक डेंगू साधारण प्रकार का डेंगू है, यह स्वयं ही ठीक होने वाला है और इससे मृत्यु नहीं होती। लेकिन यदि व्यक्ति को डेंगू हीमोरेगिक बुखार या डेंगू शाक सिंड्रोम हुआ है और इसका ठीक प्रकार से उपचार नहीं किया गया तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

डेंगू होने पर मरीज का रखें खास ख्याल (सांकेतिक फोटो) pic(social media)

डेंगू बुखार के लक्षण

सामान्यता डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमण होने के 3 से 14 दिन के बाद दिखाई देते हैं और इस बात पर भी निर्भर करता है कि बुखार किस प्रकार का है। डेंगू बुखार के लक्षण एक से अधिक भी हो सकते हैं। लक्षण सामान्यतः डेंगू बुखार में ब्लड प्रेशर का कम होना, रोगी के प्लेटलेट्स कम होना, प्लाज्मा में रिसाव होने के साक्ष्य मिलना, बिना खांसी जुखाम तथा ठंड व कपकपी के साथ अचानक तेज बुखार आना, सिर में दर्द रहना, मिचली, उल्टी आना, शरीर में लाल गुलाबी चकते होना, आंखों लाल रहना, आंखों में दर्द रहना, हमेशा थका थका और कमजोर महसूस करना, जोड़ों में सूजन रहना, भूख ना लगना, खाने की इच्छा की कमी, मुंह का स्वाद खराब होना, पेट खराब हो जाना, नींद ना आना, नींद में कमी यह लक्षण है, तो सामान्यतः व्यक्ति डेंगू से पीड़ित होता हैं।

5 दिन से अधिक समय तक बुखार हो तो तुरंत चिकित्सक से मिले और रक्त जांच कराएंद्य चिकित्सक से मिलने के उपरांत चिकित्सक की सलाह और जांच से जो जांच के बाद चिकित्सक जो आपको दवा दे वह नियमित रूप से लें द्यएक बार जब डेंगू बुखार खून की जांच से प्रमाणित हो जाता हैद्य

डेंगू बुखार के उपचार

अगर ज्यादा तेज़ बुखार नहीं आता है, तो हम रोगी को घर पर भी अच्छे से ठीक कर सकते हैं। सामान्य बुखार प्राथमिक उपचार एवं पेरासीटामोल से भी ठीक किया जा सकता है, क्योंकि ये स्वत: ठीक होने वाला रोग हैं। तो इसके उपचार के लिए लाक्षणिक उपचार ही चाहिए। जैसे-

-रोगी को पर्याप्त आराम करने दें

-घर से बाहर कुछ दिन नहीं जाना चाहिए

-पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ और संतुलित आहार देना चाहिए

-रोगी को एस्परीन या डिस्परीन जैसी दवाई न दें

-रोगी को ज्यादा ही तकलीफ हो रही है तो चिकित्सक से परामर्श ले लेना चाहिए

-खून की जांच करवा लेनी चाहिए

थोड़ी-सी सावधानी से हम इसके निवारण में कामयाब हो सकते हैं। चिकित्सक के अलावा इसमें घरेलू उपचार भी बहुत कारगर हैं। उस बीमारी में घरेलू उपचार से फायदा होने के प्रमाण मिलते हैं इससे प्लेटलेटस में कमी नहीं होती है। डेंगू बुखार के लिए गिलोय, पपीता के पत्ते, ऐलोवेरा, मुसब्बर, वेरा का रस और बकरी का दूध लेना फायदेमंद रहता है।

घरेलु उपचार

-गिलोय के डंठल को तुलसी के पत्तों के साथ उबालकर डेंगू के पीड़ित व्यक्ति को देना चाहिए यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने में व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है।

-हल्दी के बारे में हम सभी जानते हैं यह एक बेस्ट एंटीबायोटिक मानी जाती है। इसको दूध में मिलाकर सेवन हमेशा करते रहना चाहिए।

-।5 तुलसी के पत्ते, 25 ग्राम ताजी गिलोय का तना लेकर और दो-तीन काली मिर्च पीसने के 1 लीटर पानी में गर्म करने जब पानी की मात्रा 250 ग्राम रह जाए तो रोगी को थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में दें यह ड्रिंक आपकी प्रतीक्षा प्राणी को मजबूत बनाती है। और एंटीबैक्टीरियल तक के रूप में कार्य करती है।

-पपीते के पत्तों को गरम करने या पतियों को कूटकर उपयोग में लाया जा सकता है। यह बॉडी से टॉकसेशन बाहर निकालने और प्लेटलेटस की गिनती बनाने में हेल्प करती है।

-मेथी के पत्ते पानी में भिगोकर छानकर पानी पिया जा सकता है। इसके अलावा मेथी पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं। यह पत्तियां बुखार कम करने में सहायता करती है। गोल्डन सी इसका उपयोग जूस बनाकर या चबाकर किया जा सकता है इसमें डेंगू बुखार को बहुत तेजी से खत्म कर शरीर में डेंगू के वायरस को खत्म करने की क्षमता होती हैं

कहीं भी जमा न होने दें पानी pic(social media)

करें यह उपाय

किसी भी रोग के पनपने से पहले अगर हम उसका बचाव कर ले तो वह सब से ही बेहतर रहता है। हालांकि डेंगू के चिकित्सा जगत में जो इलाज उपलब्ध हैं उनके साथ अगर घरेलू कुछ उपचार किए जाएं तथा बचाव को भी ध्यान में रखा जाए तो डेंगू जैसी संक्रमण रोग से न केवल ठीक हुआ जा सकता है बल्कि होने के खतरे को भी टाला जा सकता है। जैसा हम जानते हैं कि डेंगू बुखार मच्छरों के काटने से होता है इसलिए हमें जितना संभव हो मच्छरों से बचाव के तरीके अपनाने चाहिए। डेंगू मच्छर के शरीर पर चीता जैसी धरियां बनी रहती हैं ऐसे मच्छरों से सावधान रहें।

अपने घर के आसपास कहीं भी जलभराव वाली जगह हो तो वहां पर सफाई का खास ध्यान रखें। घर के अंदर और आसपास कहीं भी पानी न जमा होने पर घर के दरवाजे और खिड़कियों की जालियां लगाकर रखें। डिब्बे, कूलर, एसी, पशुओं के लिए रखे गए पानी, गमले में रुके पानी को बदलते रहें और साफ करते रहना चाहिए। खाली बर्तनों को खुले में ना रखें उसे ढक के रखें। घर में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में मच्छर भगाने वाले कोई इलेक्ट्रॉनिक बैटरी का प्रयोग करें। बाहर जाने से पहले अर्थात खुले में अगर किसी भी दावत में आप जाते हैं तो मोस्किटो रिप्लेसमेंट क्रीम का प्रयोग करें। अगर आपके आसपास किसी को यह संक्रमण है तो विशेष सावधानी बरतें।

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