Monsoon Diseases: बारिश में यह बीमारी कर रही है परेशान, लक्षण दिखे , तो तुरंत करे ऐसे देखभाल अपनाए ये तरीके

Monsoon Diseases: देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही अधिक वर्षा के कारण लोगो को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जैसे मच्छरों के बढ़ने से मलेरिया और डेंगू, खासी-ज़ुखाम, टाइफाइड, चिकनगुनिया, टाइफाइड, इन्फ्लुएंजा,आँखों में इन्फेक्शन या कंजक्टिवाइटस।

Update:2023-07-24 16:05 IST
Monsoon Diseases (Photo: Social Media)

Monsoon Diseases: देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही अधिक वर्षा के कारण लोगो को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जैसे मच्छरों के बढ़ने से मलेरिया और डेंगू, खासी-ज़ुखाम, टाइफाइड, चिकनगुनिया, टाइफाइड, इन्फ्लुएंजा,आँखों में इन्फेक्शन या कंजक्टिवाइटस। अधिक लोगो को यह समस्या हो रही है। वर्त्तमान समय में इसकी संख्या में बढ़ोतरी भी देखी गयी है।

1) मलेरिया: मलेरिया मानसून में सबसे आम बीमारियों में से एक है। इसके कारण एक प्रकार के प्लास्मोडियम परजीवी होते हैं, जो अशुद्ध जल और मच्छरों के काटने से होते हैं।

डेंगू: डेंगू एक अन्य जीवाणु डेंगू वायरस के कारण होता है, जिसके बारे में जानकारी मेरे ज्ञान कटौती तक है। यह मच्छरों के काटने से फैलता है और आपत्तिजनक हो सकता है, जिससे बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना आदि लक्षण हो सकते हैं।

3) चिकनगुनिया: चिकनगुनिया भी मच्छरों के काटने से फैलता है और इसके लक्षण डेंगू के लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं।

4) जलवायु बदलाव के संबंधित रोग: मानसून में बारिश और ठंड बढ़ने से जोड़ों में दर्द, सर्दी-खांसी, जल्दी से संक्रमित होना, डायरिया आदि रोग भी प्रभावित कर सकते हैं।

5) टाइफाइड: टाइफाइड एक अन्य प्रकार के जीवाणु सलमनेला टाइफी होते हैं, जो खाने पीने के जल और खाने की चीजों के संक्रमित होने से फैलते हैं। मानसून में भी यह बीमारी प्रभावित कर सकती है।

6) इन्फ्लुएंजा: मानसून के दौरान बदलते मौसम में वायुमंडल के संबंध में आपत्तिजनक इंफ्लुएंजा भी प्रभावित कर सकता है।

क्या होता है आँख का फ्लू या कंजक्टिवाइटस

आँख फ्लू या आँख का इन्फ़्लुएंज़ा, "कॉन्जंक्टिवाइटिस" भी कहा जाता है, आंख की सतह पर होने वाली झिल्ली (कॉन्जंक्टिवा) की सूजन होने से होता है। यह सूजन वायरस, बैक्टीरिया या एलर्जी के कारण हो सकती है और इससे आंखों में लालिमा, खुजली, आंसू बहना और आंखों से विकर्षण होने के लक्षण हो सकते हैं।

तेज़ी से क्यों फ़ैल रहा आँख का फ्लू

यह मानसून की लगातार लंबी अवधि है जिसके कारण लगातार नमी बनी रहती है जिससे वायरस के पनपने और बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे यह हर जगह पीड़ितों को अपनी चपेट में ले लेता है। मानसून और बाढ़ के समय में कंजक्टिवाइटस का संक्रमण अधिक होता है। एक व्यक्ति हो कंजक्टिवाइटस होता है तो डोलो इम्युनिटी वाले दुसरे व्यक्ति को यह रोग तुरंत पकड़ता है।

आँख का फ्लू के कारण

आँख फ्लू के कारण विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन, वायरस, बैक्टीरिया और एलर्जी हो सकते हैं। ये हैं कुछ आम कारण:

1) वायरल इन्फेक्शन: आँख फ्लू का सबसे आम कारण वायरल इन्फेक्शन होता है, जिसमें अधिकतर मामूली कोल्ड वायरस जिम्मेदार होते हैं।

2) बैक्टीरियल इन्फेक्शन: बैक्टीरिया भी कई बार आँखों की सूजन का कारण बन सकते हैं।

3) एलर्जी: कुछ लोगों को धूल, धूल मिट्टी, फूलों, धूले हुए कपड़ों, पोलेन या पेट के उपार्जनों के प्रति एलर्जी होती है, जिससे उन्हें आँख फ्लू की समस्या हो सकती है।

4) आंख के संपर्क में आने से होने वाली इन्फेक्शन: आंख के संपर्क में आने वाले सामान (जैसे की चश्मे, लेंस, आंखों को साफ करने के उपकरण आदि) में इन्फेक्शन होने से भी आँख फ्लू हो सकता है।

5) संक्रमित व्यक्ति से संपर्क: आँख फ्लू एक संक्रामक रोग है और संक्रमित व्यक्ति से संपर्क करने से आसानी से फैल जाता है।

आँख का फ्लू के लक्षण

1) आँखों की लालिमा: आँख फ्लू के मुख्य लक्षण में से एक है आंखों की लालिमा या लाल रंग का होना। जिससे आंखें दर्दनाक दिखती हैं।

2) खुजली: आँख फ्लू के साथ आंखों में खुजली हो सकती है जिससे आंखों को रगड़ने का इच्छा होता है।

3) आंसू बहना: आँख फ्लू से प्रभावित होने पर आंसू बहने लगते हैं।

4) पानी की विकर्षण: आँख फ्लू में आंखों से पानी बह सकता है जो आंखों के चारों ओर जमा हो जाता है।

5) आंखों से पानी निकलना: आँख फ्लू के कारण कई बार आंखों से पानी या रोधी बह सकता है।

6) आंखों का दर्द: आँख फ्लू में आंखों में दर्द हो सकता है, जो कभी-कभी तेज़ भी हो सकता है।

7) आंखों के आसपास गाढ़ा पीला रंग: कुछ वक्त आँख फ्लू के कारण आंखों के आसपास गाढ़ा पीला रंग दिख सकता है।

किसे होता है आँख का फ्लू

1) हाथों को साबुन से धोना: हाथों को बार-बार साबुन से धोकर साफ रखें, क्योंकि वायरस या बैक्टीरिया को हाथ से चुए जाने से आँख फ्लू हो सकता है।

2) सांस लेते समय मुंह को ढककर रखें: अन्य व्यक्तियों के साथ संपर्क में आने पर, विशेष रूप से जब वे खासकर छींक रहे हों, तो सांस लेते समय अपने मुंह को ढककर रखने से आँख फ्लू के संक्रमण का खतरा कम होता है।

3) आंखों को छूने से बचें: आपको आंखों को हाथ से छूने से बचना चाहिए, क्योंकि यदि आपके हाथ पर किसी संक्रमित वस्तु का संपर्क हुआ तो वह आपकी आंखों को भी संक्रमित कर सकता है।

4) आंखों को साफ रखें: अपनी आंखों को ठीक से साफ रखें और अन्य व्यक्तियों के साथ संपर्क से पहले और बाद में हाथ धोने का प्रयास करें।

5) व्यक्तिगत सामान का संयम रखें: अपने व्यक्तिगत सामान (जैसे की चश्मे, लेंस, आंखों को साफ करने के उपकरण आदि) का संयम रखें और दूसरों के साथ साझा न करें।

6) अच्छे स्वास्थ्य का ध्यान रखें: अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम करें, स्वस्थ खानपान का ध्यान रखें और पर्याप्त नींद लें। स्वस्थ शरीर संक्रमण से लड़ने की क्षमता में मदद करता है।

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