Dry Ginger Benefits: सर्दी के मौसम में कई मौसमी बीमारियों से बचाता है सौंठ का सेवन, वेटलॉस से लेकर इम्युनिटी स्ट्रांग करने में रहता है इसका बड़ा रोल

Dry Ginger Benefits: सर्दियों में सौंठ के सेवन से कई तरह के फायदे होते हैं। जानिए इनके बारे में।

Report :  Jyotsna Singh
Update:2024-11-29 10:05 IST

Dry Ginger Benefits

Dry Ginger Benefits: किचन के लिए अदरक एक ऐसी ज़रूरी सामग्री है, जिसका इस्तेमाल लगभग हर तरह की सब्जियों का मसाला तैयार करने में प्रमुखता से किया जाता है। वहीं सर्दियों के मौसम में अदरक वाली चाय का कहना ही क्या। अदरक सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि स्वास्थ्यप्रद मसालों में से एक मानी गई है, जो पोषक तत्वों और बायोएक्टिव यौगिकों से भरपूर है। अपनी इन्हीं खूबियों के चलते ये शरीर और मस्तिष्क को कई तरह के लाभ प्रदान करती है। लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि अदरक जितनी ज्यादा हमारे खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ शरीर के लिए उपयोगी साबित होती है उतनी ही अधिक फायदेमंद इसको सुखाकर तैयार की गई सौंठ भी होती है।

सौंठ असल में अदरक के पाउडर के रूप में एक तीखे स्वाद वाला गर्म मसाला है, जो सूखे अदरक से बनता है। सौंठ या सूखी अदरक सदियों से पारंपरिक चिकित्सा की समृद्ध श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। यह वात और कफ दोषों को संतुलित करने में प्रमुखता से इस्तेमाल की जाती है। साथ ही ये पित्त दोष को भी बढ़ाती है। सौंठ का आमतौर पर उपचारात्मक गुणों के कारण काढ़ा या चूरन के रूप में प्रयोग किया जाता है। सूखी अदरक हमारे पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करने के साथ भूख बढ़ाने में सहायता करती है। इसके अलावा पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में सक्षम होती है। श्वसन प्रणाली और उम्र बढ़ने पर कमजोर हो जाने वाले हमारे हड्डियों के जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में कारगर भूमिका निभाती है। सोंठ में विटामिन सी, फ़ाइबर, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। सौंठ पाउडर का उपयोग हमारी रसोईयों में हल्दी , लाल मिर्च, जीरा, धनिया, सौंफ और दालचीनी जैसे अन्य मसालों के साथ ही किया जाता है।आइए जानते हैं सोंठ यानी सूखी अदरक से जुड़े औषधीय गुणों के बारे में...


सोंठ में कई तरह औषधीय गुण पाए जाते हैं

- सोंठ में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। यही वजह है कि सोंठ का सेवन करने से इम्यूनिटी मज़बूत होती है।

- सोंठ का सेवन करने से सर्दी-ज़ुकाम, बुखार, गले की खराश जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

- सोंठ का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

- सोंठ का सेवन करने से कब्ज़ से राहत मिलती है।

- सोंठ का सेवन करने से पेट की समस्याओं जैसे अपच, गैस, एसिडिटी से राहत मिलती है।

- सोंठ का सेवन करने से वज़न कम करने में मदद मिलती है।

- सोंठ का सेवन करने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।


सोंठ का सेवन करने का तरीका

- सोंठ को चाय में मिलाकर पिया जा सकता है।

- सोंठ, अदरक, तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, और लौंग के मिश्रण से काढ़ा बनाया जा सकता है।सोंठ के दूध में अगर शहद मिलाया जाए तो दूध और ज्‍यादा पौष्‍टिक बन जाता है और शरीर को ज्यादा फायदा हो सकता है।

- रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ सोंठ का बिस्तर में जाने से पहले सोंठ वाला दूध खासकर सर्दियों में एक गिलास दूध में सोंठ को मिलाकर सेवन करने से सोंठ वाले दूध का सेवन करने से गले की खराश के लिए फायदेमंद साबित होता है। अगर आप गले में खराश सी महसूस कर रहे हैं तो सोंठ को दूध में मिला कर पीने से कुछ ही दिनों में गले की खराश गायब हो सकती है।सोंठ गले के इंफेक्‍शन से भी राहत दिलाने में फायदेमंद मानी जाती है। सोंठ वाले दूध का सेवन रात में करना चाहिए जिससे पुरानी कब्ज, पेट दर्द, एसिडिटी से परेशान लोगों को लाभ मिलता है।

- सौंठ पाइडर को एक गिलास पानी में उबालकर गुनगुना करके पीने से कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। कब्ज के लिए सौठ रामबाण मानी जाती है। सोंठ पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिला सकती है।

- गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या से जूझ रहें हैं तो रात में सोने से पहले दूध में अगर सोंठ डाल कर पिया जाए तो कुछ ही दिनों में आपको जोड़ों के दर्द से आराम मिल सकता है। सोंठ को गर्म पानी के साथ शहद डाल कर पीने से भी आपको गठिया जैसी बीमारी में लाभ मिल सकता है।

- अगर आपको लगातार हिचकी की समस्या हो रही हो तो उसे सौंठ के उपाय से रोका जा सकता है। इसके लिए सौंठ को दूध में उबाले और दूध को ठंडा कर पिएं। सोंठ को दूध में उबालकर, ठंडा करके पीने से वह कुछ ही मिनट में हिचकियां आना बंद हो जाती हैं।

- सोंठ के दूध का सेवन करने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।

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सोंठ के नुकसान

- सोंठ एक गर्म तासीर का मसाला है। इसका जरूरत से ज्यादा खाने में इस्तेमाल से पेट संबंधी रोग यानि डायरिया होने का खतरा रहता है। इसलिए इसका इस्तेमाल चिकित्सक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।

-गर्म तासीर के इस मसाले का इस्तेमाल लंबे समय तक करने से सीने में जलन और गैस जैसी दिक्कतें घेर सकती हैं।

- सोंठ का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से मुंह में और पेट में जलन की समस्या भी हो सकती है। इसलिए हमेशा इसका एक निश्चित मात्रा में ही सेवन किया जाना चाहिए।

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अदरक का पौधा गमले में लगाने का तरीका

गमले में अदरक का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले, एक बड़े गमले में मिट्टी भरें। ध्यान रहे मिट्टी थोड़ी नरम होनी चाहिए। मिट्टी में गोबर की खाद मिलाएं। मिट्टी को अच्छी तरह से मिक्स करें। अब, अदरक के बीज या अंकुरित अदरक को मिट्टी में दो-तीन इंच अंदर तक लगाएं। बीज लगाते समय पानी भी डालते रहें। गमले को ऐसी जगह रखें, जहां पर्याप्त धूप आती हो। मौसम के हिसाब से पौधे में उचित मात्रा में पानी दें। इस बात का ध्यान रखें कि ज़्यादा पानी डालने से पौधे के बीज गल सकते हैं। अदरक के पौधे को उगने में आम तौर पर 20 से 25 दिन लगते हैं। जब पौधा और अदरक हरवेस्टिंग के लिए तैयार हो जाए, तो सावधानीपूर्वक अदरक निकालकर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

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