Health News: अल्जाइमर रोग से बचाएगा व्यायाम, आदतों में बदलाव लाकर पाएं इस पर काबू
Health News: अल्जाइमर रोग एक न्यूरोलॉजिकल विकार है। नियमित रूप से व्यायाम करने से इस रोग से बचा जा सकता है।
Health tips: अल्जाइमर रोग (Alzheimer disease) न्यूरोलॉजिकल विकारों (neurological disorders) में से एक है। आज दुनियाभर में तेजी से इसके मामले बढ़ते जा रहें हैं। डेमेंशिया (dementia) का सबसे सामान्य प्रकार अल्जाइमर है। बता दें कि अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं।
चूँकि यह एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें कुछ मामलों में मस्तिष्क में सिकुड़न की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इन्हीं जटिलतााओं के कारण लोगों में याददाश्त संबंधी समस्याओं के साथ संज्ञानात्मक क्षमता (cognitive ability) में भी कमी आ सकती है। ज़ाहिर सी बात है ऐसे में अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगों का दैनिक जीवन (Daily Life) भी काफी प्रभावित हो जाता है।
भारत में अल्जाइमर पीड़ितों की संख्या बढ़ी
दुनिया भर में इसके बढ़ते आंकड़े चौकाने और डराने वाले हैं। बता दें कि हर साल अकेले अमेरिका में अल्जाइमर रोग के 5 मिलियन (50 लाख) मामले सामने आते हैं। जो विशेषज्ञों के अनुसार साल 2060 तक इसके सालाना मामलों में लगभग तीन गुना तक की वृद्धि हो सकती है। वहीं भारत में भी इस रोग के मामले दिन-प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ते जा रहे है। जो काफी चिंताजनक है।
21 सितंबर को 'वर्ल्ड अल्जाइमर डे' ('World Alzheimer's Day')
अल्जाइमर रोग की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 21 सितंबर को 'वर्ल्ड अल्जाइमर डे' मनाया जाता है। क्योकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार लोगों में जागरूकता फैलाकर ही उन्हें इस रोग से सुरक्षित रहने में मदद की जा सकती है।
गौरतलब है कि अल्जाइमर रोग की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। वैसे 60 वर्ष से अधिक के लोगों में यह रोग ज्यादा होता है। मस्तिष्क में प्लाक और टैंगल के कारण लोगों में इस समस्या का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है जो कभी-कभी मौत का भी कारण बन जाता है।
अल्जाइमर के लक्षण (symptoms of alzheimer's)
अल्जाइमर या साधारण भाषा में कहें तो भूलने की बीमारी। अल्जाइमर रोग का प्रमुख लक्षण लोगों में याददाश्त संबंधी समस्याओं को ही माना जाता है। जिसमें रोगियों को हाल की घटनाओं को याद करने, चीजों को रखने के बाद भूल जाने, हाल ही में मिले लोगों के नाम न याद आने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई बार रोग के बढ़ने के साथ इसके लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं, जो बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
जिसमें सुरक्षा और जोखिमों की समझ न होना, समस्याओं में निर्णय लेने में कठिनाई महसूस होना, अवसाद, उदासीनता और समाज से दूरी बना लेना, चिड़चिड़ापन और सोने की आदतों में बदलाव, पहले की तुलना में अधिक बार बात-बात पर परेशान या क्रोधित होना, उन गतिविधियों में रुचि न लेना जो आमतौर पर आनंद देती हैं आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं जो व्यक्ति के अंदर अल्जाइमर रोग बढ़ने का इशारा करते हैं।
कारण (reason)
हालाँकि अभी तक अल्जाइमर रोग के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार मस्तिष्क में कुछ प्रकार के प्रोटीन के सामान्य रूप से कार्य करने में विफल रहने के कारण ही लोगों को यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा अल्जाइमर रोग आनुवंशिक, जीवन शैली और पर्यावरणीय कारकों के कारण भी हो सकता है।
बचाव
वैसे तो अल्जाइमर रोग से बचाव का अभी तक कोई पुख्ता तरीका नहीं है। लेकिन जीवन शैली से संबंधित जोखिम कारकों को संशोधित जरूर कर सकते है। अपनी आदतों में कुछ परिवर्तन लाकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। जी हाँ आहार, व्यायाम और दैनिक आदतों में सकारात्मक परिवर्तन करके अल्जाइमर रोग से बचाव किया जा सकता है। हृदय को स्वस्थ रखने वाले आदतों को प्रयोग में लाकर स्वयं को इस खतरे से सुरक्षित रखा जा सकता है।
इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम (exercise regularly) करना, हेल्दी ऑयल और कम सेचुरेटेड फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल के रोकथाम और नियंत्रण का प्रयास करना और धूम्रपान से दूरी बना लेना जैसी कुछ आदतों को अपनी ज़िन्दगी में शामिल करके अल्जाइमर रोग से बचा जा सकता है।
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