Fennel Seeds Benefits: अपनी जानदार खुशबू के साथ स्वास्थ, सेहत और सौंदर्य वृद्धि में कारगर साबित होती है सौंफ

Fennel Seeds Benefits: सौंफ माउथ फ्रेशनर से लेकर पेट और स्किन के लिए कई मायनों में फायदेमंद होती है। इसके छोटे दानों में कई औषधीय तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन ए और विटामिन सी पाए जाते हैं।

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2024-11-30 10:44 IST

Benefits of Fennel   (photo: social media )

Fennel Seeds Benefits: भारत एक ऐसा देश है जहां संस्कृतियों विविधताओं के साथ ही यहां के रहन सहन, पहनने-ओढ़ने और यहां तक कि खान पान में भी अनगिनत भिन्नताएं देखने को मिलती हैं। यहां बात करें भारतीय मसालों में प्रमुखता से शामिल सौंफ की तो इसका इस्तेमाल इसकी बेहतरीन खुशबू के चलते समूचे देश में कई अलग-अलग पकवानों में कई तरह से किया जाता है। वहीं अगर बात करें इसके स्वास्थ से जुड़े फायदों की तो सौंफ एक पारंपरिक मसाला है, जो हमारे शरीर के लिए कई तरह से उपयोगी हो सकता है। सौंफ माउथ फ्रेशनर से लेकर पेट और स्किन के लिए कई मायनों में फायदेमंद होती है। इसे अंग्रेजी में Fennel Seeds भी कहते हैं। इसके छोटे दानों में कई औषधीय तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन ए और विटामिन सी पाए जाते हैं। पेट संबंधी परेशानियों के लिए सौंफ रामबाण औषधि की तरह काम करती है। लेकिन इसके कुछ हानिकारक प्रभाव भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं सौंफ से जुड़े कुछ उपयोगी और हानिकारक प्रभावों के बारे में-

Fennel Seeds सौंफ के प्रकार

सौंफ़ दो तरह की होती है

हरी पत्ती वाली आम सौंफ़ (फ़ोएनिकुलम वल्गेर) वहीं दूसरी कांस्य-पत्ती वाली किस्म एफ़. वल्गेर ’पर्पुरियम’ सौंफ़ की एक और किस्म है, जिसे फ़्लोरेंस सौंफ़ या फ़िनोचियो के नाम से भी जाना जाता है। इसका तना बल्ब जैसा दिखता है। सौंफ़ को अम्बेलिफ़ेरे (एपियासी) परिवार का औषधीय पौधा माना जाता है। सौंफ़ में कैलोरी की मात्रा कम और फ़ाइबर ज़्यादा होता है।


सौंफ से फायदे

पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।

सौंफ में मौजूद फाइबर और कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन ए और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

गैस और अपच को कम करता है

सौंफ में मौजूद वाष्पशील तेल गैस और अपच को कम करने में मददगार साबित होता है। इसीलिए खाना खाने के बाद सौंफ खाने का चलन है।

मुंह की दुर्गंध को दूर करने में मददगार

सौंफ का उपयोग लंबे समय से मुंह की बदबू को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। खासतौर से भारत में खाना खाने के बाद सौंफ खाने की परंपरा इसीलिए बनाई गई है।पान खाने के शौकीन लोग सौंफ के पान को ख़ासतौर पर पसंद करते हैं।


त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

सौंफ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

-वजन घटाने में- सौंफ (Fennel Seeds) उनके लिए वरदान की तरह है, जिनका वजन ज्यादा है। इसके सेवन से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और कैलोरी तेजी से बर्न होती है और वजन घटने लगता है।

-आंखों की रोशनी बढ़ाने में -सौंफ का सेवन आंखों की रोशनी के लिए अच्छा माना जाता है। आदि काल से आयुर्वेद चिकित्सा में इसका इस्तेमाल आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है।


सौंफ से होने वाले हानिकारक प्रभाव

एलर्जी की संभावनाः

सौंफ का अत्यधिक सेवन करने से एलर्जी हो सकती है, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारकः

सौंफ गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को सौंफ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

शुगर के मरीजों के लिए हानिकारः

सौंफ मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए मधुमेह रोगियों को सौंफ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैंः

सौंफ का अत्यधिक सेवन करने से पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।


सौंदर्य वृद्धि में सौंफ का उपयोग

सौंफ का उपयोग सौंदर्य वृद्धि में कई तरह से किया जा सकता है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनका उपयोग आप सौंफ को सौंदर्य वृद्धि में इस्तेमाल करने के लिए कर सकते हैंः

बालों को मजबूत बनाने में

सौंफ का उपयोग बालों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। इसके लिए, आप सौंफ के बीजों को पानी में भिगो दें और फिर इस पानी का उपयोग बालों को धोने के लिए करें।

त्वचा की देखभाल में

सौंफ का उपयोग त्वचा की देखभाल के लिए किया जा सकता है। इसके लिए, आप सौंफ के बीजों को पानी में भिगो दें और फिर इस पानी का उपयोग त्वचा को साफ करने के लिए करें।

बालों की देखभाल में

सौंफ का उपयोग काले और चमकीले बालों की गुणवत्ता बढ़ान के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए, आप सौंफ के बीजों को पानी में भिगो दें और फिर इस पानी का उपयोग बालों को धोने के लिए करें।

चेहरे के दाग-धब्बों को दूर करने में

सौंफ का उपयोग चेहरे के दाग-धब्बों को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके लिए, आप सौंफ के बीजों को पानी में भिगो दें और फिर इस पानी का उपयोग चेहरे को साफ करने के लिए करें।

इसके साथ यह ध्यान रखें कि सौंफ का उपयोग सौंदर्य वृद्धि में करने से पहले । आपको अपने डॉक्टर या सौंदर्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करना चाहिए।


सौंफ की खेती कहां की जाती है?

सौंफ की खेती शुरुआती दौर में भूमध्यसागरीय क्षेत्र में की जाती थी।लेकिन अब यह विश्व भर में उगाई जाती है। मुख्य रूप से भारत सौंफ का एक प्रमुख उत्पादक देश है, जहां यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल में उगाई जाती है। वहीं चीन सौंफ का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जहां यह मुख्य रूप से शांक्सी और शानडोंग प्रांतों में उगाई जाती है। मिस्र सौंफ का एक प्रमुख उत्पादक देश है, जहां यह मुख्य रूप से नील नदी की घाटी में उगाई जाती है। इसके अलावा तुर्की सौंफ का एक प्रमुख उत्पादक देश है, जहां यह मुख्य रूप से मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में उगाई जाती है। ग्रीस भी सौंफ का एक प्रमुख उत्पादक देश है, जहां यह मुख्य रूप से पेलोपोन्नेस और क्रीट द्वीप में उगाई जाती है। इन देशों के अलावा, सौंफ की खेती अन्य कई देशों में भी की जाती है, जिनमें इटली, स्पेन, और पुर्तगाल का नाम भी शामिल हैं।

घर के गमले में इस तरह लगाएं सौंफ का पौधा

सौंफ का पौधा घर के गमले में भी लगाया जा सकता है। सौंफ का पौधा एक वर्षीय पौधा है, जो आसानी से गमले में उगाया जा सकता है। सौंफ का पौधा लगाने के लिए एक बड़े गमले का चयन करें। गमले का आकार कम से कम 12-15 इंच का होना चाहिए। सौंफ का पौधा लगाने के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी का चयन बेहद जरूरी है। मिट्टी में पर्याप्त जैविक पदार्थ और पोषक तत्व होने चाहिए। सौंफ के स्वस्थ पौधे पाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का होना बेहद जरूरी है। बीजों को गमले में 1/4 इंच की गहराई पर लगाएं।

अंत में सौंफ का पौधा लगाने के बाद, गमले में सिर्फ नमी बने रहने की अवस्था तक ही पानी दें। मिट्टी को अधिक गीला न करें। सौंफ के पौधे को पूर्ण धूप में रखें और तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहे। सौंफ का पौधा लगाने के बाद, नियमित रूप से निराई-गुड़ाई भी जरूरी है। इससे पौधे की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और कीटों और रोगों से बचाव होगा। सौंफ का पौधा 3-4 महीने में तैयार हो जाता है।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

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