Keto diet: कीटो डाइट का पालन लाता है मल्टीपल स्केलेरोसिस के मरीजों के अंदर आशाजनक सुधार
Keto Diet: कीटो आहार मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) के लक्षणों को कम करने में योगदान दे सकता है। कम फैट वाला, उच्च कार्ब आहार एमएस से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
Keto Diet: मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple sclerosis) एक ऐसी क्रोनिक ऑटोइम्यून बीमारी (chronic autoimmune disease) हैं जिसमे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) अपने स्वयं के ऊतकों को प्रभावित करती है और रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। इस बीमारी में नस की क्षति के कारण मस्तिष्क और शरीर के बीच संचार बाधित हो जाता है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के अंग धीरे-धीरे कमजोर होते जाते हैं। इस बीमारी के कारण पीड़ित व्यक्ति अँधा हो जाता है या उसे ठीक तरह से देखने में परेशानी होती है तो वहीँ इस रोग के रोगियों को बोलने में असुविधा होने के साथ-साथ उन्हें ध्यान केन्द्रित करने मे कठिनाई होती है।
कैसे हो सकते हैं Multiple sclerosis के मरीज ठीक
एक अध्ययन में कहा गया है कि इस बात के प्रमाण हैं कि कीटो आहार मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) के लक्षणों को कम करने में योगदान दे सकता है। स्टडी के अनुसार कम फैट वाला, उच्च कार्ब आहार एमएस से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया और चिल्ड्रन हॉस्पिटल ऑफ फिलाडेल्फिया के शोधकर्ताओं और डॉक्टरों द्वारा किए गए 65 लोगों पर किया गए अध्ययन के बाद यह स्टडी जारी की गयी है। स्टडी के अनुसार इन 65 लोगों ने लगातार 6 महीने तक सख्त कीटो डाइट रूटीन में भाग लिया था। स्टडी के परिणाम न्यूरोलॉजी अकादमी की 74वीं वार्षिक आम बैठक में शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किये गए थे।
स्टडी के अनुसार प्रतिभागियों ने एक सख्त कीटो डाइट रूटीन का पालन किया और अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन को एक दिन में 20 ग्राम तक सीमित कर दिया। उन्होंने कार्ब के लिए रोजाना एक सेब या एक मध्यम आकार के केले का जी सेवन किया।
शोध में भाग लेने वाले प्रतिभागी अंडे, मछली और मांस पर निर्भर थे और उन्हीने एवोकैडो, मक्खन, क्रीम, जैतून का तेल, और कम या गैर-स्टार्च वाली सब्जियों जैसे पत्तेदार साग की मदद से फैट की कमी पूरी की।
कीटो आहार महंगी दवाओं का एक आशाजनक विकल्प
83 प्रतिशत प्रतिभागियों ने पूरी लगन से कीटो आहार का पालन किया और उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ। वहीँ एमएस से पीड़ित प्रतिभागियों के अंदर भी उल्लेखनीय सुधार आया।
स्टडी के परिणामों के अनुसार कीटो आहार पर स्विच करना मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी कुछ पुरानी बीमारियों के लिए दवाओं का एक सुलभ और आशाजनक विकल्प हो सकता है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जे. निकोलस ब्रेंटन ने इस अध्ययन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि कीटो डाइट वास्तव में फायदेमंद और सुरक्षित हो सकती है। वे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक सस्ता तरीका साबित हो सकते हैं।
6 महीने तक कीटो आहार लेने के बाद, प्रतिभागियों ने अपने एनर्जी लेवल में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी। उन्होंने मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षणों में विशिष्ट सुधार बताया और कहा कि आहार लेने के बाद उन्होंने कम विकलांगता का अनुभव किया और चलने सहित अपने दैनिक दिनचर्या को बेहतर तरीके से निपटा सकते थे। प्रतिभागियों ने यह भी बताया कि कीटो डाइट रूटीन फॉलो करने के बाद उनके वजन में भी कमी आयी है।
क्या होती है कीटो डाइट
केटोजेनिक डाइट जिसे सामान्यतया कीटो डाइट के रूप में भी जाना जाता है, जिसमे कम कार्ब और उच्च वसा वाले आहार पर जोर दिया जाता है। इस डाइट में प्रोटीन के सेवन पर भी ज्यादा जोर दिया जाता है। कीटो डाइट में चिकन, रेड मीट और मछली को शामिल किया जाता है। इस डाइट में डेरी प्रोडक्ट्स जैसे पनीर, मक्खन और क्रीम के सेवन पर भी जोर दिया जाता है। नट्स भी कीटो डाइट का एक अहम् हिस्सा होते हैं। इसके अंतर्गत बादाम, अखरोट, अलसी, और चिया सीड्स का सेवन किया जाता है जो शरीर के लिए अभूत ही लाभदायक होता है।
कीटो डाइट प्लान में सब्जियों को शामिल करना बहुत जरुरी होता है। वहीँ इस डाइट में आप फलों में जामुन, और तरबूज का सेवन कर सकते हैं। सब्जियों में पालक, टमाटर, फूलगोभी, कच्चा केला, पत्तागोभी, शिमला मिर्च, लौकी आदि को शामिल किया जाता है।