Health Tips : मायोपिया के लक्षण और आसान घरेलू नुस्खे

Update: 2018-09-14 11:00 GMT
Health Tips : मायोपिया के लक्षण और आसान घरेलू नुस्खे

नई दिल्ली : आजकल ज्यादातर लोगों की आंखों में निकट दृष्टि दोष यानी मायोपिया पाया जाने लगा है। यही वजह है कि बच्चों तक में नजदीक का चश्मा लगाना पड़ रहा है। जिन लोगों को 2 मीटर या 6.6 फीट की दूरी के बाद चीजें धुंधली दिखती हैं उन्हें मायोपिया का शिकार माना जाता है। एशियाई शहरों में करीब 10 से 12 प्रतिशत स्टूडेंट्स इस समस्या से ग्रस्त होते हैं, इसकी वजह से वह अपनी आंखों की रोशनी भी खो सकते हैं। मायोपिया अगर गंभीर न हो तो चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। अगर स्थिति गंभीर हो तो रिफ्रैक्टिव सर्जरी ही इसका उपचार है।

स्यूडोमायोपिया : इस तरह का मायोपिया कार्य के दौरान ज्यादा फोकस करने से होता है। यह विडियो गेम या कंप्यूटर पर ज्यादा वक्त बिताने वाले बच्चों या युवाओं में होता है।

इनड्यूस्ड मायोपिया : यह शरीर में ज्यादा दवाओं के इस्तेमाल या ग्लूकोज की ज्यादा मात्रा की वजह से होता है।

नोक्टूरनल मायोपिया : इस तरह का मायोपिया कम रोशनी या रात के समय देखने में परेशानी पैदा करता है।

डिजनेरेटिव मायोमिया : यह मायोपिया समय के साथ गंभीर होता जाता है और बढ़ता जाता है। यह अंधत्व का भी कारण होता है।

लक्षण

  • आंखों का भैंगा होना
  • चक्कर आना
  • दूरी पर लिखे अक्षर न पढ़ पाना
  • सिर में दर्द रहना
  • टेलीविजन धुंधला दिखना

मायोपिया के कारण

जिन्हें थोड़ी दूर की चीजें भी साफ दिखाई नहीं देतीं, उसे रिफरेक्टिव एरर कहते हैं। मायोपिया से ग्रस्त लोगों में आईबॉल बहुत लंबी हो जाती है या फिर कॉर्निया बहुत ज्यादा कर्वी हो जाता है जिससे आंख में पहुंचने वाला प्रकाश ठीक तरह से फोकस नहीं कर पाता। ऐसे में किसी भी चीज की तस्वीर, रेटिना पर न बनकर उसके सामने बन जाती है जिससे चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। यह समस्या उम्र के साथ बढ़ती जाती है। मायोपिया की समस्या से जूझ रहे लोग चश्मा या कांटेक्ट लेंस के जरिये समस्या से निजात पा सकते हैं लेकिन समस्या ज्यादा हो तो ऑपरेशन द्वारा ही इलाज संभव है।

बचाव के लिए सामान्य उपचार

  • आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आंवला का प्रयोग करें।
  • नारियल, मिश्री, सौंफ और बादाम को मिलाकर मिक्सर पाउडर बनायें। दिन में दो बार खाएं।

    लंबे समय तक टेलीविजन देखने या पढऩे से बचें।

  • त्रिफला चूरन रोजाना लें।
  • ब्रीथिंग व्यायाम करें।
  • प्रदूषण या धूप में निकलने से पहले आंखों पर चश्मा पहनें।
  • जहां काम करें, वहां पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए।
  • मुंह में पानी भर कर आंखों को ताजे पानी से धोएं।

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